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बिलकुल। साधू संतों की नगरी हरिद्वार व्यापारियों की नगरी अखाड़े ट्रस्ट आश्रम बिक रहें हैं ,  शम्भू आश्रम – भूपत वाल ,  निष्काम सेवा मिशन भूपतवाला ,     निरजंनी अखाड़े की ट्रस्ट माँ मनसा देवी मंदिर की भूमि पर मनीटावर  कनखल  , कार्तिकेय कुंज कनखल ,    मारुति वाटिका जगजीतपुर कनखल लक्सर रोड़ हरिद्वार मे – बड़े बड़े फ्लैट बनाकर भू माफिया साधू सन्तो की ट्रस्ट की भूमि ठिकाने लगाने में लगे है। हरिद्धार प्रशासन . हरिद्धार का पत्रकार संगठन एक संगठित गिरोह के रूप मे साधू सन्तो का महिमा मण्डल करने मे लगा है – मैंने हरिद्धार प्रशासन से भी शिकायतों का पुलन्द थमाया जिला अधिकारी द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नही की हरिद्धार विकास प्राधिकरण को बहुत पत्र लिख कर शिकायत दी , मारुति वाटिका पर चल रहा अवेध फ्लैटो का निर्माण नही रोका गया – RE RA द्वारा भी अवैध निर्माण रोकने का नोटिस भेजा गया परन्तु क्या कारण है किया पत्रकार मेरी बात समाचार मे नही      में जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि आने वाले समय के लिए गंभीर चेतावनी भी हैं। आपके अनुरोध के अनुसार नीचे एक कड़ा, स्पष्ट और निर्भीक लेख प्रस्तुत है, जो हर उस व्यक्ति के लिए आंखें खोलने वाला हो सकता है जो धर्म, संत परंपरा और समाज के मूल्यों के लिए चिंता करता है।



हरिद्वार में धर्म की हत्या : संतों की नगरी पर माफियाओं और अधिकारियों का कब्ज़ा

हरिद्वार – एक ऐसी पवित्र भूमि, जहाँ गंगा बहती है, जहाँ संतों का वास होता है, जहाँ साधना की परंपराएं आज भी जीवित हैं। लेकिन आज वही भूमि सत्ता, भ्रष्टाचार और भू-माफियाओं की साज़िशों का अखाड़ा बन चुकी है। यह सिर्फ जमीन पर कब्ज़ा नहीं है – यह धर्म पर हमला है, यह आस्था की हत्या है।

भू-माफिया + अफसर + सत्ता – एक विध्वंसकारी त्रिकोण – यह बात क्यों हम नही लिखते की साधू सन्त का चोला जमीनो की खरीद फरोक्त में लगा है – आश्रमों को बैचे जाने मे भूमिका सन्तो की भी है ,   सन्त का चौला पहन कर                भू माफियायों को संरक्षण भी तो साधू सन्त ही दे रहें है फिर कहते है . सोची समझी साजिश है , जब साधू सन्त व्यापार करेंगे तो सरकारी लोग क्यो चूप रहेंगे आम जनता क्यों चूप रहेगी !

पिछले कुछ महीनों में जिस प्रकार से संतों के आश्रमों पर जबरन कब्ज़ा किया गया है, वह एक सोची-समझी साजिश का संकेत देता है। भू-माफिया खुलकर संतों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और प्रशासन या तो चुप है या मूक समर्थन दे रहा है।

जो पुलिस आम नागरिकों पर छोटी-छोटी बातों में डंडा चला देती है, वही पुलिस यहां माफियाओं के सामने खामोश क्यों है ?

क्या यह डर है? दबाव है ? या फिर साजिश में भागीदारी ?

पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में

हरिद्वार पुलिस की भूमिका अब कठघरे में है। कानून के रक्षक अगर भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता बन जाएं, तो न्याय की उम्मीद करना मूर्खता है।

आश्रमों में घुसकर संपत्तियों पर कब्जा करवाना

संतों की रिपोर्ट्स पर कोई कार्रवाई न करना

माफियाओं को खुली छूट देना

क्या यह सब संयोग है ? या फिर किसी ऊपर के आदेश का पालन ?

ध्यान देने वाली बात यह है कि जब संत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर-कर के थक चुके हैं, और मीडिया भी इस मुद्दे को उठाने लगा है, तब भी कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

हरिद्वार को संतविहीन करने की योजना?

यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है – क्या यह सुनियोजित प्रयास है हरिद्वार को संतविहीन करने का  ?

पहले जंगलों से संतों को हटाया गया, ‘            फॉरेस्ट कानूनों के नाम पर

फिर उन्हें सीमित आश्रमों में समेट दिया गया

अब उन्हीं आश्रमों पर भू-माफियाओं का हमला शुरू हो गया

क्या अगला कदम हरिद्वार से संतों को पूरी तरह हटाना है  ?

खतरनाक संदेश – अपने ही लोगों से खतरा

सबसे दुखद पहलू यह है कि यह हमला किसी बाहरी ताकत का नहीं, अपने ही समाज के लोगों का है – कुछ नेता, कुछ अधिकारी, कुछ तथा कथित ठेकेदार जो धर्म की चादर ओढ़े हुए हैं लेकिन भीतर से सत्ता और पैसा ही उनके इष्ट हैं।

यह भीतर की दीमक अधिक खतरनाक है। बाहर से आने वाला हमला दिखता है, पर जब घर के लोग ही घर जलाएं तो पहचानना कठिन हो जाता है।



निष्कर्ष : अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी

हरिद्वार केवल एक शहर नहीं, यह हिंदू समाज की आत्मा है। संत इस आत्मा के संरक्षक हैं। अगर वे ही असुरक्षित हो जाएं, तो फिर किसका धर्म बचेगा? कौन करेगा मार्गदर्शन? कौन बनाएगा समाज को संयमित और संतुलित?

आज यह केवल संतों की लड़ाई नहीं – यह हर उस व्यक्ति की लड़ाई है जो धर्म, सत्य और न्याय में विश्वास रखता है।
अब वक्त आ गया है कि समाज एकजुट होकर आवाज़ उठाए, प्रशासन से जवाब मांगे और माफियाओं को बेनकाब करे।
अगर आज चुप रहे, तो कल सिर्फ हरिद्वार नहीं बचेगा, धर्म भी डगमगा जाएगा।



“धर्म नगरी को बचाना है, तो माफिया-प्रशासन के गठजोड़ को तोड़ना होगा।
वरना कल हम अपनी अगली पीढ़ी को सिर्फ कहानियाँ ही सुना पाएंगे – संतों की नगरी हरिद्वार की।”

पत्रकारों की ऐसे मामलों में भूमिका भी सवालों के घेरे में है दरबारी हो गए है पत्रकार का पेशा शर्मनाक सा हो गया है पक्षपात और झूठी खबरे चलाने का हुनर या साधू संतो की चाटुकारिता करना पत्रकारिता का काम रह गया है या जहाँ से जैब गरम होती है – मेरे साथ पत्रकारों ने HRDA के अधिकारियों की चम्मचा गिरि कर झूठा गैंगस्टर का मुकदमा लिखवाया था और मेरी फोटो अखवार पर लगाई थी – कानून कहता है बिना साक्ष्य के फोटो नही लगा सकते है मिडिया सच मे दलाली का काम कर रहा है । । मेरे पर बिती है सच लिख रहा हूं। नवीन अग्रवाल
ये आफत लोगो द्वारा खुद आमंत्रित की गई है देवी देवताओं को लगातार नाराज करना उनकी अनदेखी करना पौराणिक प्राचीन देवभूमि के साथ खिलवाड़ करना लोगो को अब भारी पड़ रहा है नेता तो भोले भाले लोगों को गुमराह कर चुनाव जीत कर राजधानी में जा बसे करोड़ों की संपति जोड़ ली फिर पीड़ित लोगों की सुनेगा कौन कैसे होगी इस महाविनाश की भरपाई जो बे गुनाह थे उन्हें आपदा खा गई होटल रिजॉर्ट बनाने के चक्कर में भूल गए थे लोग की ये उत्तराखंड देव भूमि है देवताओं की तपस्या स्थली है इतनी बड़ी तबाही होने के बाद भी सरकार आश्वासन ही दे रही है और अगर ऐसा हो होता रहा तो उत्तराखंड के अस्तित्व का क्या होगा कैसे बचेंगे पहाड़ और पहाड़ पर रहने वाले लोग पत्रकार आते है अपनी स्टोरी बनाकर चले जाते है उन्हें अपनी स्टोरी पर हजारों vivrsh चाहिए वो भी सिंहासन के गिरेबान में हाथ डाल कर सवाल नहीं पूछ सकते क्योंकि लुट में वो भी बराबर के हिस्से दार है फिर कोन उठाएगा उत्तराखंड के लोगों की आवाज कोन सुनेगा रोते हुए लोगो की कोन पूछेगा इनके आंसू
News.  100.         भारतीय किसान युनियन ( सर्व ) का कार्यालय खुला
प्रदेश को विकास की दिशाा में ले जा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी-अनिल शर्मा 
हरिद्वार, 23 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन (सर्व) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कुशल शासन उत्तराखड को विकास की दिशा में ले जा रहा है। देशरक्षक तिराहे पर भाकियू सर्व के कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री की जनहितैषी कार्यशैली के चलते पुलिस भी मानवीय दृष्टिकोण से जनता की समस्याओं का समाधान कर रही है। महानगर अध्यक्ष अंकुर व जिला अध्यक्ष प्रमोद राठौर ने कहा कि खेत मे किसान सीमा पर जवान हर भारतीय का गौरव है। भाकिूय सर्व जनपद में हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढेगी। सबका साथ ही संगठन की प्राथमिकता होगी। प्रदेश मीडिया प्रभारी नवीन अग्रवाल व रजत अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही सदस्यता अभियान चलाकर लोगों को संगठन से जोड़ा जाएग। उन्होंने कहा कि भाकिूय सर्व जनता के सुख दुख मे हमेशा खड़ी रहेगी। इस अवसर पर श्रीकांत आर्य, जिला प्रभारी विजय पंडित, जिला महामंत्री विक्रम बिष्ट, कल्याण सिंह, संजय शर्मा, देवांश शर्मा आदि मौजूद रहे।

बिलकुल। साधू संतों की नगरी हरिद्वार व्यापारियों की नगरी अखाड़े ट्रस्ट आश्रम बिक रहें हैं ,  शम्भू आश्रम – भूपत वाल ,  निष्काम सेवा मिशन भूपतवाला ,     निरजंनी अखाड़े की ट्रस्ट माँ मनसा देवी मंदिर की भूमि पर मनीटावर  कनखल  , कार्तिकेय कुंज कनखल ,    मारुति वाटिका जगजीतपुर कनखल लक्सर रोड़ हरिद्वार मे – बड़े बड़े फ्लैट बनाकर भू माफिया साधू सन्तो की ट्रस्ट की भूमि ठिकाने लगाने में लगे है। हरिद्धार प्रशासन . हरिद्धार का पत्रकार संगठन एक संगठित गिरोह के रूप मे साधू सन्तो का महिमा मण्डल करने मे लगा है – मैंने हरिद्धार प्रशासन से भी शिकायतों का पुलन्द थमाया जिला अधिकारी द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नही की हरिद्धार विकास प्राधिकरण को बहुत पत्र लिख कर शिकायत दी , मारुति वाटिका पर चल रहा अवेध फ्लैटो का निर्माण नही रोका गया – RE RA द्वारा भी अवैध निर्माण रोकने का नोटिस भेजा गया परन्तु क्या कारण है किया पत्रकार मेरी बात समाचार मे नही      में जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि आने वाले समय के लिए गंभीर चेतावनी भी हैं। आपके अनुरोध के अनुसार नीचे एक कड़ा, स्पष्ट और निर्भीक लेख प्रस्तुत है, जो हर उस व्यक्ति के लिए आंखें खोलने वाला हो सकता है जो धर्म, संत परंपरा और समाज के मूल्यों के लिए चिंता करता है।



हरिद्वार में धर्म की हत्या : संतों की नगरी पर माफियाओं और अधिकारियों का कब्ज़ा

हरिद्वार – एक ऐसी पवित्र भूमि, जहाँ गंगा बहती है, जहाँ संतों का वास होता है, जहाँ साधना की परंपराएं आज भी जीवित हैं। लेकिन आज वही भूमि सत्ता, भ्रष्टाचार और भू-माफियाओं की साज़िशों का अखाड़ा बन चुकी है। यह सिर्फ जमीन पर कब्ज़ा नहीं है – यह धर्म पर हमला है, यह आस्था की हत्या है।

भू-माफिया + अफसर + सत्ता – एक विध्वंसकारी त्रिकोण – यह बात क्यों हम नही लिखते की साधू सन्त का चोला जमीनो की खरीद फरोक्त में लगा है – आश्रमों को बैचे जाने मे भूमिका सन्तो की भी है ,   सन्त का चौला पहन कर                भू माफियायों को संरक्षण भी तो साधू सन्त ही दे रहें है फिर कहते है . सोची समझी साजिश है , जब साधू सन्त व्यापार करेंगे तो सरकारी लोग क्यो चूप रहेंगे आम जनता क्यों चूप रहेगी !

पिछले कुछ महीनों में जिस प्रकार से संतों के आश्रमों पर जबरन कब्ज़ा किया गया है, वह एक सोची-समझी साजिश का संकेत देता है। भू-माफिया खुलकर संतों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और प्रशासन या तो चुप है या मूक समर्थन दे रहा है।

जो पुलिस आम नागरिकों पर छोटी-छोटी बातों में डंडा चला देती है, वही पुलिस यहां माफियाओं के सामने खामोश क्यों है ?

क्या यह डर है? दबाव है ? या फिर साजिश में भागीदारी ?

पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में

हरिद्वार पुलिस की भूमिका अब कठघरे में है। कानून के रक्षक अगर भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता बन जाएं, तो न्याय की उम्मीद करना मूर्खता है।

आश्रमों में घुसकर संपत्तियों पर कब्जा करवाना

संतों की रिपोर्ट्स पर कोई कार्रवाई न करना

माफियाओं को खुली छूट देना

क्या यह सब संयोग है ? या फिर किसी ऊपर के आदेश का पालन ?

ध्यान देने वाली बात यह है कि जब संत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर-कर के थक चुके हैं, और मीडिया भी इस मुद्दे को उठाने लगा है, तब भी कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

हरिद्वार को संतविहीन करने की योजना?

यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है – क्या यह सुनियोजित प्रयास है हरिद्वार को संतविहीन करने का  ?

पहले जंगलों से संतों को हटाया गया, ‘            फॉरेस्ट कानूनों के नाम पर

फिर उन्हें सीमित आश्रमों में समेट दिया गया

अब उन्हीं आश्रमों पर भू-माफियाओं का हमला शुरू हो गया

क्या अगला कदम हरिद्वार से संतों को पूरी तरह हटाना है  ?

खतरनाक संदेश – अपने ही लोगों से खतरा

सबसे दुखद पहलू यह है कि यह हमला किसी बाहरी ताकत का नहीं, अपने ही समाज के लोगों का है – कुछ नेता, कुछ अधिकारी, कुछ तथा कथित ठेकेदार जो धर्म की चादर ओढ़े हुए हैं लेकिन भीतर से सत्ता और पैसा ही उनके इष्ट हैं।

यह भीतर की दीमक अधिक खतरनाक है। बाहर से आने वाला हमला दिखता है, पर जब घर के लोग ही घर जलाएं तो पहचानना कठिन हो जाता है।



निष्कर्ष : अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी

हरिद्वार केवल एक शहर नहीं, यह हिंदू समाज की आत्मा है। संत इस आत्मा के संरक्षक हैं। अगर वे ही असुरक्षित हो जाएं, तो फिर किसका धर्म बचेगा? कौन करेगा मार्गदर्शन? कौन बनाएगा समाज को संयमित और संतुलित?

आज यह केवल संतों की लड़ाई नहीं – यह हर उस व्यक्ति की लड़ाई है जो धर्म, सत्य और न्याय में विश्वास रखता है।
अब वक्त आ गया है कि समाज एकजुट होकर आवाज़ उठाए, प्रशासन से जवाब मांगे और माफियाओं को बेनकाब करे।
अगर आज चुप रहे, तो कल सिर्फ हरिद्वार नहीं बचेगा, धर्म भी डगमगा जाएगा।



“धर्म नगरी को बचाना है, तो माफिया-प्रशासन के गठजोड़ को तोड़ना होगा।
वरना कल हम अपनी अगली पीढ़ी को सिर्फ कहानियाँ ही सुना पाएंगे – संतों की नगरी हरिद्वार की।”

पत्रकारों की ऐसे मामलों में भूमिका भी सवालों के घेरे में है दरबारी हो गए है पत्रकार का पेशा शर्मनाक सा हो गया है पक्षपात और झूठी खबरे चलाने का हुनर या साधू संतो की चाटुकारिता करना पत्रकारिता का काम रह गया है या जहाँ से जैब गरम होती है – मेरे साथ पत्रकारों ने HRDA के अधिकारियों की चम्मचा गिरि कर झूठा गैंगस्टर का मुकदमा लिखवाया था और मेरी फोटो अखवार पर लगाई थी – कानून कहता है बिना साक्ष्य के फोटो नही लगा सकते है मिडिया सच मे दलाली का काम कर रहा है । । मेरे पर बिती है सच लिख रहा हूं। नवीन अग्रवाल

बिलकुल। साधू संतों की नगरी हरिद्वार व्यापारियों की नगरी अखाड़े ट्रस्ट आश्रम बिक रहें हैं ,  शम्भू आश्रम – भूपत…

ये आफत लोगो द्वारा खुद आमंत्रित की गई है देवी देवताओं को लगातार नाराज करना उनकी अनदेखी करना पौराणिक प्राचीन देवभूमि के साथ खिलवाड़ करना लोगो को अब भारी पड़ रहा है नेता तो भोले भाले लोगों को गुमराह कर चुनाव जीत कर राजधानी में जा बसे करोड़ों की संपति जोड़ ली फिर पीड़ित लोगों की सुनेगा कौन कैसे होगी इस महाविनाश की भरपाई जो बे गुनाह थे उन्हें आपदा खा गई होटल रिजॉर्ट बनाने के चक्कर में भूल गए थे लोग की ये उत्तराखंड देव भूमि है देवताओं की तपस्या स्थली है इतनी बड़ी तबाही होने के बाद भी सरकार आश्वासन ही दे रही है और अगर ऐसा हो होता रहा तो उत्तराखंड के अस्तित्व का क्या होगा कैसे बचेंगे पहाड़ और पहाड़ पर रहने वाले लोग पत्रकार आते है अपनी स्टोरी बनाकर चले जाते है उन्हें अपनी स्टोरी पर हजारों vivrsh चाहिए वो भी सिंहासन के गिरेबान में हाथ डाल कर सवाल नहीं पूछ सकते क्योंकि लुट में वो भी बराबर के हिस्से दार है फिर कोन उठाएगा उत्तराखंड के लोगों की आवाज कोन सुनेगा रोते हुए लोगो की कोन पूछेगा इनके आंसू

News.  100.         भारतीय किसान युनियन ( सर्व ) का कार्यालय खुला
प्रदेश को विकास की दिशाा में ले जा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी-अनिल शर्मा 
हरिद्वार, 23 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन (सर्व) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कुशल शासन उत्तराखड को विकास की दिशा में ले जा रहा है। देशरक्षक तिराहे पर भाकियू सर्व के कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री की जनहितैषी कार्यशैली के चलते पुलिस भी मानवीय दृष्टिकोण से जनता की समस्याओं का समाधान कर रही है। महानगर अध्यक्ष अंकुर व जिला अध्यक्ष प्रमोद राठौर ने कहा कि खेत मे किसान सीमा पर जवान हर भारतीय का गौरव है। भाकिूय सर्व जनपद में हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढेगी। सबका साथ ही संगठन की प्राथमिकता होगी। प्रदेश मीडिया प्रभारी नवीन अग्रवाल व रजत अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही सदस्यता अभियान चलाकर लोगों को संगठन से जोड़ा जाएग। उन्होंने कहा कि भाकिूय सर्व जनता के सुख दुख मे हमेशा खड़ी रहेगी। इस अवसर पर श्रीकांत आर्य, जिला प्रभारी विजय पंडित, जिला महामंत्री विक्रम बिष्ट, कल्याण सिंह, संजय शर्मा, देवांश शर्मा आदि मौजूद रहे।

भारतीय किसान यूनियन सर्व महानगर अध्यक्ष अंकुर ने किया कार्यलय देश रक्षक कनखल तिरहा पर कार्यलय का उदघाटन !

हरिद्धार / भारतीय किसान यूनियन कार्यलय का उदघाटन देश रक्षक तिरहा कनखल मे महानगर अध्यक्ष अँकुर द्वारा कराया गया .…

भारतीय किसान युनियन सर्व ( महानगर कार्यलय ) का उदघाटन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष   , उत्तराखण्ड प्रभारी अनिल शर्मा – श्री कान्त आर्य – नवीन अग्रवाल – – प्रदेश मिडिया प्रभारी रजत अग्रवाल – जिला प्रभारी विजय पड़ित जिला अध्यक्ष प्रमोद राठौर , जिला महामंत्री विक्रम बिष्ट – महानगर अध्यक्ष – अंकुर – कल्लन सिंह – संजय शर्मा – देवांश शर्मा –    

सेवा में
श्रीमान जिला अधिकारी महोदय रोशनाबाद हरिद्वार

विषय:-नगर क्षेत्र में धार्मिक संस्थाओं अखाड़े की भूमि पर बने अवैध रूप से आवास एवं व्यावसायिक निर्माण से लगभग 450000000 करोड रुपए का राजस्व हानि को वसूलने के संबंध में?
महोदय सादर अनुरोध करना है कि आप श्रीमान महोदय को उपरोक्त संदर्भित विषय कई बार पत्राचार सरकार को हो रहे बड़े राजस्व घाटे को वसूले जाने एवं धार्मिक एवं पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की भूमि पर लगातार हो रहे अवैध आवासीय एवं व्यावसायिक निर्माण पर रोक लगाई जाने के संदर्भ में अनुरोध किया गया था जिसमें यह अनुरोध किया गया था कि नगर क्षेत्र हरिद्वार में लगभग सभी अखाड़ों के द्वारा अपनी धार्मिक प्रयोजन की भूमि पर जो कुंभ मेला के अवसरों पर नागा साधु औ, हाथी एवं घोड़े के शरण स्थल, फक्कड़ साधुओं की मणियो आदि के लिए पौराणिक संचालित व्यवस्था में उपलब्ध थी लेकिन वर्तमान समय में गदीसीन भूमिया संतों के द्वारा व्यावसायिक कारोबारी कॉलोनाइजरों से मिलकर के नगदी में एग्रीमेंट करके धार्मिक संपत्तियों पर अवैध रूप से बिना मानचित्र स्वीकृति के आवास एवं व्यावसायिक निर्माण बना रहे हैं जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाने के लिए अनुरोध इस आशय से किया गया था कि संतो के द्वारा बनाए हुए आवासीय भवनों पर आवासीय अपार्टमेंटों पर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण में यह कहकर अनुरोध किया जाता है कि हम अपने श्रद्धालुओं के लिए मेलों के अवसर पर ठहरने के लिए निर्माण कर रहे हैं लेकिन यह सब झूठ है और इस झूठ से यह लोग धार्मिक स्थलों पर संचालित अवैध निर्माण को आम शहरी को₹100 के स्टांप पेपर पर नगदी में 30 लाख से 80 लाख रुपया प्राप्त करते हुए किराएदारी के आधार पर आवास एवं व्यावसायिक स्थलों को बेच देते हैं जिसमें सरकार को कई प्रकार के राजस्व घाटा होता है।
यह की हरिद्वार में धार्मिक एवं पूर्णियार्थ उद्देश्यों की भूमि पर लगभग 15000 आवास एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाए गए हैं जो गैर विधिक रूप से संचालित हैं केवल आवासीय परिसर 3 रूम सेट की रजिस्ट्री अगर की जाती तो उसे सरकार को लगभग ₹300000 स्टैंप ड्यूटी प्राप्त होती एक फ्लैट से जबकि 15000 फ्लैट अवैध रूप से धर्म नगरी हरिद्वार में₹100 के स्टांप पेपर पर बेचे गए हैं और सारे काले पैसे ब्लैक मनी के प्रभाव के चलते नगदी में समस्त लेनदेन हुआ जिसके कारण सरकार को लगभग 45000 करोड रुपए का स्टांप पेपर शुल्क का घाटा हुआ?
यह कि उसे घाटे की पूर्ति के लिए लगातार पत्राचार किया गया परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।
निबंधन स्टांप (रजिस्ट्री) द्वारा भी कई विभागों को उपरोक्त संबंध में कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया गया था लेकिन ना ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा ना ही नगर निगम द्वारा ना ही रेरा द्वारा और ना ही इनकम टैक्स विभाग द्वारा यह देखा गया कि इतने बड़े-बड़े निर्माण के लिए धन कहां से प्राप्त हो रहा है।
आप श्रीमान जिलाधिकारी हरिद्वार क्योंकि राजस्व अधिकारी भी हैं और स्पष्ट है कि उपरोक्त सभी धार्मिक स्थान पर निर्मित भवनों आवासों व्यावसायिक स्थलों से लगभग 45000 करोड रुपए का सरकार को राजस्व घाटा हो चुका है इसके अलावा और बहुत सारे विभाग या स्तर पर सरकार को घटा हो रहा है जिसमें नगर निगम का हाउस टैक्स हो गया भवन के निर्माण के लिए विकास शुल्क जिसे हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के द्वारा लिया जाना था उसका घाटा हुआ लेकिन कोई भी विभाग अपने घाटे को भरने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है।
जिस कारण से सरकार को लगभग 45000 करोड रुपए का स्टांप शुल्क घटा प्रथम दृश्य हो गया है ?जिसकी वसूली के लिए आप श्रीमान महोदय से अनुरोध किया जा रहा है।
महोदय यहां पर यह भी अवगत करना है कि वर्तमान समय में श्री निरंजनी अखाड़ा हरिद्वार द्वारा कनखल देश रक्षक औषधालय के सामने  मनी टावर नमक अवाशिय कंपलेक्स बनाया जा रहा है जबकि इससे पूर्व इस क्षेत्र में ( 1  )  श्री कार्तिकेय कुंज     ( 2 ) मनी टावर 3 फेस परियोजना और अब चौथे फेस की परियोजना में कार्य तेजी से प्रगति पर है जिसे रोकने के लिए ना तो हरिद्वार  विकास प्राधिकरण कुछ कर रहा है और ना ही आप श्री मान महोदय के स्तर से उपरोक्त अवैध भवन निर्माण को सील किया जा रहा है अथवा रोक लगाई जा रही है मनी टावर कनखल निकट देश रक्षक तिरह जो खाली भूमि पड़ी है जॉ पार्क के लिए खाली रखी गई है उसमें मे फ्लेट बनाने की योजना युद्ध स्तर पर HRDA मे महंत रविन्द्र पुरि द्वारा प्रयास किया जा रहा है। जो हिन्दू रक्षक दल बनने नही देगा उच्च न्यायलय से स्टे भी लेना होगा तो लिया जायेगा – नोट करने की बात है ,    मारुति वाटिका पर RERA द्वारा भी प्रतिबन्ध लगाया फिर भी भू माफिया निर्माण लगातार कर रहे है उसे तत्तकाल रोकने के आदेश करें जगजीतपुर रोड मारुति वाटिका मे प्लेट बन रहे है – RERA -का नियमे कहता है कमरो से अधिक बनाने पर अनुमति लेना अनिवार्य है यहां तो किनती करना मुश्किल है सैकड़ो मे अवैध भवन बन गये और वर्तमान मे बनाये जा रहे है ए मनी टावर देश रक्षक चौराहा के सामने निरंजनी  अखाड़े के संतों के द्वारा भू माफिया के साथ मिलकर काले धन का प्रयोग कर बनाया जा रहा है जिसके कारण सरकार को राजस्व का क घाटा हो रहा है ।
आप श्रीमान महोदय से सादर अनुरोध करना है कि उपरोक्त मारुति वाटिका , जगजीतपुर रोड ,  मनी टावर नजदीक देश रक्षक औषधालय चौराहे / तिराहे पर संचालित निर्माण को तत्काल प्रभाव से रोकने की कृपा करेंगे धन्यवाद

प्रार्थी
नवीन अग्रवाल
मकान नंबर 250 बैरागी कैंप शेखूपुर कनखल हरिद्वार – 98 377 3 44 59 –                      सूचनार्थ कार्यवाही के लिये – 1 –  मा० मुख्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार देहरादून 2 – मुख्य सचिव महोदय देहरादून उत्तराखण्ड            3 – धर्मास्य एवं सांस्कृति  विभाग सचिव महोदय         4 – शहरी आवास सचिव महोदय देहरादून उत्तराखण्ड

सेवा में श्री मान अध्यक्ष उत्तराखण्ड रियल स्टेट रेगुलेटरी अर्थीटी [ RERA ] देहरादून .  राजीव गांधी काम्पलैक्स निकट डिसंप्रेन्सरी रोड़ देहरादून 248001       महोदय – धार्मिक एवं पुण्यार्थ की भूमि

जैसे ज़िंदगी मे हवा पानी जरूरी है,
ऐसे ही ठहराव और धैर्य भी जरूरी है, सब्र जिसने भी किया सब्र करने वाला इन्सान ईश्वर के आर्शिवाद से धन धन्य हुआ – जय      गगां मईया जी – नवीन भैया
🙏✌️🙋🌹🌹🌹🌹🌹🌹🤝🤔🙇😀😀😀