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बेईमान लोग बेईमान पटवारी बेईमान एस डी एम के द्वारा पैसे लेकर के गलत प्रमाण पत्र बना रखे हैं इन विमाग का जुलूस निकालना चाहिए । 100% सत्य भ्रष्ट बेइमान पटवारीयों द्वारा जाँच के बाद ये हात उत्तराखण्ड में !
साथियों नमस्कार
आज हम चर्चा करते हैं कि हरिद्वार में जिस प्रकार से धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की भूमि/ संपत्तियों पर भू माफियाओं के द्वारा लगातार भूमिया संतों के द्वारा लगातार अवैध रूप से कब्जा करने की  सफल कोशिश की जा रही है उसमें भी अब  नगर निगम हरिद्वार भी आगे बढ़ता नजर आ रहा है?
नगर निगम हरिद्वार के अधीन वसंत भवन खड़खड़ी हरिद्वार के कस्टोडियन के रूप में धार्मिक और पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की एक धर्मशाला  है जिसमें पूर्व से ही उसके प्रबंधन का ट्रस्ट संचालित है। केवल प्रबंधन ट्रस्ट ने अपने ट्रस्ट में इस विषय का उल्लेख किया था कि अगर ट्रस्ट में किसी प्रकार की कोई धार्मिक उद्देश्यों के प्रति ट्रस्टों के मन में व्यावसायिक लहर उठती है  तो इस ट्रस्ट का अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हरिद्वार का पदेन अध्यक्ष होगा ताकि धार्मिक और पूर्णिया से उद्देश्य की धर्मशाला सनातन की पूजा पद्धति एवं उपासना विधि के लिए काम आती रहे जिसके आधार पर वर्तमान नगर निगम हरिद्वार इसका कस्टोडियन है माननीय न्यायालय के आदेश पर।
आपको यहां पर एक अन्य सूचना पूर्व की प्रेषित करना इस आशा से भी जानकारी के लिए ज्ञानवर्धक होगा कि नगर निगम के पूर्व मेयर के द्वारा इस सूचना के सुनते उनके पूरे शरीर उनकी पूरी आत्मा उनकी पूरी जमात में खुशी की लहर फैल गई थी कि बसंत भवन ट्रस्ट खड़खड़ी के नियमावली में ट्रस्ट अध्यक्ष नगर पालिका का पदेन अध्यक्ष ही रहेगा नगरपालिका, नगर निगम में उच्च कृत हो गई और उसके एक पूर्व मेयर के द्वारा ऐसा अवसर देखकर के एक अलग से पृथक ट्रस्ट बना दिया गया और पूरे वसंत भवन को कब्जाने के उद्देश्य से पूर्व मेयर द्वारा प्रयास किया गया जिसे कुछ सामाजिक सरोकार रखने वाले और नगर पालिका के पूर्व पार्षद लखन लाल चौहान जी द्वारा इसमें न्यायालय के माध्यम से विधिक लड़ाई लड़ी गई जिस पर उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाए आज संपत्ति पूर्ण रूप से माननीय न्यायालय में बाद आयोजित होने के कारण कस्टोडियन के रूप में नगर निगम हरिद्वार है।
अभी सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भैया सत्ता  रूड़ी दल और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने एक राय होकर के कूट रचना रचते हुए बसंत भवन के बाहर सिल दुकानों को नगर निगम द्वारा नीलामी की तिथि निर्धारित करवा दी है 16 दिसंबर 2025 को जिसमें सूत्रों से यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भया नेताओं के द्वारा जिन-जिन लोगों को दुकान लेने की इच्छा जताई है उनसे 60 से 70 लाख रुपया अग्रिम रूप से बिक्री पत्र तय कर दिया गया है जो शायद 16 दिसंबर के बाद से सामने आ जाएगा बसंत भवन की चार  दुकानों की नीलामी के बाद, सूत्रों से समाचार?
उन्होंने एक गठजोड़ संयुक्त रूप से एक दल बनाया है जो नगर निगम में बोली लगाएंगे और कम बोली पर दुकान को अपने-अपने चेहतो के नाम कर कर 60 से 70 लाख में दुकान को बेचने की तैयारी और सौदा तैयार हो गया है यह पूर्ण जानकारी है सूत्रों से ही प्राप्त हुई है?
सूत्र यह  भी बताते हैं कि इस संरचना रचना के लिए पूर्व में पांच-पांच लाख रुपये चार दुकानों से छुठ भैया नेताजी जो दलाली करते हैं उनके द्वारा लिए गए हैं 5 साल पहले ही सेटलमेंट करने के लिए?
लेकिन जो मुख्य विषय है वह आया है की संपूर्ण प्रकरण माननीय न्यायालय में संचालित है और श्रीमान माननीय न्यायालय जिला जज हरिद्वार की न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण के लिए 92 का वादा भी आयोजित और संचालित है ऐसे में नगर निगम को कोई भी अधिकार नहीं है कि वह वसंत भवन की दुकानों की नीलामी करें?
नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार नगर महापौर और जिलाधिकारी हरिद्वार विषय का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से उपरोक्त नगर निगम के अधिकारियों और छोटे भैया नेताओं के बीच हुए गठजोड़ के कारण जो 16 दिसंबर को बसंत भवन की दुकानों की नीलामी होनी है उस पर अभिरंभ रोक लगाई जाए अन्यथा की दृष्टि में अबमानना की कार्रवाई की जाएगी?
माफिया संत जो भूमिया भी हैं उनके द्वारा जिस प्रकार से धार्मिक संपत्तियों पर अवैध रूप से माफिया के साथ गठ जोड़कर  कर धार्मिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है उन माफिया संतों से भी आग्रह है कि धार्मिक संपत्तियों को बचाने के लिए आगे आए और धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की संपत्तियों को बचाने के लिए भी कभी विचार करें?
धन्यवाद
जय बद्री जय केदार
होटल बबुआ हाईनेस आवासिय क्षेत्र मे अतिक्रमण  ध्वस्ति करण किये जाने की माँग !  __________________ हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार का भ्रष्ट रवैया  शिकायत उपरान्त भी विभागिय लापरवाही – सील के आदेश . अवैध भवन स्वामी द्वारा गया स्पथ पत्र अपने खर्चे पर ध्वस्ति करण करूगाँ – दिनांक 06/03/2025 को दिया गया ।  
कभी कभी मन को मना लेना ही ठीक है,
हर जिद खुशी नही देती,जिद करना बचकाना हरकत है। जिद मुर्ख करता है , संमय ने पहलवान को भी धूल चटाई है। जीद अंहकार का रूप है। घमण्ड किस बात का शमशान पर गरीब अमीर की अग्नि में कोई भी फर्क नहीं होताजिस लकड़ी सेआमिर की चिता जलती हैवही लकड़ी गरीब की चित भी जलती है .तो जिद्दी अहंकारीइंसानशमशान पर जाकर सच्चाई से मुंह नहीं मोड सकतादुनिया का सबसे पवित्र स्थानअंतिमहैजहांअमीर और गरीबमें कोई फर्क नहीं हैरखमें तब्दीलउसके बाद मां गंगा में प्रवाहितयही दुनिया की सच्चाई है जय मां गंगे
🙏सुप्रभात 👍😎भैया जी नवीन अग्रवालश्री श्री जय मां गंगे  जय हो
सेवा में श्रीमान
महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तराखंड राज भवन देहरादून 248001

विषय:-राज्य का सबसे भ्रष्टतम विभाग हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को जनहित में समाप्त करने के संबंध में।
महामहिम महोदय
विषय संज्ञाण लेने हेतु जनहित में प्रेषित है जिसमें हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार से धन कुबेर बने वहां के कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी नीति/धन वसूली नीति पिछले कई वर्षों से गतिमान है ऐसा नहीं है कि इसके संबंध में कोई शिकायत अथवा पत्राचार नहीं हुआ है लगातार होता रहा है परंतु इस राज्य में होता क्या है कि जिसके खिलाफ जांच होती है वहीं जांच अधिकारी बन जाता है जिस विभाग के विरुद्ध लिखा जाता है वहीं विभाग अपने विभाग की जांच करता है जिसके परिणाम जैसे आने चाहिए वैसे नहीं आते हैं यानी जांच होती ही नहीं है झूठी मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रेषित की जाती है।
प्राधिकरण के द्वारा भवन निर्माण में जो नीति और नियमावली लागू की जाती है उसमें नियमावली 1972 का बायोलॉज अलग है और प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों की नियमावली अलग है गंगा किनारे तमाम निर्माण हो गए जबकि 200 मी 0 अथवा 100 मीटर दायरे में निर्माण बंद है हो नहीं सकता मान्य सर्वोच्च न्यायालय कहता है , राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल कहता है , लेकिन उसके बाद भी निर्माण में कोई शीतलता नहीं आई है क्योंकि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी अपना निजी राजस्व वसूलकर कुछ महीनो तक निर्माण को सील करते हैं और उसके बाद निर्माण प्रारंभ हो जाता है।
महामहीम महोदय हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण नगर नियोजन के लिए नगर विकास मंत्रालय के अधीन संचालित है लेकिन 1972 से लगातार संचालित विभाग के द्वारा नगर नियोजन की कोई भी नीति विकसित नहीं की गई है केवल अपने राजस्व के लिए काम कर रहे हैं प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी और अभियंता लोग धन कुबेर बने बैठे हैं हरिद्वार की अगर बात करें तो कम से कम 30000 भवन स्वामीओं को नोटिस दे रखें हैं उन अवैध भवन मालिको से मोटे पैसे वसूल कर वह नोटिस दिए हुए अवैध भवन व भवन जिन्हे सील किया गया था वह भवन जिसे ध्वस्तिकरण का आदेश  दिया गया था निजी शुल्क वसूलकर वर्तमान स्थिति में पूर्ण रूप से संचालित है
महामहीम महोदय मेरा अनुरोध तो केवल यही है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जैसा भ्रष्टाचार विभाग को सरकार को तत्काल प्रभाव से जनहित में बंद कर देना चाहिए और भवन निर्माण मानचित्र की स्वीकृति नगर निगम के अधीन फिर से कार्य किया जाना चाहिए।
दूसरा विषय यह है कि प्राधिकरण के गठन के बाद प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारी उपाध्यक्ष सचिव के साथ-साथ संबंधित इंजीनियर सुपरवाइजर आदि की आय संपत्तियों की जांच उनके परिजनों की आय संपत्तियों की जांच कराई जाए तो स्पष्ट मालूम होगा कि इन लोगों के द्वारा कितना पैसा अभी तक अपना निजी राजस्व के रूप में नियमों  को दर किनार कर सरकार को अंगुठा दिखाकर अपने ही लिए कमाया गया है । इस विषय की जांच हो जाए तो वास्तविक स्थिति और भ्रष्टाचार के जनक स्पष्ट रूप से बेनकाब हो जाएंगे
महामहिम जी से  अनुरोध है कि जनहित में इस अनुरोध को स्वीकार किया जाए ताकि जनता को सरकार द्वारा प्रदत नियम के तहत अपना भवन निर्माण कार्य     समगति के साथ संचालित किया जाए बिना भ्रष्टाचार के भवन निर्माण का कार्य संचालित हो सके जनहित मे आम नागरिक अपना भवन प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के घुष खोरी निति से बचेगा ! सेवा शुल्क अवैध भवन निर्माण के लिये देना आवश्यक है। वर्ना सील और नोटिस का भय  प्राधिकरण के नियमों मे लगातार जारी है। विभाग समाप्त करने की हमारी माँग स्विकार करें।
धन्यवाद

नवीन अग्रवाल
बैरागी कैप शेखूपुरा कनखल
हरिद्वार

बेईमान लोग बेईमान पटवारी बेईमान एस डी एम के द्वारा पैसे लेकर के गलत प्रमाण पत्र बना रखे हैं इन विमाग का जुलूस निकालना चाहिए । 100% सत्य भ्रष्ट बेइमान पटवारीयों द्वारा जाँच के बाद ये हात उत्तराखण्ड में !

च ज

साथियों नमस्कार
आज हम चर्चा करते हैं कि हरिद्वार में जिस प्रकार से धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की भूमि/ संपत्तियों पर भू माफियाओं के द्वारा लगातार भूमिया संतों के द्वारा लगातार अवैध रूप से कब्जा करने की  सफल कोशिश की जा रही है उसमें भी अब  नगर निगम हरिद्वार भी आगे बढ़ता नजर आ रहा है?
नगर निगम हरिद्वार के अधीन वसंत भवन खड़खड़ी हरिद्वार के कस्टोडियन के रूप में धार्मिक और पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की एक धर्मशाला  है जिसमें पूर्व से ही उसके प्रबंधन का ट्रस्ट संचालित है। केवल प्रबंधन ट्रस्ट ने अपने ट्रस्ट में इस विषय का उल्लेख किया था कि अगर ट्रस्ट में किसी प्रकार की कोई धार्मिक उद्देश्यों के प्रति ट्रस्टों के मन में व्यावसायिक लहर उठती है  तो इस ट्रस्ट का अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हरिद्वार का पदेन अध्यक्ष होगा ताकि धार्मिक और पूर्णिया से उद्देश्य की धर्मशाला सनातन की पूजा पद्धति एवं उपासना विधि के लिए काम आती रहे जिसके आधार पर वर्तमान नगर निगम हरिद्वार इसका कस्टोडियन है माननीय न्यायालय के आदेश पर।
आपको यहां पर एक अन्य सूचना पूर्व की प्रेषित करना इस आशा से भी जानकारी के लिए ज्ञानवर्धक होगा कि नगर निगम के पूर्व मेयर के द्वारा इस सूचना के सुनते उनके पूरे शरीर उनकी पूरी आत्मा उनकी पूरी जमात में खुशी की लहर फैल गई थी कि बसंत भवन ट्रस्ट खड़खड़ी के नियमावली में ट्रस्ट अध्यक्ष नगर पालिका का पदेन अध्यक्ष ही रहेगा नगरपालिका, नगर निगम में उच्च कृत हो गई और उसके एक पूर्व मेयर के द्वारा ऐसा अवसर देखकर के एक अलग से पृथक ट्रस्ट बना दिया गया और पूरे वसंत भवन को कब्जाने के उद्देश्य से पूर्व मेयर द्वारा प्रयास किया गया जिसे कुछ सामाजिक सरोकार रखने वाले और नगर पालिका के पूर्व पार्षद लखन लाल चौहान जी द्वारा इसमें न्यायालय के माध्यम से विधिक लड़ाई लड़ी गई जिस पर उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाए आज संपत्ति पूर्ण रूप से माननीय न्यायालय में बाद आयोजित होने के कारण कस्टोडियन के रूप में नगर निगम हरिद्वार है।
अभी सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भैया सत्ता  रूड़ी दल और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने एक राय होकर के कूट रचना रचते हुए बसंत भवन के बाहर सिल दुकानों को नगर निगम द्वारा नीलामी की तिथि निर्धारित करवा दी है 16 दिसंबर 2025 को जिसमें सूत्रों से यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भया नेताओं के द्वारा जिन-जिन लोगों को दुकान लेने की इच्छा जताई है उनसे 60 से 70 लाख रुपया अग्रिम रूप से बिक्री पत्र तय कर दिया गया है जो शायद 16 दिसंबर के बाद से सामने आ जाएगा बसंत भवन की चार  दुकानों की नीलामी के बाद, सूत्रों से समाचार?
उन्होंने एक गठजोड़ संयुक्त रूप से एक दल बनाया है जो नगर निगम में बोली लगाएंगे और कम बोली पर दुकान को अपने-अपने चेहतो के नाम कर कर 60 से 70 लाख में दुकान को बेचने की तैयारी और सौदा तैयार हो गया है यह पूर्ण जानकारी है सूत्रों से ही प्राप्त हुई है?
सूत्र यह  भी बताते हैं कि इस संरचना रचना के लिए पूर्व में पांच-पांच लाख रुपये चार दुकानों से छुठ भैया नेताजी जो दलाली करते हैं उनके द्वारा लिए गए हैं 5 साल पहले ही सेटलमेंट करने के लिए?
लेकिन जो मुख्य विषय है वह आया है की संपूर्ण प्रकरण माननीय न्यायालय में संचालित है और श्रीमान माननीय न्यायालय जिला जज हरिद्वार की न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण के लिए 92 का वादा भी आयोजित और संचालित है ऐसे में नगर निगम को कोई भी अधिकार नहीं है कि वह वसंत भवन की दुकानों की नीलामी करें?
नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार नगर महापौर और जिलाधिकारी हरिद्वार विषय का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से उपरोक्त नगर निगम के अधिकारियों और छोटे भैया नेताओं के बीच हुए गठजोड़ के कारण जो 16 दिसंबर को बसंत भवन की दुकानों की नीलामी होनी है उस पर अभिरंभ रोक लगाई जाए अन्यथा की दृष्टि में अबमानना की कार्रवाई की जाएगी?
माफिया संत जो भूमिया भी हैं उनके द्वारा जिस प्रकार से धार्मिक संपत्तियों पर अवैध रूप से माफिया के साथ गठ जोड़कर  कर धार्मिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है उन माफिया संतों से भी आग्रह है कि धार्मिक संपत्तियों को बचाने के लिए आगे आए और धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की संपत्तियों को बचाने के लिए भी कभी विचार करें?
धन्यवाद
जय बद्री जय केदार

होटल बबुआ हाईनेस आवासिय क्षेत्र मे अतिक्रमण  ध्वस्ति करण किये जाने की माँग !  __________________ हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार का भ्रष्ट रवैया  शिकायत उपरान्त भी विभागिय लापरवाही – सील के आदेश . अवैध भवन स्वामी द्वारा गया स्पथ पत्र अपने खर्चे पर ध्वस्ति करण करूगाँ – दिनांक 06/03/2025 को दिया गया ।  

कभी कभी मन को मना लेना ही ठीक है,
हर जिद खुशी नही देती,जिद करना बचकाना हरकत है। जिद मुर्ख करता है , संमय ने पहलवान को भी धूल चटाई है। जीद अंहकार का रूप है। घमण्ड किस बात का शमशान पर गरीब अमीर की अग्नि में कोई भी फर्क नहीं होताजिस लकड़ी सेआमिर की चिता जलती हैवही लकड़ी गरीब की चित भी जलती है .तो जिद्दी अहंकारीइंसानशमशान पर जाकर सच्चाई से मुंह नहीं मोड सकतादुनिया का सबसे पवित्र स्थानअंतिमहैजहांअमीर और गरीबमें कोई फर्क नहीं हैरखमें तब्दीलउसके बाद मां गंगा में प्रवाहितयही दुनिया की सच्चाई है जय मां गंगे
🙏सुप्रभात 👍😎भैया जी नवीन अग्रवालश्री श्री जय मां गंगे  जय हो

सेवा में श्रीमान
महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तराखंड राज भवन देहरादून 248001

विषय:-राज्य का सबसे भ्रष्टतम विभाग हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को जनहित में समाप्त करने के संबंध में।
महामहिम महोदय
विषय संज्ञाण लेने हेतु जनहित में प्रेषित है जिसमें हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार से धन कुबेर बने वहां के कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी नीति/धन वसूली नीति पिछले कई वर्षों से गतिमान है ऐसा नहीं है कि इसके संबंध में कोई शिकायत अथवा पत्राचार नहीं हुआ है लगातार होता रहा है परंतु इस राज्य में होता क्या है कि जिसके खिलाफ जांच होती है वहीं जांच अधिकारी बन जाता है जिस विभाग के विरुद्ध लिखा जाता है वहीं विभाग अपने विभाग की जांच करता है जिसके परिणाम जैसे आने चाहिए वैसे नहीं आते हैं यानी जांच होती ही नहीं है झूठी मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रेषित की जाती है।
प्राधिकरण के द्वारा भवन निर्माण में जो नीति और नियमावली लागू की जाती है उसमें नियमावली 1972 का बायोलॉज अलग है और प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों की नियमावली अलग है गंगा किनारे तमाम निर्माण हो गए जबकि 200 मी 0 अथवा 100 मीटर दायरे में निर्माण बंद है हो नहीं सकता मान्य सर्वोच्च न्यायालय कहता है , राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल कहता है , लेकिन उसके बाद भी निर्माण में कोई शीतलता नहीं आई है क्योंकि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी अपना निजी राजस्व वसूलकर कुछ महीनो तक निर्माण को सील करते हैं और उसके बाद निर्माण प्रारंभ हो जाता है।
महामहीम महोदय हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण नगर नियोजन के लिए नगर विकास मंत्रालय के अधीन संचालित है लेकिन 1972 से लगातार संचालित विभाग के द्वारा नगर नियोजन की कोई भी नीति विकसित नहीं की गई है केवल अपने राजस्व के लिए काम कर रहे हैं प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी और अभियंता लोग धन कुबेर बने बैठे हैं हरिद्वार की अगर बात करें तो कम से कम 30000 भवन स्वामीओं को नोटिस दे रखें हैं उन अवैध भवन मालिको से मोटे पैसे वसूल कर वह नोटिस दिए हुए अवैध भवन व भवन जिन्हे सील किया गया था वह भवन जिसे ध्वस्तिकरण का आदेश  दिया गया था निजी शुल्क वसूलकर वर्तमान स्थिति में पूर्ण रूप से संचालित है
महामहीम महोदय मेरा अनुरोध तो केवल यही है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जैसा भ्रष्टाचार विभाग को सरकार को तत्काल प्रभाव से जनहित में बंद कर देना चाहिए और भवन निर्माण मानचित्र की स्वीकृति नगर निगम के अधीन फिर से कार्य किया जाना चाहिए।
दूसरा विषय यह है कि प्राधिकरण के गठन के बाद प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारी उपाध्यक्ष सचिव के साथ-साथ संबंधित इंजीनियर सुपरवाइजर आदि की आय संपत्तियों की जांच उनके परिजनों की आय संपत्तियों की जांच कराई जाए तो स्पष्ट मालूम होगा कि इन लोगों के द्वारा कितना पैसा अभी तक अपना निजी राजस्व के रूप में नियमों  को दर किनार कर सरकार को अंगुठा दिखाकर अपने ही लिए कमाया गया है । इस विषय की जांच हो जाए तो वास्तविक स्थिति और भ्रष्टाचार के जनक स्पष्ट रूप से बेनकाब हो जाएंगे
महामहिम जी से  अनुरोध है कि जनहित में इस अनुरोध को स्वीकार किया जाए ताकि जनता को सरकार द्वारा प्रदत नियम के तहत अपना भवन निर्माण कार्य     समगति के साथ संचालित किया जाए बिना भ्रष्टाचार के भवन निर्माण का कार्य संचालित हो सके जनहित मे आम नागरिक अपना भवन प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के घुष खोरी निति से बचेगा ! सेवा शुल्क अवैध भवन निर्माण के लिये देना आवश्यक है। वर्ना सील और नोटिस का भय  प्राधिकरण के नियमों मे लगातार जारी है। विभाग समाप्त करने की हमारी माँग स्विकार करें।
धन्यवाद

नवीन अग्रवाल
बैरागी कैप शेखूपुरा कनखल
हरिद्वार

कुंभ का सफल आयोजन होगा भव्य दिव्य और सफल कुंभ होगा। आज हरिद्वार में मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अखाड़ों के आपसी मतभेद समाप्त हो गए है।  अब सभी अखाड़े कुंभ मेले की भव्य तैयारी करेंगे।
        तय तिथियों पर अमृत स्नान करेंगे। कुंभ की तरह हरिद्वार में धर्मध्वजा स्थापित की जाएगी, अखाड़ों की छावनियां लगेंगी और पेशवाइयां भी निकाली जाएंगी।
     सभी अखाड़ों ने बैठक के दौरान अपने सुझाव दिए हैं जिन्हें कुंभ की तैयारियों में शामिल करने का आश्वासन मिला है।
       अब अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ ही नहीं बल्कि महाकुंभ की तरह ही आयोजित किया जाएगा। धामी सरकार ने वैसे तो कुंभ मेले के कार्य शुरू कर दिए हैं, कुंभ की औचारिक घोषणा के बाद कुंभ के कार्यों में तेजी आएगी।
         सभी अखाड़े कुंभ के आयोजन में सरकार के साथ हैं। हरिद्वार आने वाले जिन श्रद्धालुओं को 2021 के कुंभ मेले में करोना के कारण, कुंभ मेले का लाभ लेने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ था, अब 2027 के कुंभ में सभी श्रृद्धालुओं को भव्य और दिव्य कुंभ की अनुभूति मिलेगी।
         अब सीएम धामी के द्वारा कुंभ मेले की तिथियों की घोषणा के बाद सभी अखाड़े अपनी अपनी तैयारियों में जुट जाएंगे और हरिद्वार के कुंभ मेले को ऐतिहासिक कुंभ बनाएंगे।
         सभी अखाड़े उज्जैन और नासिक कुंभ की तैयारियों के साथ ही 2027 हरिद्वार कुंभ की भी भव्य तैयारी करेंगे। मेले के दौरान सभी अखाड़े अपनी सभी परंपराओं का निर्वहन भी करेंगे।
          मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे।  हर हर महादेव।

सेवा में                माननिय मुख्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार देहरादून                विषयः आवासिय क्षेत्र में बिना भू परिवर्तन के नीर ज सैनी का होटल ध्वस्ति करण कराये जाने के संबंध में !       महोदय पूर्व में लगातार पत्राचार किया जाता रहा परन्तू भ्रष्टाचार हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण मे इतना हावी है कि विभागिय अधिकारियो के निजि लाभ के सामने नियम – कानून – जैब गरम होते शिकायत धूल फाँक रही होती है। महोदय हमारा परिवार क्रान्तिकारी पारिवार UKD नेता आशीष नेगी मेरा भाई है। मे चाचा का बेटा है। में मोदी समर्थक हूँ भाजपा की जमीनी कयिकर्ता हूं। फिर विभाग मेरे शिकायती पत्रो को डेस्टविन मे डाल रहा है। हरिद्वार विकास प्राधिकरण भ्रष्ट निति भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है। कृपया आप मेरी शिकायत पर ठोस कार्यवाही के आदेश करेंगे ।                       O टोलरेन्स मोदी जी का कहना उस पर अमल करें। श्री मुझे मजबुरन हरिद्धार  प्राधिकरण विभाग को पहाड़ी महासभा के कार्यकर्ताओं को अन्य संगठनों के साथ    भूख हड़ताल पर बैठना होगी तभी यह विभाग समाप्त होगा  ।   सी एम सहाब इन अवैध निर्माणो को सी ल किया जाना भ्रष्टाचार पर लगाम होगा ‘ 1 – नीरज सैनी U C M S  / HRDA / C / 1098 / 2024          कोई भी नियम का पालन नही किया गया – ध्वस्ति करण कराया जाये  ! कार्यवाही उपरान्त मुझे भी जानकारी दें।                          2 – राहूल बेरी श्रद्धा पुरम – विशाल होटल का निर्माण – HRDA  विभाग का भ्रष्टाचार कागजों मे आवासिय मोके पर कोर्मिशियल निर्माण – मोके पर जाँच उपरान्त ध्वस्ति करण करायें ।                         3  – सुमित बंसल का अवैध निर्माण श्रद्धा पुरम के द्वार पर पाँच मंजील का होटल निर्माण चालू है। जो सील किया था ।  मोके का स्थलिये निरीक्षण कराये । उपरान्त ध्वस्ति करण किया जाना है।             4 – मनमोहन अमृत गंगा अर्पाटमेन्ट के सामने सप्त सरोवर भूपत वाला हरिद्धार – U C M S/ HR DA / R / 0783 / 2024                        ( 5 ) राका गर्ग का अवैध कौर्मिशियल निर्माण आर्टिटेक्ट का लाईसेन्स निरस्त व अवैध निर्माण ध्वस्ति करण किया जाना भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना – .  आर्टिटेक्ट द्वारा लिख कर दिया गया स्पथ पत्र जाँच कर कार्यवाही हो –  मानचित्र के विपरित्त संडक पर निर्माण बेश मैन्ट भी बना डाला साईड़ बेक नही छोड़ी गई UC M S / HRDA / 0932 / 2024  शंकर आश्रम ज्वाला पुर हरिद्धार   आप कडे आदेश करे कार्यवाही उपरान्त मुझे भी जानकारी उपलब्ध कराये !               प्रार्थिया               मुस्कान नेगी         अध्यक्ष   .             पहाड़ी जन कल्याण ट्रस्ट   रजि 0          H .N 26 गीता मन्दिर के सामने कनखल हरिद्धार – पिन कोड़ 24 04 O 8 –

सेवा में श्रीमान
महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तराखंड राज भवन देहरादून 248001

विषय:-राज्य का सबसे भ्रष्टतम विभाग हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को जनहित में समाप्त करने के संबंध में।
महामहिम महोदय
विषय कल्याण लेने हेतु जनहित में प्रेषित है जिसमें हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार से धन कुबेर बने वहां के कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी नीति/धन वसूली नीति पिछले कई वर्षों से गतिमान है ऐसा नहीं है कि इसके संबंध में कोई शिकायत अथवा पत्राचार नहीं हुआ है लगातार होता रहा है परंतु इस राज्य में होता क्या है कि इसके खिलाफ जांच होती है वहीं जांच अधिकारी बन जाता है जिस विभाग के विरुद्ध लिखा जाता है वहीं विभाग अपने विभाग की जांच करता है जिसके परिणाम जैसे आने चाहिए वैसे नहीं आते हैं यानी जांच होती ही नहीं है झूठी मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रेषित की जाती है।
प्राधिकरण के द्वारा भवन निर्माण में जो नीति और नियमावली लागू की जाती है उसमें नियमावली 1972 का बायोलॉजी अलग है और प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों की नियमावली अलग है गंगा किनारे तमाम निर्माण हो गए जबकि 200 मी अथवा 100 मीटर दायरे में निर्माण बंद है हो नहीं सकता मान्य सर्वोच्च न्यायालय कहता है राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल कहता है लेकिन उसके बाद भी निर्माण में कोई शीतलता नहीं आई है क्योंकि प्राधिकरण मी बैठे अधिकारी अपना निजी राजस्व वसूलकर कुछ महीनो तक निर्माण को सेल करते हैं और उसके बाद निर्माण प्रारंभ हो जाता है।
महामही महोदय हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण नगर नियोजन के लिए नगर विकास मंत्रालय के अधीन संचालित है लेकिन 1972 से लगातार संचालित विभाग के द्वारा नगर नियोजन की कोई भी नीति विकसित नहीं की गई है केवल अपने राजस्व के लिए काम कर रहे हैं प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी और अभियंता लोग धन कुबेर बने बैठे हैं हरिद्वार की अगर बात करें तो कम से कम 30000 भवन निर्माता को नोटिस दे रखे हैं जिसे मोटे पैसे वसूल कर वह नोटिस दिए हुए भवन वह भवन जिसे सील किया गया था वह भवन जिसे दोस्तीकरण का आर्डर दिया गया था निजी शुल्क वसूलकर वर्तमान स्थिति में पूर्ण रूप से संचालित है
महामही महोदय मेरा अनुरोध तो केवल यही है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जैसी भ्रष्टाचारी विभाग को सरकार को तत्काल प्रभाव से जनहित में बंद कर देना चाहिए और भवन निर्माण मानचित्र की स्वीकृति नगर निगम के अधीन फिर से कार्य किया जाना चाहिए।
दूसरा विषय यह है कि प्राधिकरण के गठन के बाद प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारी उपाध्यक्ष सचिव के साथ-साथ संबंधित इंजीनियर सुपरवाइजर आदि की आई संपत्तियों की जांच उनके परिजनों की आई संपत्ति की जांच कराई जाए तो स्पष्ट मालूम होगा कि इन लोगों के द्वारा कितना पैसा अभी तक अपना निजी राजस्व के रूप में नियमों के दर को दिखाकर अपने लिए कमाया गया है इस विषय की जांच हो जाए तो वास्तविक स्थिति और भ्रष्टाचार के जनक स्पष्ट रूप से बेनकाब हो जाएंगे
महामहिम जैसे अनुरोध है कि जनहित में इस अनुरोध को स्वीकार किया जाए ताकि जनता को सरकार द्वारा प्रदत नियम के तहत अपना भवन निर्माण कार्य सम गति के साथ संचालित किया जाए बिना भ्रष्टाचार के भवन निर्माण का कार्य संचालित हो सके
धन्यवाद

नवीन अग्रवाल
बैरागी कैप शेखूपुरा कनखल
हरिद्वार