क्या_विरोध_ही_अपराध_है? 🧑
समाज में पैदा हुए है तो हमारे लोगों के हक के लिए आवाज उठाना हमारा फ़र्ज़ है।परंतु हम एक गलती करते है हमारी सबकी लड़ाई                    (हक की मांग)                सरकारों से क्यों  कि जो कुछ दे सकती है बदल सकती है वो उस समय की सरकार है।         लेकिन वो बहुत ही चालाकी से हमें आपस में उलझा देती है                                         एक संगठन दूसरे को गाली देता है ।                                   एक संगठन के कार्यकर्ता दूसरे के कार्यकर्ता से दुश्मनी का भाव रखने लगते है।                    एक समाज दूसरे को दुश्मन समझ कर चलती है और यहां सरकार हम को भटकाने में सफल हो जाती है।                हमे याद रखना चाहिए कि मानव एक सामाजिक प्राणी है हम आपस में मिलजुल कर रहते है। प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रमों के बाद साल भर हम एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।                हमे अपने बीच की एकता हमेशा कायम रखना चाहिए।हम एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी विरोध  मजाक   पोस्ट  सोशल   मीडिया युद्ध से बचे।

सबका अधिकार है हक और अधिकार के लिए आवाज उठना  प्रदर्शन करना।ऐसे समय में हर व्यक्ति को अपने समाज के साथ खड़ा होना चाहिए।    भविष्य में भी सर्व समाज को सर्वसामाजिक मुद्दे हो तो आपसी लड़ाई की जगह उनसे लड़ना चाहिए जो हमें दे सकते है।जिनसे हम कुछ बदलाव करवा सकते है। हर नेतृत्वकर्ता सम्मानित है और जायज़ मांग उसका हक और फ़र्ज़ है।

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