यह तस्वीर आज-कल की कड़वी सच्चाइयों को ऐसे दिखाती है जैसे किसी ने हमारे समाज के आईने पर धूल झाड़ दी हो। पैसों की इस गड्डी और नोटों पर उगते “पौधे” की तरह, रिश्ते भी वहीं बढ़ते हैं जहाँ स्वार्थ की खाद ज़्यादा हो। आज का दौर ऐसा है जहाँ इंसान की इज़्ज़त नहीं—उसकी कमाई, घर और गाड़ियों का “ब्रांड” पूछा जाता है। कड़वा है… लेकिन सच है।
अगर आप भी मानते हैं कि रिश्ते दिल से होने चाहिए, जेब से नहीं—तो यह पोस्ट आपके लिए है। 🌱💯