कभी कभी मन को मना लेना ही ठीक है,
हर जिद खुशी नही देती,जिद करना बचकाना हरकत है। जिद मुर्ख करता है , संमय ने पहलवान को भी धूल चटाई है। जीद अंहकार का रूप है। घमण्ड किस बात का शमशान पर गरीब अमीर की अग्नि में कोई भी फर्क नहीं होताजिस लकड़ी सेआमिर की चिता जलती हैवही लकड़ी गरीब की चित भी जलती है .तो जिद्दी अहंकारीइंसानशमशान पर जाकर सच्चाई से मुंह नहीं मोड सकतादुनिया का सबसे पवित्र स्थानअंतिमहैजहांअमीर और गरीबमें कोई फर्क नहीं हैरखमें तब्दीलउसके बाद मां गंगा में प्रवाहितयही दुनिया की सच्चाई है जय मां गंगे
🙏सुप्रभात 👍😎भैया जी नवीन अग्रवालश्री श्री जय मां गंगे  जय हो

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