समन्दर सारे शराब होते तो , सोचो कितना बवाल होता । हकीकत सारे ख्वाब होते तो , सोचो कितना बवाल होता ।। किसी के दिल में क्या छुपा है , ये बस खुदा ही जानता है । दिल अगर बेनकाब होते तो , सोचो कितना बवाल होता ।। थी खामोशी हमारी फितरत में , तभी तो बरसों निभा गए l अगर मुंह में हमारे जुबां होती तो ,सोचो कितना बवाल होता।। हम तो अच्छे थे पर लोगों की नजर में सदा बुरे ही रहे । कहीं सच में हम बुरे होते तो , सोचो कितना बवाल होता।।