साथियों नमस्कार
आज हम चर्चा करते हैं कि हरिद्वार में जिस प्रकार से धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की भूमि/ संपत्तियों पर भू माफियाओं के द्वारा लगातार भूमिया संतों के द्वारा लगातार अवैध रूप से कब्जा करने की  सफल कोशिश की जा रही है उसमें भी अब  नगर निगम हरिद्वार भी आगे बढ़ता नजर आ रहा है?
नगर निगम हरिद्वार के अधीन वसंत भवन खड़खड़ी हरिद्वार के कस्टोडियन के रूप में धार्मिक और पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की एक धर्मशाला  है जिसमें पूर्व से ही उसके प्रबंधन का ट्रस्ट संचालित है। केवल प्रबंधन ट्रस्ट ने अपने ट्रस्ट में इस विषय का उल्लेख किया था कि अगर ट्रस्ट में किसी प्रकार की कोई धार्मिक उद्देश्यों के प्रति ट्रस्टों के मन में व्यावसायिक लहर उठती है  तो इस ट्रस्ट का अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हरिद्वार का पदेन अध्यक्ष होगा ताकि धार्मिक और पूर्णिया से उद्देश्य की धर्मशाला सनातन की पूजा पद्धति एवं उपासना विधि के लिए काम आती रहे जिसके आधार पर वर्तमान नगर निगम हरिद्वार इसका कस्टोडियन है माननीय न्यायालय के आदेश पर।
आपको यहां पर एक अन्य सूचना पूर्व की प्रेषित करना इस आशा से भी जानकारी के लिए ज्ञानवर्धक होगा कि नगर निगम के पूर्व मेयर के द्वारा इस सूचना के सुनते उनके पूरे शरीर उनकी पूरी आत्मा उनकी पूरी जमात में खुशी की लहर फैल गई थी कि बसंत भवन ट्रस्ट खड़खड़ी के नियमावली में ट्रस्ट अध्यक्ष नगर पालिका का पदेन अध्यक्ष ही रहेगा नगरपालिका, नगर निगम में उच्च कृत हो गई और उसके एक पूर्व मेयर के द्वारा ऐसा अवसर देखकर के एक अलग से पृथक ट्रस्ट बना दिया गया और पूरे वसंत भवन को कब्जाने के उद्देश्य से पूर्व मेयर द्वारा प्रयास किया गया जिसे कुछ सामाजिक सरोकार रखने वाले और नगर पालिका के पूर्व पार्षद लखन लाल चौहान जी द्वारा इसमें न्यायालय के माध्यम से विधिक लड़ाई लड़ी गई जिस पर उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाए आज संपत्ति पूर्ण रूप से माननीय न्यायालय में बाद आयोजित होने के कारण कस्टोडियन के रूप में नगर निगम हरिद्वार है।
अभी सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भैया सत्ता  रूड़ी दल और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने एक राय होकर के कूट रचना रचते हुए बसंत भवन के बाहर सिल दुकानों को नगर निगम द्वारा नीलामी की तिथि निर्धारित करवा दी है 16 दिसंबर 2025 को जिसमें सूत्रों से यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भया नेताओं के द्वारा जिन-जिन लोगों को दुकान लेने की इच्छा जताई है उनसे 60 से 70 लाख रुपया अग्रिम रूप से बिक्री पत्र तय कर दिया गया है जो शायद 16 दिसंबर के बाद से सामने आ जाएगा बसंत भवन की चार  दुकानों की नीलामी के बाद, सूत्रों से समाचार?
उन्होंने एक गठजोड़ संयुक्त रूप से एक दल बनाया है जो नगर निगम में बोली लगाएंगे और कम बोली पर दुकान को अपने-अपने चेहतो के नाम कर कर 60 से 70 लाख में दुकान को बेचने की तैयारी और सौदा तैयार हो गया है यह पूर्ण जानकारी है सूत्रों से ही प्राप्त हुई है?
सूत्र यह  भी बताते हैं कि इस संरचना रचना के लिए पूर्व में पांच-पांच लाख रुपये चार दुकानों से छुठ भैया नेताजी जो दलाली करते हैं उनके द्वारा लिए गए हैं 5 साल पहले ही सेटलमेंट करने के लिए?
लेकिन जो मुख्य विषय है वह आया है की संपूर्ण प्रकरण माननीय न्यायालय में संचालित है और श्रीमान माननीय न्यायालय जिला जज हरिद्वार की न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण के लिए 92 का वादा भी आयोजित और संचालित है ऐसे में नगर निगम को कोई भी अधिकार नहीं है कि वह वसंत भवन की दुकानों की नीलामी करें?
नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार नगर महापौर और जिलाधिकारी हरिद्वार विषय का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से उपरोक्त नगर निगम के अधिकारियों और छोटे भैया नेताओं के बीच हुए गठजोड़ के कारण जो 16 दिसंबर को बसंत भवन की दुकानों की नीलामी होनी है उस पर अभिरंभ रोक लगाई जाए अन्यथा की दृष्टि में अबमानना की कार्रवाई की जाएगी?
माफिया संत जो भूमिया भी हैं उनके द्वारा जिस प्रकार से धार्मिक संपत्तियों पर अवैध रूप से माफिया के साथ गठ जोड़कर  कर धार्मिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है उन माफिया संतों से भी आग्रह है कि धार्मिक संपत्तियों को बचाने के लिए आगे आए और धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की संपत्तियों को बचाने के लिए भी कभी विचार करें?
धन्यवाद
जय बद्री जय केदार

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