अगर आपके संस्कार अच्छे हैं तो आप सभी अच्छी हैं । बस आपसे हाथ जोड़कर एक ही विनती है कि अपने मां-बाप की इज्जत को नीलाम मत होने देना । आपकी मां-बाप के लिए आपसे बढ़कर इस दुनिया में कोई दौलत नहीं है ।

आपका कहना सही है सर कभी किसी बात का अहंकार नहीं करना चाहिए वक्त बदलते देर नहीं लगती है एकता सबसे बड़ी ताकत होती है नहीं तो जंगल में अगर तूफान आता है तो पूरा जंगल नहीं केवल कुछ अकेले पेड़ ही गिरते हैं

देवभूमि नशा मुक्त संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में चल रहे नशा मुक्त समाज नशामुक्त देव भूमि अभियान के तहत कुम्भ क्षेत्र खारा स्रोत मुनिकीरेती में स्थित शराब का ठेका पूर्णात्य बन्द कराने के लिए अ अनिश्चित कालिन आमरण अनशन और आमरण अनशन दिनांक 27 / 10 / 2025 से शुरू हुआ धरना मेरा क्षेत्र मेरी जिम्मेदारी पर समाज सेवी जेपी बड़ोनी – ने धरणा स्थल पहुँच अपना पूर्ण सर्मथन दिया . नवीन भैया – नरेन्द्र कुमार श्रमिक भी सर्मथन में रहे ‘

₹100000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ था वह भी सीबीआई ने पकड़ा था फिर भी वह पेशकार बना है देहरादून में एसपी साहब इसे जूता पॉलिश करने में लगा दो पूरे उत्तराखंड पुलिस को बदनाम करके रखा था H.k

बेईमान लोग बेईमान पटवारी बेईमान एस डी एम के द्वारा पैसे लेकर के गलत प्रमाण पत्र बना रखे हैं इन विमाग का जुलूस निकालना चाहिए । 100% सत्य भ्रष्ट बेइमान पटवारीयों द्वारा जाँच के बाद ये हात उत्तराखण्ड में !

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साथियों नमस्कार
आज हम चर्चा करते हैं कि हरिद्वार में जिस प्रकार से धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की भूमि/ संपत्तियों पर भू माफियाओं के द्वारा लगातार भूमिया संतों के द्वारा लगातार अवैध रूप से कब्जा करने की  सफल कोशिश की जा रही है उसमें भी अब  नगर निगम हरिद्वार भी आगे बढ़ता नजर आ रहा है?
नगर निगम हरिद्वार के अधीन वसंत भवन खड़खड़ी हरिद्वार के कस्टोडियन के रूप में धार्मिक और पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की एक धर्मशाला  है जिसमें पूर्व से ही उसके प्रबंधन का ट्रस्ट संचालित है। केवल प्रबंधन ट्रस्ट ने अपने ट्रस्ट में इस विषय का उल्लेख किया था कि अगर ट्रस्ट में किसी प्रकार की कोई धार्मिक उद्देश्यों के प्रति ट्रस्टों के मन में व्यावसायिक लहर उठती है  तो इस ट्रस्ट का अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हरिद्वार का पदेन अध्यक्ष होगा ताकि धार्मिक और पूर्णिया से उद्देश्य की धर्मशाला सनातन की पूजा पद्धति एवं उपासना विधि के लिए काम आती रहे जिसके आधार पर वर्तमान नगर निगम हरिद्वार इसका कस्टोडियन है माननीय न्यायालय के आदेश पर।
आपको यहां पर एक अन्य सूचना पूर्व की प्रेषित करना इस आशा से भी जानकारी के लिए ज्ञानवर्धक होगा कि नगर निगम के पूर्व मेयर के द्वारा इस सूचना के सुनते उनके पूरे शरीर उनकी पूरी आत्मा उनकी पूरी जमात में खुशी की लहर फैल गई थी कि बसंत भवन ट्रस्ट खड़खड़ी के नियमावली में ट्रस्ट अध्यक्ष नगर पालिका का पदेन अध्यक्ष ही रहेगा नगरपालिका, नगर निगम में उच्च कृत हो गई और उसके एक पूर्व मेयर के द्वारा ऐसा अवसर देखकर के एक अलग से पृथक ट्रस्ट बना दिया गया और पूरे वसंत भवन को कब्जाने के उद्देश्य से पूर्व मेयर द्वारा प्रयास किया गया जिसे कुछ सामाजिक सरोकार रखने वाले और नगर पालिका के पूर्व पार्षद लखन लाल चौहान जी द्वारा इसमें न्यायालय के माध्यम से विधिक लड़ाई लड़ी गई जिस पर उनके मंसूबे सफल नहीं हो पाए आज संपत्ति पूर्ण रूप से माननीय न्यायालय में बाद आयोजित होने के कारण कस्टोडियन के रूप में नगर निगम हरिद्वार है।
अभी सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भैया सत्ता  रूड़ी दल और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने एक राय होकर के कूट रचना रचते हुए बसंत भवन के बाहर सिल दुकानों को नगर निगम द्वारा नीलामी की तिथि निर्धारित करवा दी है 16 दिसंबर 2025 को जिसमें सूत्रों से यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि कुछ छूट भया नेताओं के द्वारा जिन-जिन लोगों को दुकान लेने की इच्छा जताई है उनसे 60 से 70 लाख रुपया अग्रिम रूप से बिक्री पत्र तय कर दिया गया है जो शायद 16 दिसंबर के बाद से सामने आ जाएगा बसंत भवन की चार  दुकानों की नीलामी के बाद, सूत्रों से समाचार?
उन्होंने एक गठजोड़ संयुक्त रूप से एक दल बनाया है जो नगर निगम में बोली लगाएंगे और कम बोली पर दुकान को अपने-अपने चेहतो के नाम कर कर 60 से 70 लाख में दुकान को बेचने की तैयारी और सौदा तैयार हो गया है यह पूर्ण जानकारी है सूत्रों से ही प्राप्त हुई है?
सूत्र यह  भी बताते हैं कि इस संरचना रचना के लिए पूर्व में पांच-पांच लाख रुपये चार दुकानों से छुठ भैया नेताजी जो दलाली करते हैं उनके द्वारा लिए गए हैं 5 साल पहले ही सेटलमेंट करने के लिए?
लेकिन जो मुख्य विषय है वह आया है की संपूर्ण प्रकरण माननीय न्यायालय में संचालित है और श्रीमान माननीय न्यायालय जिला जज हरिद्वार की न्यायालय में उपरोक्त प्रकरण के लिए 92 का वादा भी आयोजित और संचालित है ऐसे में नगर निगम को कोई भी अधिकार नहीं है कि वह वसंत भवन की दुकानों की नीलामी करें?
नगर आयुक्त नगर निगम हरिद्वार नगर महापौर और जिलाधिकारी हरिद्वार विषय का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से उपरोक्त नगर निगम के अधिकारियों और छोटे भैया नेताओं के बीच हुए गठजोड़ के कारण जो 16 दिसंबर को बसंत भवन की दुकानों की नीलामी होनी है उस पर अभिरंभ रोक लगाई जाए अन्यथा की दृष्टि में अबमानना की कार्रवाई की जाएगी?
माफिया संत जो भूमिया भी हैं उनके द्वारा जिस प्रकार से धार्मिक संपत्तियों पर अवैध रूप से माफिया के साथ गठ जोड़कर  कर धार्मिक संपत्तियों को बेचा जा रहा है उन माफिया संतों से भी आग्रह है कि धार्मिक संपत्तियों को बचाने के लिए आगे आए और धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्य की संपत्तियों को बचाने के लिए भी कभी विचार करें?
धन्यवाद
जय बद्री जय केदार

होटल बबुआ हाईनेस आवासिय क्षेत्र मे अतिक्रमण  ध्वस्ति करण किये जाने की माँग !  __________________ हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार का भ्रष्ट रवैया  शिकायत उपरान्त भी विभागिय लापरवाही – सील के आदेश . अवैध भवन स्वामी द्वारा गया स्पथ पत्र अपने खर्चे पर ध्वस्ति करण करूगाँ – दिनांक 06/03/2025 को दिया गया ।  

कभी कभी मन को मना लेना ही ठीक है,
हर जिद खुशी नही देती,जिद करना बचकाना हरकत है। जिद मुर्ख करता है , संमय ने पहलवान को भी धूल चटाई है। जीद अंहकार का रूप है। घमण्ड किस बात का शमशान पर गरीब अमीर की अग्नि में कोई भी फर्क नहीं होताजिस लकड़ी सेआमिर की चिता जलती हैवही लकड़ी गरीब की चित भी जलती है .तो जिद्दी अहंकारीइंसानशमशान पर जाकर सच्चाई से मुंह नहीं मोड सकतादुनिया का सबसे पवित्र स्थानअंतिमहैजहांअमीर और गरीबमें कोई फर्क नहीं हैरखमें तब्दीलउसके बाद मां गंगा में प्रवाहितयही दुनिया की सच्चाई है जय मां गंगे
🙏सुप्रभात 👍😎भैया जी नवीन अग्रवालश्री श्री जय मां गंगे  जय हो

सेवा में श्रीमान
महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तराखंड राज भवन देहरादून 248001

विषय:-राज्य का सबसे भ्रष्टतम विभाग हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को जनहित में समाप्त करने के संबंध में।
महामहिम महोदय
विषय संज्ञाण लेने हेतु जनहित में प्रेषित है जिसमें हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार से धन कुबेर बने वहां के कर्मचारी अधिकारियों की मनमानी नीति/धन वसूली नीति पिछले कई वर्षों से गतिमान है ऐसा नहीं है कि इसके संबंध में कोई शिकायत अथवा पत्राचार नहीं हुआ है लगातार होता रहा है परंतु इस राज्य में होता क्या है कि जिसके खिलाफ जांच होती है वहीं जांच अधिकारी बन जाता है जिस विभाग के विरुद्ध लिखा जाता है वहीं विभाग अपने विभाग की जांच करता है जिसके परिणाम जैसे आने चाहिए वैसे नहीं आते हैं यानी जांच होती ही नहीं है झूठी मनगढ़ंत रिपोर्ट प्रेषित की जाती है।
प्राधिकरण के द्वारा भवन निर्माण में जो नीति और नियमावली लागू की जाती है उसमें नियमावली 1972 का बायोलॉज अलग है और प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों की नियमावली अलग है गंगा किनारे तमाम निर्माण हो गए जबकि 200 मी 0 अथवा 100 मीटर दायरे में निर्माण बंद है हो नहीं सकता मान्य सर्वोच्च न्यायालय कहता है , राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल कहता है , लेकिन उसके बाद भी निर्माण में कोई शीतलता नहीं आई है क्योंकि प्राधिकरण में बैठे अधिकारी अपना निजी राजस्व वसूलकर कुछ महीनो तक निर्माण को सील करते हैं और उसके बाद निर्माण प्रारंभ हो जाता है।
महामहीम महोदय हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण नगर नियोजन के लिए नगर विकास मंत्रालय के अधीन संचालित है लेकिन 1972 से लगातार संचालित विभाग के द्वारा नगर नियोजन की कोई भी नीति विकसित नहीं की गई है केवल अपने राजस्व के लिए काम कर रहे हैं प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी और अभियंता लोग धन कुबेर बने बैठे हैं हरिद्वार की अगर बात करें तो कम से कम 30000 भवन स्वामीओं को नोटिस दे रखें हैं उन अवैध भवन मालिको से मोटे पैसे वसूल कर वह नोटिस दिए हुए अवैध भवन व भवन जिन्हे सील किया गया था वह भवन जिसे ध्वस्तिकरण का आदेश  दिया गया था निजी शुल्क वसूलकर वर्तमान स्थिति में पूर्ण रूप से संचालित है
महामहीम महोदय मेरा अनुरोध तो केवल यही है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण जैसा भ्रष्टाचार विभाग को सरकार को तत्काल प्रभाव से जनहित में बंद कर देना चाहिए और भवन निर्माण मानचित्र की स्वीकृति नगर निगम के अधीन फिर से कार्य किया जाना चाहिए।
दूसरा विषय यह है कि प्राधिकरण के गठन के बाद प्राधिकरण में कार्यरत कर्मचारी उपाध्यक्ष सचिव के साथ-साथ संबंधित इंजीनियर सुपरवाइजर आदि की आय संपत्तियों की जांच उनके परिजनों की आय संपत्तियों की जांच कराई जाए तो स्पष्ट मालूम होगा कि इन लोगों के द्वारा कितना पैसा अभी तक अपना निजी राजस्व के रूप में नियमों  को दर किनार कर सरकार को अंगुठा दिखाकर अपने ही लिए कमाया गया है । इस विषय की जांच हो जाए तो वास्तविक स्थिति और भ्रष्टाचार के जनक स्पष्ट रूप से बेनकाब हो जाएंगे
महामहिम जी से  अनुरोध है कि जनहित में इस अनुरोध को स्वीकार किया जाए ताकि जनता को सरकार द्वारा प्रदत नियम के तहत अपना भवन निर्माण कार्य     समगति के साथ संचालित किया जाए बिना भ्रष्टाचार के भवन निर्माण का कार्य संचालित हो सके जनहित मे आम नागरिक अपना भवन प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के घुष खोरी निति से बचेगा ! सेवा शुल्क अवैध भवन निर्माण के लिये देना आवश्यक है। वर्ना सील और नोटिस का भय  प्राधिकरण के नियमों मे लगातार जारी है। विभाग समाप्त करने की हमारी माँग स्विकार करें।
धन्यवाद

नवीन अग्रवाल
बैरागी कैप शेखूपुरा कनखल
हरिद्वार