आज एक कहानी पढ़ने को मिली सोचा आप सभी मित्रों से शेयर करूं। तो कहानी उस तरह से है 
मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों के एक समूह में से “एक मित्र ने अपनी पत्नी के निधन के बाद, पार्क में टहलने जाना, अपने दोस्तों के साथ बातचीत करना, तथा प्रतिदिन सुबह-शाम पास के मंदिर में जाना अपनी दिनचर्या बना ली थी।”

कई बार तो ये सभी दोस्त घर से टिफिन लेकर आते और साथ में खाना खाते। यह मित्र हमेशा तीन रोटियां लाता था।

“एक दिन उसके एक मित्र ने जिज्ञासावश उससे पूछा:”

“क्या आपकी बहू आपको केवल तीन रोटियां देती है?

मित्र ने पूछा, “क्या तुम्हें भूख कम लग रही है?”

तब बुज़ुर्ग ने कहा, “मैं हमेशा भगवान से तीन रोटियाँ माँगता हूँ।” और आज मैं तुम लोगों को रोटी के विषय में जो बता रहा हूँ उसे ध्यान से सुनो।

मेरी राय में, वास्तव में रोटी चार प्रकार की होती है। पहली “सबसे स्वादिष्ट” रोटी जो “माँ के प्यार” और “स्नेह” से भरी होती है। जिससे पेट तो भर जाता है, लेकिन उसे खाने के लिए मन हमेशा लालायित रहता है।

यह सुनकर एक मित्र ने कहा, “तुमने यह बात सोलह आने सच कही।” लेकिन शादी के बाद माँ के हाथ की रोटी मिलना दुर्लभ हो जाता है।

बुजुर्ग ने आगे कहा, “हां, यह सही है।” और दूसरी रोटी पत्नी की है, जिसका स्वभाव और भावना “समर्पण” की है, जो “पेट” और “मन” दोनों को भर देती है।

यह सुनकर दूसरे दोस्त ने कहा, “अरे, हमने तो कभी इस बारे में सोचा ही नहीं।”

तो तीसरी रोटी का मालिक कौन है? एक अन्य मित्र ने पूछा।

बुजुर्ग ने कहा – तीसरी रोटी बहू की है, जिसमें सिर्फ कर्तव्य बोध है, जिससे कुछ स्वाद भी मिलता है और पेट भी भर जाता है और वृद्धाश्रम के झंझटों से भी बचाव होता है।

इसके बाद कुछ देर तक सन्नाटा रहा, लेकिन यह चौथी रोटी क्या है? एक मित्र ने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा।

तब बुजुर्ग ने कहा- चौथी रोटी दासी की है। जिससे न तो व्यक्ति का “पेट” संतुष्ट होता है, न ही उसका “मन” और “स्वाद” की भी कोई गारंटी नहीं होती।

लेकिन यदि परिस्थिति आपको चौथी रोटी तक ले आए तो ईश्वर को धन्यवाद दें कि उसने आपको जीवित रखा और अब स्वाद पर ध्यान न दें, बस जीवित रहने के लिए थोड़ा कम खाएं ताकि
बुढ़ापा आराम से कट सके

इस बार खामोशी के साथ-साथ सभी की आंखें नम हो गईं।!(NA)!

उसके बाद सभी दोस्त चुपचाप सोच रहे थे 
हम सचमुच कितने भाग्यशाली हैं!

तो दोस्तों:–
हमेशा अपनी मां की पूजा करें, अपनी पत्नी को अपनी सबसे अच्छी दोस्त मानकर उसके साथ जीवन व्यतीत करें, अपनी बहू को अपनी बेटी समझें और उसकी छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज करें और अगर कोई बात समझाने की जरूरत हो तो उसे शांति और प्यार से समझाएं। अगर वह खुश रहेगी तो वह आपकी अच्छी देखभाल करेगी।
धन्यवाद🙏🙏🌹
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💕आपकी अपनी #Neha💕

प्लीज सर ! सर !
सर आप हमारी पुलिस हैं !!
  सर सर हमारी मदद कीजिए !!!
गाड़ी नहीं उठाईये सर sssss
चालान नहीं करिये स sssssses र

आजकल के समय में टूह्वीलर ( वाइक–स्कूटर ) के स्वामी से ज्यादा ग़रीब कोई नहीं होता उसके लिए उसके परिवार के लिए “चालान” करना, उनकी गाड़ियां सीज करना, उठा कर ले जाना,
उन परिवारों की हत्या करने के ही समान है।

आतंकवादी तो एकदम मार देते हैं,
उनके हाथों मरने से मुआवजा भी मिल
सकता है,  परन्तु पुलिस मारती नहीं है
आर्थिक रूप से तड़फाती है

श्रीमान जी ,
इन टू ह्वीलर वालों में से अधिकांश की तनख्वाह १५ हजार रुपए और अठारह हजार रुपए होती है इतने कम में केसे जी लेते हैं ? पता नहीं ।

२५-३०- ३५ हजार पाने वालों का तो पूरे परिवार का बजट ही फेल हो जाता है आपके द्वारा किए जाने वाले चालान से। यदि उसी चालान से बसूले गए रुपए से ही वे कागजात भी बन जाएं जिनके लिए चालान किया गया है तो  आम जन को भी राहत मिलेगी।
जब भी क्रेन द्वारा वाईक लादी जाती हैं , उस समय  वहां भी मध्यम श्रेणी के लोगों का ही वाहन लूटा जा रहा होता है आतंकित करने वालों के द्वारा ? इसीको कहते हैं तड़फा तड़फा कर मारना।

अब  ये आम लोग जिनका स्कूटर वाईक लूटा जा रहा है वे लोग बहुत ही मुश्किल से पुलिस चौकी पहुंचेगें, बहुतों की जेब में पैसा भी नहीं होगा,
तब आतंकवादियों के समान हरकत करने वाले अपने  साहब की नजरों में अपने नम्बर बढ़ाने के लिए चालान करेंगे। यदि दूसरे दिन तक ये आम लोग अपने  टू ह्वीलर नहीं छुड़ा पाये तो उन   गाड़ियों का पुर्जा पुर्जा निकाल कर बेच दिया जायेगा।
—- इसलिए श्रीमान जी!

रहम करियेगा! रहम करियेगा!! रहम करियेगा!!!

निवेदक :—- पण्डित गोपाल कृष्ण बडोला
बडोला जी वैलफेयर फाउण्डेशन हरिद्वार

सेवा मे श्री मान उपाध्यक्ष महोदया हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्धार    विषयः सील कराये जाने के आदेश के संबंध में ।   महोदया निवेदन है कि मेघा अरोड़ा File No . HRDA / NC / 0225 / 25 26 श्री योजन अरोड़ा पता अर्या नगर निकट रेलवे क्रासिंग परगना ज्वालापुर तहसील एवं जिला हरिद्वार द्वार कौर्मिशियल निर्माण किया गया है जिसका मानचित्र स्विकृत नही है। सैक्टर ज्वालापुर के सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता को मौके पर भेज कर जांच कराये साईड बैक नही छोड़ी गई सड़क से  दूरि  PWD की NOC फर्जी  . फायर फैडिंग एक्यूपमेन्ट नही फर्जी अनुमति मानचित्र के विपरित निर्माण जो मानचित्र दिया गया है उससे मोके का स्थलिय निरीक्षण कराये , भवन स्वामी एवं आर्टिटेक्ट द्वार यह लिख कर देना जो मानचित्र जमा किया गया उसके विपरीत निर्माण पाये जाने पर लाईसन्स निरस्त किये  जाने के अधिकार HRDA को है आप मौके का स्थालिय निरीक्षण कर सील किये जाने के आदेश करें।   भवदीय               मुस्कान नैगी              अध्यक्ष              उत्तराखण्ड पहाडी जन कल्याण ट्रस्ट !          मौ 0 89 410 416 86

सेवा मेंसचिन हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार  विषय :हरिद्वार नगर क्षेत्र में प्राधिकरण के अधिकारियों की स्वयं संल्पिता  के चलते हो रहे अवैध निर्माणों को  सीज किए जाने के संबंध में ।

हरिद्वार के 25 साल से विधायक मदन जी ने विधायक का काम कम व्यापारी का काम जायदा किया है हर व्यवसाय में इनका हिस्सा है इनके बोहुत से व्यवसाय चल रहे है इनको आप माफिया भी बोल सकते है तभी तो आज उत्तराखंड के अमीरों की गिनती में नंबर 1 पर है ये सब पैसा हरिद्वार के विकास में लगता अगर जनता इनको वोट न देती तो
जय सीता राम की