शुभ प्रभात

एक खुशहाल जीवन जीने के लिए यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि जो कुछ भी हमारे पास है… वो ही सबसे अच्छा है…      कभी भी दुसरो जैसा मत बनने का प्रयास करें ऐसा करने वाले इन्सान सिर्फ टेशन का जीवन व्यतित कर रहे है क्या आप तो ऐसा नही करते आप अगर हिरस का जीवन जी रहे है तो हमेशा दुखी रहेंगे – जीवन को दुख हम खुद ही बुला रहे है। वर्ना भगवान ने इन्सान को पुर्ण कर भेजा है आवश्यकता नही क्रीम पावडर की नेचुरल ही सेफी सैन्ट है।   आप अपने मित्र को भेजे समझदार इन्सान ही समझते है मूर्ख कभी समझेगा नही उसे समझाना भी नही ! मुझे भी भेजे अपने सभी साथियों को – मुझे लाईक करें। NAVEEN

साथियों नमस्कार
अत्यंत दुखद विषय के साथ सरकार द्वारा जनित प्रकृति के दोहन के विकास के चलते हिमालय क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है जिसमें कल उत्तरकाशी के धारली में बादल फटने के कारण मानव ,मवेशीयो के हताहत होने की सही सूचना संचालित रेस्क्यू के समाप्त होने के उपरांत ही स्पष्ट हो पाएगी।
स्पष्ट प्रमाण और दावे के साथ कहा जा सकता है कि पहाड़ पर बस्ती वाले पहाड़ियों के पूर्वज निश्चित रूप से बहुत बड़े भूगर्भ शास्त्री रहे होंगे उनके द्वारा स्थापित गांव में कभी भी ना बादल फटा ना पहाड़ गिरने की घटना हुई केवल ऐसे गांव में बादल फटे पत्थर गिरे पहाड़ टूटे जिन्होंने सुविधा का ध्यान रखते हुए पुराने बेस बेस गांव से अलग अपना बसेरा बसाया चाहे वह बसेरा खुद पहाड़ के लोगों ने बसाया अथवा पहाड़ों पर भौतिकवाद के विकास के कारण पृथक रूप से प्रकृति को पंचतारा संस्कृत में बदलने की सोच विकसित की गई वहीं पर ऐसी घटनाएं सामने आई हैं चाहे कहीं की भी घटना का वर्णन कर ले जहां पर बादल फटे हो अथवा पहाड़ टूटे हूं वह पूर्वजों के द्वारा बसाई हुई गांव नहीं है निश्चित रूप से पहाड़ के आदि संख्यक आबादी नदियों के किनारे पर निवास करती है और जंगलों को संस्कृत करने की सामाजिक संरचना की जो भावना थी उसी के कारण हमारी संस्कृति वनों से विकसित हुई है और विश्व में हमारी ही नहीं कई वैश्विक देश की संस्कृति भी वनों के द्वारा विकसित हुई है बैंड समृद्ध देश चाहे वह इथोपिया हो ब्राज़ील हो नीदरलैंड हो ऑस्ट्रेलिया हो सभी का कर्मिक विकास वनों से हुआ है बन हमारी संस्कृति और पशुधन की भरण पोषण की मुख्य संरक्षण साल रही है।
हिमालय क्षेत्र एक शांत प्रिया क्षेत्र है एक दौर में बाबा बद्री विशाल के यहां तो शंख और घंटे घड़ियाल बजाने की भी अनुमति नहीं थी लेकिन आज पंचतारा संस्कृति के चलते तीर्थ स्थलों तक यातायात के शुभम साधन बन गए हैं हेली सेवा उपलब्ध हो गई है क्योंकि विकास बहुत तेजी से हिमालय क्षेत्र को निगलने के लिए उतारू है।
आज के व्यावसायिक वैज्ञानिक मनुष्य द्वारा शांत हिमालय क्षेत्र में पंचतारा संस्कृति के विकास के लिए जिस प्रकार से विकास नाम का अपने व्यावसायिक विकास के पेजामी पहनकर प्रकृति पद सुंदरता को पंचतारा भौतिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनतंत्र की सरकार की पीठ पर सवार होकर जनतंत्र को कुचल ते हुए हिमालय क्षेत्र के परिवेश उसके पारिस्थितिक तंत्र उसकी संस्कृति इसकी सभ्यता को आधुनिक विकास के नाम पर विनष्ट करने के लिए पश्चिम सभ्यता के फेके हुए लंगोट को पहनकर सरकार से हिमालय क्षेत्र उसकी समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र पर कब्जा करने के लिए जिस प्रकार की रणनीति बनाकर उत्तराखंड हिमालय क्षेत्र को कंक्रीट के स्ट्रक्चर में खड़ा करते हुए हिमालय क्षेत्र को रेगिस्तान बनाने की जो संयोजित षड्यंत्र रचा गया है उससे हिमालय को अत्यधिक खतरा हो गया है हाल ही के वर्षों में अभी तक 42 ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं जो उत्तराखंड की हिमालय संस्कृति और उसकी सभ्यता को निगल रही है।
वर्ष 2013 में बाबा केदार के क्षेत्र में बड़ी आपदा आई थी उसमें अभी तक कितने लोग इंद्रपुरी पहुंच गए उनका सही आंकड़ा सरकार आज तक बताने में सफल नहीं रही है कई वर्षों तक जंगलों में मानव कंकाल मिलते रहे। कुछ स्थानीय लोगों की माने तो उसे आपदा में 30000 से अधिक तीर्थ श्रद्धालु लापता हुए सरकार का आंकड़ा 7000 के पार नहीं कर सका विश्वास करना चाहिए हमें सरकार के आंकड़ों पर विश्वास किया गया पूरे विश्व में विश्वास किया लेकिन यह विश्व की ऐसी तृषादी है जिसे इतिहास कभी भूलने नहीं देगा।
चिंता की बात तो यह है कि जब लगातार हिमालय क्षेत्र में आपदाएं सरकार द्वारा आमंत्रित की गई हैं तो निर्दोष लोगों की जान माल की रक्षा करने के लिए ठोस उपाय क्यों नहीं किया जा रहे हैं क्या उसके पीछे के यह कारण है कि हिमालय क्षेत्र को रेगिस्तान बनाने के लिए आतुर कुछ भु- व्यावसायिक माफिया सरकार को खरीद देते हैं ब्यूरोक्रेट्स को खरीद देते हैं ताकि उनका पंचतारा विकास शांति हिमालय वीदियो में व्यवसायिक ता को उत्पन्न करें और उनकी जेबे भी र्गम होती रहे अगर आपदा आई भी तो वहां पर तैनात उनके कर्मचारी हताहत होंगे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह देहरादून से संचालित होती है और ब्यूरोक्रेट्स भी कभी जनता के होते ही नहीं है आज भी उत्तराखंड के कई गांव मौलिक अधिकारों में समृद्ध मानव अधिकारों से प्रदत्त सुविधाओं से भी वंचित है इसमें क्या वहां पर रहने वाले लोगों का दोष है या उन लोगों का दोष है जो जनता से वोट लेकर के सरकार चलाते हैं और फिर जनता के ही विरुद्ध कानून बनाते हैं।
निश्चित रूप से यह सभी आपदाएं प्रकृति प्रद लगते हैं लेकिन जब आप सरकार के एजेंट और सिस्टम में बैठे हुए ब्यूरोक्रेट्स का मानसिक रूप से अध्ययन करेंगे तो स्पष्ट होगा कि यह लोग केवल और केवल संपूर्ण रूप से व्यवसाय कर रहे हैं इस राज्य के संसाधनों को विनाश कर रहे हैं उन्हें भू माफिया और खनन माफिया को सौंप रहे हैं राज्य में प्रचुर मात्रा में दोहन कर कर मुनाफाखोर मुनाफा खा रहे हैं और आपदाओं में उत्तराखंड की निर्दोष जनता जीवन गवा रही है।
सरकार ने तो अपना एकमात्र एजेंडा बना दिया है की आपदा घटित होने दो और वहां पर हम सरकारी एजेंसी के साथ कैंप करने लग जाती है लगता है कि यही हमारे सच्चे हितोशी हैं जबकि ऐसा कतई नहीं है यह लोग हवाई सर्वेक्षण भी जमीनों की तलाश के लिए करते हैं कि अगला जंगल किस माफिया को बेचा जाए उन्हें आज पैसा चाहिए वह पैसा निर्दोष जनता की जीवन को दाव पर लगाकर आए या प्रकृति को तबाह करके आए वह आना चाहिए।
सरकार की अगर मानते हैं तो वर्ष 2011 में राज्य में संचालित प्रमुख चुंबकीय शक्ति मतों के लिए एक सुरक्षा समिति बनाई गई थी जिसमें काफी नियम थे वहां पर कोई हादसा होता है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई थी लेकिन वह आज तक प्रवान  नहीं चढ़ा उसके बाद वर्ष 2013 की बाबा केदार धाम में आई आपदा के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी को दंड नहीं दिया गया इसी प्रकार से आपदाएं आती रहेंगे निर्दोष लोग हादसो के शिकार हो जाएंगे सरकार रेस्वयू चलाकर मुआवजा बांट देगी और सिस्टम फिर दूसरे हादसे का इंतजार करेगा निश्चित रूप से या हादसा प्रकृति प्रद नहीं है सरकार द्वारा आमंत्रित आपदा है इसके लिए सरकार चाहे वह कांग्रेस रही हो अथवा वर्तमान की भाजपा सरकार दोनों ही जिम्मेदार हैं इसीलिए जागरूक राज्यों में शायद स्थानीय दालों की सरकार कई राज्यों में संचालित है केंद्रीय कृत दलों की सरकार राज्यों के मूल अवधारणा के विरुद्ध विकास करती है इस विकास को हमने देखा है ऑल वेदर रोड से इससे नदियों मी पहाड़ काटकर कितना सीट जमा किया गया कितने कितने व्रछो के प्रजातियां समाप्त की गई जो पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत आवश्यक थी न तो यह परियोजना पूर्ण हुई और इससे क्षति अपार हो गई कहावत है तब गई सड़क मेरे गांव जब मेरे गांव के लोग शहर चले गए।
उत्तराखंड के कई गांव आज भी संपूर्ण रूप से खाली हो गए पलायन के लिए भी सरकार के पास कोई नीति है ना विधि है और न ही व्यवस्था है। उत्तराखंड के सम्मानित जनता को ही अब जागृत होना पड़ेगा 25 साल के उत्तराखंड के हो गए हैं अगर इन 25 सालों में भी हमने अपने राजनीतिक सत्ता दलों की नीति नहीं समझी तो फिर समझना भी मुश्किल है इसी तरह के हादसे पर हादसे  होते जाएंगे हवाई सर्वेक्षण होगा और फिर अधिकारी अगले किसी ठेकेदार को हमारे जंगलों को सौंप देंगे किसी को हाइड्रो पावर के लिए किसी को पंचतारा संस्कृति के विकास के लिए यह कभी नहीं समझ सकते कि हिमालय चाहता क्या है हिमालय के साथ छेड़खानी होना ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं होगा उसकी परिणिति इसी प्रकार से होगी कि एक दिन उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं में समाप्त हो जाएगा और जो हिस्सा बचेगा वह फिर हिमालय के संसाधनों को लूटने के लिए सरकार की पीठ पर सवार होकर के हिमालय का बंटवारा करेगा हिमालय का ठेका ले लेगा।
साथियों यह हिमालय वहीं क्षेत्र है जहां पर वेदव्यास जी ने बाबा बद्री धाम की व्यास गुफा में श्रीमद् भागवत महापुराण की रचना की महाकवि कालिदास द्वारा काली मठ में अभिज्ञान शाकुंतलम् जैसे ग्रंथ का रचना की उसे क्षेत्र में इस प्रकार की आपदाएं आना निश्चित रूप से सरकार का फेलियर है जिसको हमें जल्दी से जल्दी समझना होगा ताकि हम खुद जिम्मेदारी लें हिमालय को बचाने के लिए सरकार के भरोसे हम हिमालय को नहीं छोड़ सकते।
आपदा में हताहत हुए दिवंगत पुण्य आत्माओं को शत-शत नमन शत-शत नमन
जय हिंद जय भारत जय बद्री जय केदार

Skip to content ज्वालापुर मे ज्वेलर्स के घर लूट, नौकरानियों ने पूरे परिवार को जहर देकर दिया घटना को अंजाम…

सेवा में                                             मा० मुख्यमंत्री  उत्तराखण्ड देहरादून                                            . . .                                                  श्री मान मुख्य सचिव उत्तराखण्ड देहरादून              – – –                                               श्री मान शहरी आवास सचिव महोदय उतराखण्ड  देहरादून                                              . . .                                              श्री  मान निदेशक राजा जी राष्ट्रीय टाईगर रिर्जव पार्क  –   देहरादून उत्तराखण्ड .          – – –                   सख्त से सख्त कार्यवाही किये जाने हरिद्धार जिला अधिकारी स्वंय संज्ञान ले अवैध निर्माण को सील कर  ध्वस्ति करण के आदेश किये जायें साथ ही हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण द्वारा मानचित्र स्विकृत किया है उस पर जाँच कमेटी गठित हो इन्फ्रा ईटीएच हरिद्वार वन का यह प्रोजेक्ट फेसबुक से मुझे प्राप्त             हुआ हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण विश्वसनिय गोपनिय सूत्र से जानकारी प्राप्त कर । आपको शिकायत दी जा रही है। यह निर्माण अवैध है जांच मे भ्रष्टाचार की सभी परत खुल जायेगी सूत्र यह भी जानकारी देते है कि जिन बिल्डरों द्वारा यह अवैध निर्माण किया गया है , उनका आर्किटेक्ट राजीव बंसल है। उसके द्वारा हरिद्धार विकास प्राधिकरण को मेनेज कराया गया बिल्डर द्वारा प्राधिकरण विभाग के सर्वेसर्वा को अच्छी सेवा ठीक ठाक भारी सुविधा शुल्क से सन्तुष्ट किया गया है तभी सभी नियम ताक पर रख यह अवैध निर्माण हो रहा है।  वहीं विश्वसनिय पात्रो का यही कहना है कि राजाजी टाईगर रिर्जव पार्क निर्देशक द्वारा वन विभाग सीमा से लगी यह सम्पत्ति जो अग्रसेन धर्माथ ट्रस्ट रजि० द्वारा जनरल सेक्रेटरी के ०सी० गोयल पुत्र ज्योति राम गोयल निवासी बी – 1 / 53 फेस 2 अशोक विहार दिल्ली के नाम है।                   महोदय  निवेदन यह है यह भूमि ट्रस्ट की सम्पत्ति है जॉ ना तो खरीदी जाती है और ना ही बैची जा सकती है /   भूपत वाला हरिद्धार नगर निगम क्षेत्र मे यह  भूमि है आप स्थलिय जांच हरिद्धार नगर निगम . के अधिकारियों से भी करायें !   हरिद्धार जिला अधिकारी स्वयः मोके पर जाये और जांच करें वन क्षेत्र से लगी यह भूमि राजा जी नेशनल पार्क टाईगर रिर्जव निर्देशक की नो ओबजेक्शन सार्टिफिकेट की अनुमति की जांच हो – नियम और कानून के हिसाब से अनुमति नही दी जा सकती साथ आपको यह . संज्ञान लेना हरिद्धार जिला जज द्वारा ट्रस्ट की सम्पत्ति को बेचा जा सकता है  जिला जज द्वारा अनुमति दी गई है। हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण ने मानचित्र पास किया है। जांच हरिद्वार जिला अधिकारी स्वयं करें , अग्रसेन धर्माथ ट्रस्ट की यह भूमि जिसकी ट्रस्ट डीड की भी जांच होनी है क्या जो इस धार्मिक उददेश्य अग्रसेन धर्माथ ट्रस्ट की जमीन है वह इसलिये ट्रस्ट बनाया गया था कि यह भूमि विक्रय कर दी जाये .  प्राधिकरण के लेखपाल व तहसीलदार की रिपोर्ट की भी जांच कराई जाये . यह निर्माण सभी जांच उपरान्त सील किया जाये . हमे भी जांच उपरान्त  रिपोर्ट की जानकारी लिखित में दे इस भूमि की जांच हरिद्वार नगर निगम से भी कराये ! श्रीमान जीविनम्र निवेदन हैकीउपरोक्त धार्मिक संपत्ति की अवैध बिक्री कर वेबसाइट एवं आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व फॉरेस्ट के साथ-साथ भारतीय रेल परी सीमा क्षेत्र से लगे हुए अवैध निर्माण को रेरा द्वारा जांच करने के साथ-साथ धार्मिक संपत्ति की अवैध बिक्री एवं प्रतिबंधित वन क्षेत्र के समीप हो रहे अवैध निर्माण को अभिलंब सील किया जाएऔर ध्वस्थिकरण किए जाने की कार्रवाई के आदेश किया जाएपूर्व मेंहरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण कोहरिद्वार के कईपत्रकार बंधुओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिकायतें की हैउसकी भी जांच कराई जाएभूमिविक्रेता करने के नियमों के तहत जांच हो !                  प्रार्थी                                          अश्वनि कुमार  H .N   71 गोविन्द पुरि एस एम जैन डिग्री कोलेज वाली गली ज्वालापुर हरिद्धार –                         मौ०98 373 4 1 8 4 5

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#धर्म_रक्षा_निधि_इकट्ठी_करके_किस_काम_में_लाई_जाती_है (#पाहवा)
इन दिनों हरिद्वार जिले के अंदर धन इकट्ठा करने की मुहिम चल रही है हर वार्ड में कम से कम दो जगह धर्म रक्षा निधि के नाम पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है जो कि हर साल होता है यह बिना बंदूक की लूट है धर्म के नाम पर यह धर्म रक्षा निधि की फुल फॉर्म क्या है यह पैसा लगता कहां है और इकट्ठा होकर जाता कहां है हमारी सरकारों ने धन इकट्ठा करने वालों को क्या लाइसेंस दे रखा है इस पैसे के विषय में क्या सरकारों को जानकारी है किस धर्म के काम पर लगाया जाता है हर वर्ष कई करोड़ रुपए इकट्ठे किए जाते हैं क्या इन धार्मिक पैसे से कोई हॉस्पिटल खुला है गरीब व्यक्तियों के लिए क्या विधवाओं को पेंशन दी जाती है क्या गरीब परिवारों की सहायता की जाती है क्या गरीब लोगों को रोजगार दिया जाता है विकलांगों की सहायता की जाती है बेघर लोगों को घर दिया जाता है जो धर्म के लिए काम कर रहे हैं क्या उनको धनराशि दी जाती है उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसा दिया जाता है गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी जाती है इन पैसों से धर्म रक्षा निधि ईकठे करने वाले इन पैसों को क्या करते हैं कहां पहुंचते हैं इसका कहां इस्तेमाल होता है पूछता है हिंदू समाज क्या हिंदुओं को हथियार दिए जाते हैं लाइसेंसी क्या इन पैसों से गरीब बेटियों की सहायता की जाती है उनकी सुरक्षा की जाती है बरसात के समय व्यापारियों की दुकानों पर पानी घुस जाता है नुकसान होता है क्या धर्म रक्षा निधि इकट्ठे करने वाले उनकी सहायता करते हैं या किसी गरीब कन्याओं की शादी करते हैं अगर आप लोग ऐसा करते हैं तो मैं आपका दिल से आभार व्यक्त करता हूं मैं आम जनता से भी कहूंगा इन धर्म रक्षा निधि वालों की सहायता करें हर वार्ड के पार्षद को मंडल अध्यक्ष को अन्य संगठन से जुड़े व्यक्ति को यह जबरदस्ती सौंप दिया जाता है कि आप अपने क्षेत्र में धर्म रक्षा निधि इकट्ठी करवाएं वह बेचारा वह व्यक्ति ना करते हुए भी ना नहीं कर सकता क्योंकि उसे भी पार्षद की टिकट चाहिए मंडल अध्यक्ष बनना है बड़ा पद चाहिए अब वह क्या करता है बड़ी मुश्किल से 20 30 40 लोगों को इकट्ठा करके कई व्यक्तियों के लिफाफे में खुद अपनी जेब से पैसे डालता है और वह दिए दिखाना चाहता है कि मैं जो है 50 व्यक्ति इकट्ठी करके ले आया धर्म रक्षा निधि कार्यक्रम में यही धर्म रक्षा निधि का पैसा धर्म के लिए लड़ने वाले धर्म के लिए संघर्ष करने वाले व्यक्ति पर जब मुसीबत आती है तब धर्म रक्षा निधि से उसकी सहायता क्यों नहीं की जाती क्योंकि वह भी तो धर्म का ही काम कर रहा है उस पर भी कोर्ट में मुकदमे दर्ज होते हैं वह भी पार्टी का एक सच्चा सिपाही है बस चापलूसी नहीं है उसे सच बोलने की बीमारी है जिसका इलाज भारत में नहीं है क्योंकि मैं इसलिए कह रहा हूं कि मेरे पर दर्जनों मुकदमे लगे कई बार जेल गया मैंने आत्मदाह किया था 70% जल गया था मेरा हॉस्पिटल का खर्चा₹800000 पुलिस प्रशासन ने दिया और इन्होंने मुझे मरता छोड़ दिया था धर्म रक्षा निधि इकट्ठे करने वालों ने 3 वर्ष मेरा इलाज चल कैलाश हॉस्पिटल में हर महीने का ₹30000 खर्चा था मैं कहां से लाता कर्ज उठाकर घर का सामान बेचकर अपना इलाज कराया मेरे मित्रों ने मेरी सहायता करी लेकिन मैं जिस संगठन में था उसने पल्ला झाड़ लिया ऐसा क्यों मैं अगर आत्मदाह किया था या मैंने कई ऐसे काम किया जिसके लिए मुझे जेल जाना पड़ा मैंने क्या गलत किया अपने धर्म नगरी की मर्यादा के लिए तो किया मेरी अपनी निजी लड़ाई थोड़ी ना है किसी से हरिद्वार धर्मानगरी की मर्यादा बनाए रखने के लिए मैं भी उन धर्म रक्षा निधि इकट्ठी करने वालों के पदाधिकारी के पास गया था इनके फाइव स्टार कार्यालय में भी गया था किसी ने भी मेरी सहायता नहीं करी थी मैं भाजपा का विरोधी नहीं हूं मैं भाजपा का सच्चा सिपाही हूं मैं हर संगठन में रहा हूं मैं संघ के खिलाफ भी नहीं हूं संग में जो नए पदाधिकारी आए हैं वह लोग बिना कुछ करें लग्जरी जीवन जी रहे हैं उनके परिवार वाले भी फाइव स्टार बंगले बना लिए 30-35 साल पहले हुआ करते थे संघ के प्रचारक पदाधिकारी जो सच्चे मन से सच्चे दिल से राष्ट्र सेवा में लगे थे अब तो सिर्फ सत्ता आने के बाद मलाई खा रहे हैं और काम करने वालों को तो वह पूछते भी नहीं उन्हें चापलूस लोग चाहिए जो उनको सब सुविधा उपलब्ध करा सकता है वही बड़ा पदाधिकारी है संघ के पदाधिकारी किसी गरीब के घर प्रवास नहीं करते ना उनके यहां भोजन करते बड़े-बड़े उद्योगपतियों के यहां यह भोजन करते हैं किसी भाई को मेरी बात बुरी लगे मुझे क्षमा कर देना मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा जो सच है वह मैं बोल रहा हूं और मैं पिछले 25 26 वर्षों से अपने हरिद्वार धर्मनगरी के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा हमारे जैसे लोगों की वजह से ही वोट बैंक भाजपा का बढ़ता है क्योंकि हम धर्म के लिए बोलते हैं करते हैं और धर्म रक्षा निधि वाले सिर्फ बोलते हैं करते कुछ नहीं अगर कुछ किया है हरिद्वार के लिए तो एक काम बता दे मुझे हरिद्वार के अंदर इतनी अनैतिक कार्य होते हैं नशे का कारोबार हरिद्वार नगर निगम में 60 वार्ड हैं तो 140 जगह नशे का कारोबार होता है दर्जनों गौ हत्या होती है हरिद्वार जिले के अंदर मां गंगा का अपमान होता है हरिद्वार के अंदर धर्म के नाम पर अवैध कब्जे कर रखे हैं गैर समुदाय ने आप लोगों ने कभी आवाज नहीं उठाई इतने अनैतिकताएं हैं हरिद्वार के अंदर लेकिन मैं वह मेरा संगठन देवभूमि भैरव सेना संगठन हरिद्वार धर्मानगर के लिए लड़ रहा है और लड़ता रहेगा और सच बोलेगा और सच बोलता रहेगा जय श्री राम हर हर महादेव मैं चरणजीत पाहवा कोई भाई भी मेरी बात का जवाब दे सकता है हर किसी को अपनी बात कहने का हक है क्या पता मैं गलत हूं अगर कुछ गलत हो तो आप सही करके बताओ

सेवा में                                             श्री मान  शहरी आवास सचिव महोदय देहरादून                                                 > हरिद्धार विकास प्राधिकरण सचिव महोदय ।                                             हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार     विषय . :  अवैध निर्माण की बार-बार शिकायत करने के बाद भी निर्माण कार्य पुरा किया गया यह अवैध निर्माल सील कराये जाने के आदेश की प्रार्थना !     महोदय   सादर अनुरोध है कि श्री मति राका गर्ग के नाम से अवैध कौर्मिशियल निर्माण जिसका HRDA मे खाता न . UCM S/ HRDA / C / 0932 /  2024 है इस निर्माण की बार बार शिकायत की गई यह निर्माण HRDA के नियमो का उल्लघन कर  किया जा है क्या कारण है कि भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो गया है कि आम नागरिक के मोलिक अधिकारों का कोई मुल्य इस भाजपा सरकार मे नही रहा है । अधिकारी कर्मचारी अपनी जेबे भरने मे मस्त है , शिकायत करने वालो को पुलिस के नाम पर डराते धमकाते हैं क्या यही है           मा ० प्रधान मंत्री जी का O टोलरेन्स  .   HRD A द्वारा शिकायतों को ठण्डे बस्ते मे डाल देना क्या उचित है आप हमारी शिकायतो पर कार्यवाही के कडे आदेश करे ।  उत्तराखण्ड मे भगवान का डर नही है यही कारण है रहा अधिकारियों में यही कारण है आये दिन परमात्मा का कहर यही कारण है आये दिन आपदाओं कि पाप और भ्रष्टाचारियों का आतंक बड़ रहा है। आप राका गर्ग के अवैध निर्माण पर कार्रवाई के कडे आदेश करे यह अवैध निर्माण सील कराये जाने की प्रार्थना करते हैं।       भवदीय        मुस्कान नेगी                H .N 26 गीता मंदिर के सामने कनखल हरिद्वार – 89 410 416 86         >                         सूननार्थ –                                          >    प्रधान मंत्री कार्यलय दिल्ली              >     मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड देहरादून           > मुख्य सचिव उत्तराखण्ड देहरादून

 

हिन्दू रक्षक दल                                🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹लोग आपके प्रशंशक हैं ये आपकी योग्यता है,
लोग आपसे जलते हैं ये आपका जलवा है,
प्रभु ये दोनों चीजे बरकरार रखें ,  हमसे प्यार करने वालो को भी हमसे नफरत करने वालो को भी ईश्वर खुशियां दें यही प्रार्थना भगवान से करता हूँ हमारा जलवा है यही कारण है हमारे दोस्त नही है दुश्मणों की कोई कमी नही है।                 हर हर महादेव                                   जय श्री राम
🙏सुप्रभात

श्योपुर (मध्यप्रदेश)। पार्वती नदी की बाढ़ इस बार सिर्फ़ पानी नहीं लाई… इंसानी रिश्तों की सबसे मार्मिक तस्वीर भी बहा लाई।आमलदा गांव के शिवम यादव और उनके 10 वर्षीय बेटे राजू यादव की लाशें आज सुबह खेत में एक-दूसरे से लिपटी मिलीं।

परसों रात से लापता पिता-पुत्र जब घर नहीं लौटे तो गांव वाले और परिजन बेचैन हो उठे। तलाश जारी रही, पर आज मिली वो तस्वीर,जिसने हर आंख नम कर दी।
पिता का अपने बेटे को बचाने की आखिरी कोशिश… और बेटे का अपने पिता की छांव में बच जाने की अंतिम आस।

बाढ़ उन्हें तो बहा ले गई, लेकिन पीछे छोड़ गई एक ऐसा मंजर जो शब्दों से नहीं, सिर्फ़ दिल से महसूस किया जा सकता है। ये सिर्फ़ एक तस्वीर नहीं है.ये उस मूक प्रेम की आखिरी गवाही है।

जो एक पिता अपने बेटे के लिए दुनिया की हर आफ़त से लड़ते हुए देता है। ईश्वर इस हृदयविदारक क्षति को सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे।

श्योपुर शहर में चंबल नदी और उसकी सहायक नदी सीप बहती है। श्योपुर शहर सीप नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है, और इसी नदी के नाम पर इसका नाम ‘सीप-पुर’ पड़ा था, जिसका अर्थ है “सीप पर बसा शहर”. बाद में, यह नाम बोलचाल की भाषा में “श्योपुर” हो गया।

सेवा में                                      श्री मान लोक सूचना अधिकारी /  तहसीलदार महोदय हरिद्वार               विषयः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना उपलब्ध करायें !       महोदय सादर अनुरोध है किदिनांक 217 2025 कोप्रार्थना .ईशा अग्रवाल . द्वारा मौनी आश्रम खड़ खड़ी सुखी नदी से पहले स्व० श्री विजय अदलखा जी का मंजीले का अवेध होटल हरिद्वार .धार्मिक एवं पुण्यार्थ की भूमि पर .होटल बनाया जा रहा था प्रार्थिया की शिकायत पर की गई कार्यवाही . की सभी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराये .  साथ ही हमारे द्वारा दी गई सभी पत्रावलिंया जो साथ मे दी गई थी उन्हे प्रमाणित कापियां उपलब्ध करायें  प्रार्थियां                      .                    एड ० ईशा अग्रवाल     H .N 250 बैरागी कैम्प कनखल हरिद्वार – मौ०       983 77 344 59