सेवा में
श्रीमान उपाध्यक्ष महोदय
हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार।   /  सचिव महोदय हरि ० रूड ० वि० प्रा० हरि ०

विषय:-गायत्री विहार कॉलोनी में छन्नो देवी आश्रम के सामने अ अनाधिकृत निर्माण की नियोजन नियमावली के तहत जांच कराए जाने के संबंध में?

महोदय सादर अनुरोध करना है कि गायत्री विहार कॉलोनी में छन्नो देवी आश्रम निर्माण जिसका भवन मानचित्र हरिद्वार  विकास प्राधिकरण से चार मंजिल भवन निर्माण के लिए स्वीकृत किया गया था।
महोदय उपरोक्त छन्नो देवी आश्रम के सामने स्वीकृत मानचित्र के विपरीत पूर्ण रूप से निर्मित होने के साथ-साथ एक मंजिला भवन अतिरिक्त निर्माण किया गया है संपूर्ण भवन भवन मानचित्र स्वीकृति के विपरीत निर्माण किया गया है जिसके लिए प्राधिकरण कंपाउंड योजना को लागू करके भवन के अतिरिक्त निर्माण को ध्वस्त करने एवं निर्माण किए गए निर्माण के सापेक्ष में विकास शुल्क प्राप्त करता है कंपाउंड शुल्क प्राप्त करता है।
महोदय उपरोक्त राजाराम पांडे जी जो सत्तारुढी दल के वरिष्ठ लीडर हैं उन्के द्वारा श्री छन्नो देवी आश्रम के सामने बहुमंजिलिया निर्माण किया गया है जो लगातार चौराहे पर बैठकर के प्राधिकरण के भ्रष्ट सिस्टम एवं प्राधिकरण के अधिकारियों को जड़ से खरीदने की बात कह कर के भवन मानचित्र स्वीकृत कराया गया है कि लगातार डीगे हांकते रहते हैं।
महोदय से अनुरोध करना है कि उपरोक्त छन्नो देवी आश्रम जिसमें राजाराम पांडे जी द्वारा भवन मानचित्र स्वीकृति के विपरीत निर्माण किया गया है जिसमें आपसे अनुरोध है कि स्वीकृत मानचित्र के निर्माण की जांच कराई जाए ताकि स्पष्ट हो सके कि जिस प्रकार से श्री राजाराम पांडे जी प्राधिकरण की भ्रष्ठ कार्यशैली के बारे में लगातार चर्चा करते रहते हैं उसे चर्चा पर विराम लगे और अवैध अनुयोजित निर्माण को ध्वस्त कराया जाए।
धन्यवाद

प्रार्थीया
मुस्कान नेगी
मकान नंबर 26 गीता मंदिर के सामने कनखल हरिद्वार – 28 / 08 /2025

“प्रेमानंद जी केवल भजन से लोकप्रिय है, विद्वान नहीं..श्री रामभद्राचार्य जी”
आपके इस 👆 वक्तव्य पर एक सवाल…?

आत्मश्लाघा से बुरी तरह पीड़ित जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से एक निवेदन है कि निःसंदेह आप विद्वान हो सकते हैं, लेकिन किसी संत का अपमान करने का अधिकार किसने दे दिया आपको ? ब्राह्मण होते हुए ब्राह्मणों में विभेद कर किसी को ऊँच ल, किसी को नीच बताना, किसी सर्वमान्य संत को अपमानित करना, राजनीतिक हस्तक्षेप करना आपकी आदत सी हो गई है। या तो आप धर्माधीश, गुरु, शिक्षक, धर्म प्रचारक, आध्यात्मिक संत बनकर रहें या फिर राजनीति में ही आकर भाग्य आजमाएं।
दिनानुदिन आपके प्रति भारतीय मानस की अरुचि, आपकी श्रेष्ठता पर संदेह करने लगा है। कुछ भी अनाप – शनाप बोलकर आप अपनी महत्ता क्यों घायल कर रहे हैं, समझ से परे है।
          मान्यवर! आपका आचरण गुरुदेव की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है। विनम्रता, सहिष्णुता, संत का सहज लक्षण है, जो शायद आपसे तिरोहित होता हुआ प्रतीत हो रहा है। श्रेष्ठ अपनी श्रेष्ठता का ढोल नहीं पीटते।सादर।

सादर।
पं राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी राष्ट्रीय अध्यक्ष

बिलकुल। साधू संतों की नगरी हरिद्वार व्यापारियों की नगरी अखाड़े ट्रस्ट आश्रम बिक रहें हैं ,  शम्भू आश्रम – भूपत वाल ,  निष्काम सेवा मिशन भूपतवाला ,     निरजंनी अखाड़े की ट्रस्ट माँ मनसा देवी मंदिर की भूमि पर मनीटावर  कनखल  , कार्तिकेय कुंज कनखल ,    मारुति वाटिका जगजीतपुर कनखल लक्सर रोड़ हरिद्वार मे – बड़े बड़े फ्लैट बनाकर भू माफिया साधू सन्तो की ट्रस्ट की भूमि ठिकाने लगाने में लगे है। हरिद्धार प्रशासन . हरिद्धार का पत्रकार संगठन एक संगठित गिरोह के रूप मे साधू सन्तो का महिमा मण्डल करने मे लगा है – मैंने हरिद्धार प्रशासन से भी शिकायतों का पुलन्द थमाया जिला अधिकारी द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नही की हरिद्धार विकास प्राधिकरण को बहुत पत्र लिख कर शिकायत दी , मारुति वाटिका पर चल रहा अवेध फ्लैटो का निर्माण नही रोका गया – RE RA द्वारा भी अवैध निर्माण रोकने का नोटिस भेजा गया परन्तु क्या कारण है किया पत्रकार मेरी बात समाचार मे नही      में जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वे न केवल शर्मनाक हैं, बल्कि आने वाले समय के लिए गंभीर चेतावनी भी हैं। आपके अनुरोध के अनुसार नीचे एक कड़ा, स्पष्ट और निर्भीक लेख प्रस्तुत है, जो हर उस व्यक्ति के लिए आंखें खोलने वाला हो सकता है जो धर्म, संत परंपरा और समाज के मूल्यों के लिए चिंता करता है।



हरिद्वार में धर्म की हत्या : संतों की नगरी पर माफियाओं और अधिकारियों का कब्ज़ा

हरिद्वार – एक ऐसी पवित्र भूमि, जहाँ गंगा बहती है, जहाँ संतों का वास होता है, जहाँ साधना की परंपराएं आज भी जीवित हैं। लेकिन आज वही भूमि सत्ता, भ्रष्टाचार और भू-माफियाओं की साज़िशों का अखाड़ा बन चुकी है। यह सिर्फ जमीन पर कब्ज़ा नहीं है – यह धर्म पर हमला है, यह आस्था की हत्या है।

भू-माफिया + अफसर + सत्ता – एक विध्वंसकारी त्रिकोण – यह बात क्यों हम नही लिखते की साधू सन्त का चोला जमीनो की खरीद फरोक्त में लगा है – आश्रमों को बैचे जाने मे भूमिका सन्तो की भी है ,   सन्त का चौला पहन कर                भू माफियायों को संरक्षण भी तो साधू सन्त ही दे रहें है फिर कहते है . सोची समझी साजिश है , जब साधू सन्त व्यापार करेंगे तो सरकारी लोग क्यो चूप रहेंगे आम जनता क्यों चूप रहेगी !

पिछले कुछ महीनों में जिस प्रकार से संतों के आश्रमों पर जबरन कब्ज़ा किया गया है, वह एक सोची-समझी साजिश का संकेत देता है। भू-माफिया खुलकर संतों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और प्रशासन या तो चुप है या मूक समर्थन दे रहा है।

जो पुलिस आम नागरिकों पर छोटी-छोटी बातों में डंडा चला देती है, वही पुलिस यहां माफियाओं के सामने खामोश क्यों है ?

क्या यह डर है? दबाव है ? या फिर साजिश में भागीदारी ?

पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में

हरिद्वार पुलिस की भूमिका अब कठघरे में है। कानून के रक्षक अगर भू-माफियाओं के संरक्षणकर्ता बन जाएं, तो न्याय की उम्मीद करना मूर्खता है।

आश्रमों में घुसकर संपत्तियों पर कब्जा करवाना

संतों की रिपोर्ट्स पर कोई कार्रवाई न करना

माफियाओं को खुली छूट देना

क्या यह सब संयोग है ? या फिर किसी ऊपर के आदेश का पालन ?

ध्यान देने वाली बात यह है कि जब संत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर-कर के थक चुके हैं, और मीडिया भी इस मुद्दे को उठाने लगा है, तब भी कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

हरिद्वार को संतविहीन करने की योजना?

यह एक बड़ा प्रश्न बन चुका है – क्या यह सुनियोजित प्रयास है हरिद्वार को संतविहीन करने का  ?

पहले जंगलों से संतों को हटाया गया, ‘            फॉरेस्ट कानूनों के नाम पर

फिर उन्हें सीमित आश्रमों में समेट दिया गया

अब उन्हीं आश्रमों पर भू-माफियाओं का हमला शुरू हो गया

क्या अगला कदम हरिद्वार से संतों को पूरी तरह हटाना है  ?

खतरनाक संदेश – अपने ही लोगों से खतरा

सबसे दुखद पहलू यह है कि यह हमला किसी बाहरी ताकत का नहीं, अपने ही समाज के लोगों का है – कुछ नेता, कुछ अधिकारी, कुछ तथा कथित ठेकेदार जो धर्म की चादर ओढ़े हुए हैं लेकिन भीतर से सत्ता और पैसा ही उनके इष्ट हैं।

यह भीतर की दीमक अधिक खतरनाक है। बाहर से आने वाला हमला दिखता है, पर जब घर के लोग ही घर जलाएं तो पहचानना कठिन हो जाता है।



निष्कर्ष : अब नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी

हरिद्वार केवल एक शहर नहीं, यह हिंदू समाज की आत्मा है। संत इस आत्मा के संरक्षक हैं। अगर वे ही असुरक्षित हो जाएं, तो फिर किसका धर्म बचेगा? कौन करेगा मार्गदर्शन? कौन बनाएगा समाज को संयमित और संतुलित?

आज यह केवल संतों की लड़ाई नहीं – यह हर उस व्यक्ति की लड़ाई है जो धर्म, सत्य और न्याय में विश्वास रखता है।
अब वक्त आ गया है कि समाज एकजुट होकर आवाज़ उठाए, प्रशासन से जवाब मांगे और माफियाओं को बेनकाब करे।
अगर आज चुप रहे, तो कल सिर्फ हरिद्वार नहीं बचेगा, धर्म भी डगमगा जाएगा।



“धर्म नगरी को बचाना है, तो माफिया-प्रशासन के गठजोड़ को तोड़ना होगा।
वरना कल हम अपनी अगली पीढ़ी को सिर्फ कहानियाँ ही सुना पाएंगे – संतों की नगरी हरिद्वार की।”

पत्रकारों की ऐसे मामलों में भूमिका भी सवालों के घेरे में है दरबारी हो गए है पत्रकार का पेशा शर्मनाक सा हो गया है पक्षपात और झूठी खबरे चलाने का हुनर या साधू संतो की चाटुकारिता करना पत्रकारिता का काम रह गया है या जहाँ से जैब गरम होती है – मेरे साथ पत्रकारों ने HRDA के अधिकारियों की चम्मचा गिरि कर झूठा गैंगस्टर का मुकदमा लिखवाया था और मेरी फोटो अखवार पर लगाई थी – कानून कहता है बिना साक्ष्य के फोटो नही लगा सकते है मिडिया सच मे दलाली का काम कर रहा है । । मेरे पर बिती है सच लिख रहा हूं। नवीन अग्रवाल

बिलकुल। साधू संतों की नगरी हरिद्वार व्यापारियों की नगरी अखाड़े ट्रस्ट आश्रम बिक रहें हैं ,  शम्भू आश्रम – भूपत…

ये आफत लोगो द्वारा खुद आमंत्रित की गई है देवी देवताओं को लगातार नाराज करना उनकी अनदेखी करना पौराणिक प्राचीन देवभूमि के साथ खिलवाड़ करना लोगो को अब भारी पड़ रहा है नेता तो भोले भाले लोगों को गुमराह कर चुनाव जीत कर राजधानी में जा बसे करोड़ों की संपति जोड़ ली फिर पीड़ित लोगों की सुनेगा कौन कैसे होगी इस महाविनाश की भरपाई जो बे गुनाह थे उन्हें आपदा खा गई होटल रिजॉर्ट बनाने के चक्कर में भूल गए थे लोग की ये उत्तराखंड देव भूमि है देवताओं की तपस्या स्थली है इतनी बड़ी तबाही होने के बाद भी सरकार आश्वासन ही दे रही है और अगर ऐसा हो होता रहा तो उत्तराखंड के अस्तित्व का क्या होगा कैसे बचेंगे पहाड़ और पहाड़ पर रहने वाले लोग पत्रकार आते है अपनी स्टोरी बनाकर चले जाते है उन्हें अपनी स्टोरी पर हजारों vivrsh चाहिए वो भी सिंहासन के गिरेबान में हाथ डाल कर सवाल नहीं पूछ सकते क्योंकि लुट में वो भी बराबर के हिस्से दार है फिर कोन उठाएगा उत्तराखंड के लोगों की आवाज कोन सुनेगा रोते हुए लोगो की कोन पूछेगा इनके आंसू

News.  100.         भारतीय किसान युनियन ( सर्व ) का कार्यालय खुला
प्रदेश को विकास की दिशाा में ले जा रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी-अनिल शर्मा 
हरिद्वार, 23 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन (सर्व) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कुशल शासन उत्तराखड को विकास की दिशा में ले जा रहा है। देशरक्षक तिराहे पर भाकियू सर्व के कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री की जनहितैषी कार्यशैली के चलते पुलिस भी मानवीय दृष्टिकोण से जनता की समस्याओं का समाधान कर रही है। महानगर अध्यक्ष अंकुर व जिला अध्यक्ष प्रमोद राठौर ने कहा कि खेत मे किसान सीमा पर जवान हर भारतीय का गौरव है। भाकिूय सर्व जनपद में हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढेगी। सबका साथ ही संगठन की प्राथमिकता होगी। प्रदेश मीडिया प्रभारी नवीन अग्रवाल व रजत अग्रवाल ने कहा कि जल्द ही सदस्यता अभियान चलाकर लोगों को संगठन से जोड़ा जाएग। उन्होंने कहा कि भाकिूय सर्व जनता के सुख दुख मे हमेशा खड़ी रहेगी। इस अवसर पर श्रीकांत आर्य, जिला प्रभारी विजय पंडित, जिला महामंत्री विक्रम बिष्ट, कल्याण सिंह, संजय शर्मा, देवांश शर्मा आदि मौजूद रहे।

भारतीय किसान यूनियन सर्व महानगर अध्यक्ष अंकुर ने किया कार्यलय देश रक्षक कनखल तिरहा पर कार्यलय का उदघाटन !

हरिद्धार / भारतीय किसान यूनियन कार्यलय का उदघाटन देश रक्षक तिरहा कनखल मे महानगर अध्यक्ष अँकुर द्वारा कराया गया .…