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सेवा में 
श्री मान जिला अधिकारी  महोदय / वित्त नियंत्रक ( माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट )  रोशनाबाद  हरिद्वार  
विषयः माँ मनसा देवी मंदिर में अवेध अध्यासी तथा कथित स्वयंभू ट्रस्टी श्रीअनिल शर्मा जी के द्वारा दान चन्दे की गठजोड़ बनाकर खुली लूट को रोकने और विधिक कार्यवाही किये जाने के संबंध में !   
महोदय
सादर अनुरोध करना है कि जनहित याचिका संख्या 02 / 2011 में आए आदेश दिनांक 3 जनवरी 2011 श्री मान उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा हरिद्धार के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर व्यापक रूप से चढ़ावा दान की खुली लूट की स्पष्ट रिपोर्ट के आधार पर तीनों मंदिरो की व्यवस्थाओं के लिए श्री मान
जिलाअधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक हरिद्वार को कोप्ट सदस्य नामित किया गया था ।
महोदय  उपरोक्त के क्रम में श्रीमान जिला अधिकारी हरिद्वार द्वारा पृथक पृथक मंदिरों के लिए पृथक पृथक प्रशासनिक समितियों का गठन किया गया कागजी रूप में समितियाँ माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन के लिए कागजों की रंगाई करती रही परंतु वास्तविक रूप में से धरातल पर तीनों प्रशासनिक समितियां के द्वारा मंदिर में बैठे हुए तथा कथित  स्वयंभू ट्रस्टी और  दान की चोरी करने वालों के साथ-साथ सांठ गांठ करते हुए हिस्सेदारी के आधार पर दान चंदे की खुली लूट गिरोह  बनाकर की गई जिसमें सभी समिति प्रमुखों (  जिस प्रकार की सूचनायें हैं किस समिति प्रमुख
मनसा देवी मंदिर मां चंडी देवी मंदिर एवं गंगा सभा के प्रमुखों द्वारा हिस्सेदारी के आधार पर निजी राजस्व की पैदावार की गई )         महोदय  उसके पीछे जो इन विषय को प्रमाणित करता है कि प्रशासनिक समिति के प्रमुख मंदिरों में चढ़ने के हिस्सेदारी के आधार पर अपना राजस्व अर्जित करते हैं अथवा उनके अधीनस्थ कार्य करने वाले बाबू के माध्यम से हिस्सेदारी के आधार पर चढ़ावा चढाया जाता है।
मंदिर में चढ़ाए गए दान की चोरीउसमें यह है की कितनी शिकायत से संबंधित मंदिरों की आ रही हैं पेरशासनिक समिति कुछ नहीं कर पा रही है इससे भीस्पष्ट होता है कि पाश्र्तिक समिति प्रमुखचढ़ने की चोरी में सम्मिलित हैमहोदय संज्ञान लेना चाहे की लगातार मां मनसा देवी मंदिर में वहां पर जबरन दान की चोरी और नारियल की ठेकेदारी चढ़ने के  नारियलों को बाजार में बेचकर मंदिर में चढाया जाने वाला  चढ़ावा हीरे-जवाहरात   सोना चांदी कपड़े घंटे घड़ियाल सबको निजी रूप में प्रयोग करने हेतु श्री अनिल शर्मा जी द्वारा मार्केट में बेचा
जाता है और उसका राजस्व  अपने निजी लाभ में प्रयोग करता है  पूरे मंदिर पर इसका अवैध रूप से बदमाशों के बल पर कब्जा है जब कि संबंधित मंदिर में मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के लिए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासनिक समिति का गठन है जिसमें नगर मजिस्ट्रेट हैं क्षेत्रीय अधिकारी पुलिस होने के उपरांत भी गंगा घाटों पर  श्री अनिल शर्मा जी मछलियों के लिए आटें  की  गोली हरकी पौड़ी  घाट पर बेचने वाला व्यक्ति आज मां मनसा देवी मंदिर में चढ़ावे  दान की चोरी करके पूरे प्रशासन को  खरीद कर अपनी जेब में रखे हुए हैं , और प्रशासनिक समिति सहित पुलिस के बड़े अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और
श्रीमान जिला अधिकारी भी उस व्यक्ति का कुछ नहीं बिगाड़ पा रहे हैं , वह किस आधार पर मंदिर में दान चदें की चोरी करने के लिए अपने गिरोह को फैला रखा है ,   और मंदिर में बहुमूल्य हीरे जवाहरात सोना चांदी एवं नगदी की पूरी रकम निजी राजस्व में बढ़ोतरी कर रहा है सूत्रों की माने तो नगर क्षेत्र में इसके लगभग 12 होटल एवं 22 से अधिक मकान एवं कमर्शियल प्लाट है ,  सूत्रों की मानो तो 20000 करोड़ का स्वामीबताया जाता है , श्री अनिल शर्मा जी को 20 वर्ष पहले गंगा घाटों पर अपने परिवार का  भरण पोषण के लिए मछलियों के भोजन आटें की गोली बेचता था  महोदय    लगातार जिलाअधिकारी महोदय कार्यालय से शिकायत की जा रही हैं लेकिन जिलाधिकारी महोदय से भी उपरोक्त मां मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए दान चंदे एवं अन्य बहुमूल्य आभूषणों की चोरी रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है जब कि मंदिर के प्रशासनिक समिति भी मुखिया क कोषाधिकारी  हरिद्वार को  नियुक्त किया गया है । महोदय
धर्मास्य एवं सांस्कृति विभाग द्वारा उपरोक्त व्यक्ति की जांच किय जाने के संबंध में पत्राचार किया गया है परन्तु अभी तक कोई कारवाई नही हो पाई है। 
महोदय  अगर  इसी प्रकार की व्यवस्था रही और प्रशासनिक समिति दान चंदें की चोरी में सम्मिलित रहे तो निश्चित रूप से        * चण्डी देवी के दर्ज पर माँ मनसा देवी का प्रबंध भी श्री बद्री केदार मंदिर समिति को जाना चाहिए जिसमें स्पष्ट रूप से प्रशासन की असफलता के चलते ऐसा पहले भी हुआ है और बाकी दान की चोरी करने वाले प्रशासन समितियों का पता चल जायेगा  ।
श्रीमान महोदय से अनुरोध है कि आप मां मनसा देवी मंदिर में दान की खुली लूट चोरी  संगठनात्मक चोरी को बढ़ावा देने वाले और चोरी में मुख्य भूमिका अदा करने वाले श्री अनिल  शर्मा जी किस आधार पर मां मनसा देवी मंदिर में कार्यरत है क्या किसी प्रशासनिक समिति द्वारा इसको नियुक्त किया गया है के संबंध में व्यापक स्तर की जांच किये लिए जाने का अनुरोध जनहित में किया जा रहा है 20 वर्ष पहले घाटो पर मछलियों के लिए आटां की गोली बेचने वाला 200 करोड़ का स्वामी कैसे हो सकता है  ?     
जांच में  स्पष्ट  रूप से रखा जाए कि श्री अनिल शर्मा जी द्वारा अर्जित अपने परिवार अपनी बेटी के ससुराल और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर जो जो संपत्ति विगत 10 वर्षों के भीतर हस्तांतरित की गई हैं अथवा गिफ्ट दी गई हैं साथ ही जो संपत्तियां नगर क्षेत्र में है उन सभी को मां मनसा देवी मंदिर में सम्मिलित किया जाए क्यों कि वह इस धन से खरीदी गई है ।
जांच में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि प्रशासनिक समिति के द्वारा दान चंदे की चढ़ावे में कितना राजस्व  उनके विभागीय  बाबू के द्वारा और प्रशासन समिति के प्रमुख द्वारा हिस्सा लिया जाता है ।
क्या मंदिर में दान चंदे की खुली लूट की चोरी का कोई हिस्सा प्रशासन समिति से ऊपर तो नही जाता है।
महोदयसे साधारण अनुरोध करना है कि दान चांदी की चोरी के लिए उपरोक्त श्री अनिल शर्मा जी और तथा कथित स्वयंभू रवींद्र पुरी के खिलाफ भी मां मनसा देवी मंदिर में चोरी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर दान चंदे प्राप्त करना आदि के संबंध में मुकदमे में पंजीकृत हैमहोदय से सादर अनुरोध किया जाता है कि तत्काल प्रभाव से उपरोक्त वर्णित बिंदुओं के आधार पर मंदिर में दान चंदे की चोरी करने वाले अनिल शर्मा और उसके परिजनों की संपत्तियों की जांच करमां मनसा देवी मंदिर में शामिल किया जाए और दान चंदे की चोरी करने के लिए उसके गिरोह के सदस्यों को भी चिन्हित किया जाए औरउन सदस्यों में से कौन से ऐसा सदस्य है जो अधिकारियों को प्रशासनिक समिति को कार्रवाई को रोकने के लिए सुविधा शुल्क देता है मंदिर के दान चंद की चोरी करके अतः महोदय से अनुरोध करना है कि उपरोक्त प्रकरण की सीबीसीआईडी से जांच कराई जाए क्योंकि अभी तक जितनी भी जांच  हुई श्री अनिल शर्मा जी ने सारे जांच करने वाले कर्मचारियों को जड़ से खरीद लिया है ऐसी बहुत सारी सूचनाएं है और आप श्रीमान महोदय जांच के दौरान यह सब ज्ञात हो जाएगा कि यह जांच अधिकारियों को जड़ से खरीद  लेता  है  एक साधारण आटें की गोलियां  बेचने  वाला देखते – देखते  मां  मनसा  देवी  मंदिर  का ट्रस्टी  बन  जाता  rहै और 200 करोड रुपए की संपत्ति अर्जित कर लेता है ।   महोदय से सादर अनुरोध करना है दान चंदे की चोरी के लिए उपरोक्त श्री अनिल शर्मा और श्री रविन्द्र पुरि जी के खिलाक भी माँ मनसा देवी मंदिर में चोरी कुट रचित तैयार कर दान चन्दा प्राप्त करना आदि के संबंध में मुकदमा पंजिकृत है।             महोदय से सादर अनुरोध किया जाता है कि तत्तकाल प्रभाव से उपरोक्त वर्णित बिदुंओ के आधार पर मंदिर में दान चंदे की चोरी करने वाले श्री अनिल शर्मा जी और उसके परिजनों की  संम्पत्तियों की जाँच कर मां मनसा देवी मंदिर में शामिल किया जाय और दान चंदे की चोरी – करने के लिए उसके गिरोह के सदस्यों हैं ‘     मतजो अधिकारियों को प्रशासनिक समिति को रोकने के लिए सुविधा शुल्क देता है मंदिर के दान चंदे की चोरी करके !                   अतः महोदय से अनुरोध है कि करना है कि उपरोक्त प्रकरण  की     __ सी बी सी आई डी __ से जांच कराई जाए क्यों कि अभी  तक जितनी भी जाँच हुई  हैं श्री अनिल शर्मा ने सारे जांच करने वाले कर्मचारियों को जड़ से खरीद लिया है ऐसी बहुत सारी सूचनाएं है  और आप श्री मान महोदय जांच के दौरान यह सब आपको ज्ञात हो जायेगा कि यह जांच अधिकारियों को जड़ से खरीद लेता है एक प्रकरण में इसके द्वारा नय तहसीलदार और पटवारी को किसी जांच को उसके फेवर में करने के लिए इन सब प्रकरणों की भी जांच कराई जाए !       धन्यवाद                   प्रार्थी                        नवीन अग्रवाल        बैरागी कैम्प कनखल हरिद्वार                        मौ० 983 77 344 59
माँ मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार जैसे धार्मिक ट्रस्टों के प्रबंधन और निर्णय लेने की प्रक्रिया जटिल हो सकती है। ट्रस्टी को हटाने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

1. *ट्रस्ट के नियमों और उपनियमों की समीक्षा करें*: ट्रस्ट के नियमों और उपनियमों में ट्रस्टी को हटाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी हो सकती है।
2. *ट्रस्ट के अन्य सदस्यों से संपर्क करें*: यदि आप ट्रस्ट के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करते हैं, तो आप ट्रस्टी को हटाने के लिए एक संयुक्त प्रयास कर सकते हैं।
3. *न्यायालय की सहायता लें*: यदि ट्रस्टी के खिलाफ कोई गंभीर आरोप हैं या ट्रस्ट के हितों को नुकसान पहुँच रहा है, तो न्यायालय की सहायता ली जा सकती है।

यह एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, और इसके लिए कानूनी सलाह लेना उचित होगा।
सेवा में
श्री मान जिलाधिकारी महोदय /वित्त नियंत्रक (मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट)  रोशनाबाद  हरिद्वार

विषय  :  मां मनसा देवी मंदिर में अवैध अध्यासी  तथा कथित स्वयंभू ट्रस्टी के द्वारा दान चंदे की गठजोड़ बनाकर खुली लूट को रोकने और विधिक कार्यवाही किए जाने के संबंध में!
महोदय                            सादर अनुरोध करना है कि      जन हित याचिका संख्या  02  / 2 0 1 1  मैं  आए आदेश दिनांक 3 जनवरी  2012       श्री मान उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा हरिद्वार के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर व्यापक रूप से भ्रष्टाचार  दान  की खुली लूट  की  स्पष्ट  रिपोर्ट  के आधार  पर  तीनों  मंदिरों  की व्यवस्थाओं  के  लिए श्री मान जिला  अधिकारी  एवं  वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  हरिद्वार  को कोफ्ट  सदस्य  नामित  किया गया  था  ।
महोदय                                उपरोक्त के कर्म में श्री मान जिलाधिकारी   हरिद्वार   द्वारा पृथक  पृथक .मंदिरों  के  लिए   पृथक   पृथक  प्रशासनिक समितियों  का  गठन  किया गया था     कागजी  रूप  में समितियां   मान्य   उच्च न्यायालय   द्वारा   पारित आदेशों के अनुपालन  के   लिए कागजों   की   रंगाई तो  करती रही  परंतु  वास्तविक रूप  से धरातल  पर   तीनों  प्रशासनिक समितियों  के  द्वारा  मंदिर  में बैठे  हुए  तथा   कथित  स्वयंभू ट्रस्टी  अनिल शर्मा व अन्य  द्वारा  दान की  चोरी करने वालों के साथ  साठ  – गांठ करते हुए हिस्सेदारी के आधार पर दान चंद की खुली लूट गिरोह बनाकर की  गई   जिसमें  सभी  समिति प्रमुखो       ( जिस प्रकार की सूचनाएं . हैं  किस समिति प्रमुख मां मनसा देवी मंदिर मां चंडी देवी मंदिर एवं श्री गंगा सभा के प्रमुखों द्वारा हिस्सेदारी के आधार पर निजी राजस्व की पैदावार की गई।
महोदय उसके पीछे जो इन विषय को प्रमाणित करता है कि प्रशासनिक समिति के प्रमुख मंदिरों में चढ़ने के हिस्सेदारी के आधार पर अपना राजस्व अर्जित करते हैं अथवा उनके अधीनस्थ कार्य करने वाले बाबू के माध्यम से रिश्तेदारी के आधार पर पड़ता है मंदिर में चढ़ाए गए दान की चोरी उसमें यह है कि जितनी भी शिकायतें संबंधित मंदिरों की आ रही हैं प्रशासनिक समिति कुछ नहीं कर पा रही है इससे भी स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक समिति प्रमुख चढ़ने की चोरी में सम्मिलित हैं।
महोदय संज्ञान लेना चाहे की लगातार मां मनसा देवी मंदिर में वहां पर जबरन दान की चोरी और नारियलों की ठेकेदारी चढ़ने के नारियलों को बाजार में बेचकर के मंदिर में अन्य चढ़ावा हीरा जवाहरात सोना चांदी कपड़े घंटे घड़ियाल सबको निजी रूप में प्रयोग करने हेतु मार्केट में वेचता है और उसका राजस्व अपने निजी लाभ हेतु करता है।
पूरे मंदिर पर इसका अवैध रूप से बदमाशी के बल पर कब्ज रखा है जबकि संबंधित मंदिर में मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के लिए मान्य उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासनिक समिति का गठन है जिसमें नगर मजिस्ट्रेट  है क्षेत्रीय अधिकारी पुलिस होने के उपरांत भी गंगा घाटों पर मछलियों के लिए आटे की गोली बेचने वाला अनिल शर्मा आज मां मनसा देवी मंदिर की दान की चोरी करके पूरे प्रशासन को खरीद कर अपनी जेब में रखे हुए हैं और प्रशासनिक समिति सहित पुलिस के बड़े अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और श्रीमान जिलाधिकारी भी उसे व्यक्ति का कुछ नहीं कर पा रहे हैं वह किस आधार पर मंदिर में दान चंदे की चोरी करने के लिए अपने गिरोह को फैला रखा है और मंदिर में बहुमूल्य हीरे जावरा सोना चांदी एवं नगदी की पूरी रकम निजी राजस्व में बढ़ोतरी  कर  रहा  है  सूत्रों की माने  तो  नगर  क्षेत्र  में  इसके लगभग  12  होटल  एवं  22  से  अधिक  मकान  एवं कमर्शियल  प्लाट  है    सूत्रों  की   मानी  तो  20000  करोड़ का  स्वामी  बताया  जाता  है अनिल शर्मा  को  जो  20 वर्ष पहले  घाटों  पर  अपने  परिवार का  भरण  पोषण  के  लिए मछलियों  की  गोली  बेचता था।
महोदय  लगातार  जिलाधिकारी महोदय  कार्यालय  से  शिकायत  होती  रही हैं  लेकिन जिलाधिकारी  महोदय  से  भी उपरोक्त  मां  मनसा  देवी मंदिर में  श्रद्धालुओं   द्वारा  चढ़ाए  गए दान  चंदे  एवं  अन्य  बहुमूल्य आभूषणों  की  चोरी   रोकने  के लिए  कोई  व्यवस्था  नहीं  बनाई  गई  है  जब कि  मंदिर के प्रशासनिक  समिति  का  म मुख्या   कोषाधिकारी  हरिद्वार को   नियुक्त  किया  गया  है  ।
महोदय धार्मास्य एवं  संस्कृति  विभाग द्वारा उपरोक्त व्यक्ति की जांच किए जाने के संबंध में पत्राचार किया गया  है ।        परंतु  अभी तक  कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है ।
महोदय   अगर  इसी  प्रकार  की व्यवस्था रही और प्रशासनिक समिति दान चंद की चोरी में सम्मिलित रहे  तो  निश्चित रूप से चंडी देवी की तर्ज पर मां मनसा   देवी  का  प्रबंध भी  श्री बद्री  केदार  मंदिर समिति  को जाना  चाहिए   जिसमें  स्पष्ट  रूप से  प्रशासन  की  असफलता के चलते  ऐसा  पहले  भी  हुआ  है ,   और   बाकी  दान  की  चोरी करने वाले  प्रशासन   समितियों को   वास्तविक   स्थिति  का पता   चल   जाएगा  । मुझे भुख हड़ताल और धरणा प्रदर्शन करने पर जिला प्रशासन वाध्य कर रहा है , नगर मैजिस्ट्रेट कार्यलय हरिद्धार मे भूख हड़ताल पर बैठना ही पड़ेगा चाहे मेरे प्राण ही क्यों ना निकल जायें अब मुझे ऐसा लगने लगा है ,  मोदी जी का भ्रष्टाचार मुक्त देश जीरो टोलरेंस सिर्फ बोट बैंक का झूठा डायलाग है।     जाँच इमानदारी से नही की जा रही है , तभी तो मुझे हर चौथे पांचवें दिन शिकायते करनी पड़ती हैं , गठजोड़ गिरोह के विरुद्ध कोई कार्रवाई का ना होना यह स्पष्ट संकेत है।   श्री    अनिल  शर्मा जी  मेरी  हत्या  भी  करवा सकते   है ।          अब तो मुझे लगने लगा है , प्रशासन ईमानदारी से मेरी शिकायत का संज्ञान नही ले रहा है ।
श्रीमान   महोदय   से   अनुरोध   है ,  कि  आप  मां  मनसा  देवी मंदिर  में  दान  चंदे की  खुली लूट  चोरी  संगठनात्मक   चोरी   को   बढ़ावा  देने   वाले  और  चोरी  में   मुख्य  भूमिका  अदा  करने   वाले    श्री अनिल शर्मा   जी  किस   आधार   पर   मां   मनसा देवी    मंदिर  में   कार्यरत   है ,     क्या    किसी    प्रशासनिक   समिति    द्वारा   इसको   नियुक्त  किया  गया है ,   के    संबंध    में     व्यापक   स्तर   की    जांच    किए  जाने   का  अनुरोध    जनहित    में   कि जाय ,      20    साल  पूर्व   घाटों   पर  मछलियों   की   गोली   बेचने   वाला  200  करोड़   का   स्वामी   कैसे  हो  सकता    है   ?
जांच  में   यह  भी  स्पष्ट  रूप  से रखा  जाए  कि  श्री  अनिल शर्मा  द्वारा अर्जित  अपने  परिवार  अपनी बेटी   के  ससुराल  और  अपने  अन्य  रिश्तेदारों   के  नाम  पर जो – जो संपत्ति  बिगड़  10  वर्ष  के भीतर  हस्तांतरित  की  गई अथवा  गिफ्ट  दी गई साथ ही जो  संपत्तियां   नगर  क्षेत्र   में  हैं ,  उन सभी  को  मां  मनसा देवी  मंदिर  में  सम्मिलित  किया  जाए  क्यों  कि  वह  इस धन से खरीदी गई है।
जांच में यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि प्रशासनिक समिति के द्वारा दान चंदे की चढ़ावे में कितना राजस्व उनके विभागीय बाबू के द्वारा और प्रशासन समिति के प्रमुख द्वारा हिस्सा लिया जाता है।
क्या मंदिर में दान चंदे की खुली लूट की चोरी का कोई हिस्सा प्रशासन समिति से ऊपर तो नहीं जाता है।
महोदय से सादर   अनुरोध  करना है  कि दान चंदे की चोरी के लिए उपरोक्त अनिल शर्मा और तथाकथित स्वयंभू रवींद्र पुरी के खिलाफ भी मां मनसा देवी मंदिर में चोरी कुट  रचित दस्तावेज तैयार कर दान चंदा प्राप्त करना आदि के संबंध में मुकदमा भी पंजीकृत है ।
महोदय से साधारण  अनुरोध   किया जाता  है  कि  तत्काल प्रभाव  से  उपरोक्त   वर्णित   बिंदुओं  के  आधार  पर   मंदिर में  दान  चंदे  की  चोरी  करने वाले  श्री अनिल  शर्मा जी और उसके परिजनों  की  संपत्तियों  की  जांच  कर  कर  मां  मनसा  देवी मंदिर  में  शामिल  किया  जाए और  दान  चंदा  की  चोरी  करने के  लिए  उसके  गिरोह  के सदस्यों  को  भी  चिन्हित  किया जाए  और  उन सदस्यों  में  से कौन  से   ऐसा   सदस्य  है  जो अधिकारियों  को प्रशासनिक समिति को कार्रवाई रोकने के लिए सुविधा शुल्क देता है मंदिर के दान चंदे की चोरी करके।
अतः                             महोदय  से  अनुरोध  करना  है कि उपरोक्त   प्रकरण   की सी .बी .सी .आई .डी .   से जांच   कराई  जाए  क्यों कि अभी  तक  जितनी  भी   जांच हुई    हैं ।                        श्री अनिल   शर्मा जी  ने   सारे   जांच करने   वाले   कर्मचारियों  को जड़  से   खरीद  दिया  है । ऐसी बहुत   सारी  सूचनाएं  हैं ।     और आप   श्री मान     महोदय    जांच    के    दौरान   यह   सब   ज्ञात   हो   जाएगा   कि    यह    जांच  अधिकारियों    को    जड़  से  खरीद    लेता   है ।          एक   प्रकरण   में   इसके   द्वारा नए  तहसीलदार  और  पटवारी  को   किसी   जांच  को उसके फेवर   में  कराने  के    लिए   इन  सब   प्रकरणों   की   भी  जांच कराई   जाए ,      जाँच   वो   ही   सही   करेगा  जिसका  ईमान  जिसके  संस्कार  माँ   बाप   ने दिये हैं  इमानदारी  का  पाठ अपने  बच्चो को  सिखाया  होगा   बेईमान व्यक्ति भ्रष्ट जाँच अधिकारी या सिधी  हमारी गंवार अनपढ़  भाषा मे यह   कह लिजिए सहाब जिसका DNA खराब है , वो जाँच सही नही करेगा –  शिकायत  .मेरे द्वारा  9 -9 – 2024   से   लगातार  की जा रहीं  हैं। जैसे   माँ चण्डी देवी पर श्राईन बोर्ड द्वारा रिश्वर बैठाया गया –    वैसे ही  माँ मनसा देवी मंदिर पर भी बाबा कैदार कई   बार   मुझे  लगता   है  । उत्तराखण्ड   में    शिकायत करना भी    कोई   अपराध   है  ।     भ्रष्टाचार भ्रष्ट    अधिकारियों  को   माँ   ने जन्म देते ही – घुंटटी मे पिलाई गई हो ।
धन्यवाद

        प्रार्थी

  नवीन  अग्रवाल
बैरागी   कैंप  शेखूपुरा  कनखल हरिद्वार
श्री मान   रजिस्ट्रार जनरल महोदय                              मा०  उच्च  न्यायालय  नैनीताल उत्तराखंड
द्वारा  पारित   आदेश   दिनांक    3  जनवरी –  2012  के   सापेक्ष   में गठित प्रशासनिक    समितियों   के  बिफल  होने   को   लेकर   मां मनसा    देवी   का  प्रबंध श्री बद्री नाथ  केदार नाथ मंदिर समिति को तीर्थ यात्रियों की सुविधा और मंदिर में    चढ़ावे    की चोरी को रोकने  के  लिए  प्रबंधन  समिति को सोपां जाने का अनुरोध करते हैं ।
2  _  श्री  मान   सचिव   धर्मस्य  एवं संस्कृति  विभाग   उत्तराखंड शासन   5  सुभाष  मार्ग  देहरादून
प्रार्थी
नवीन अग्रवाल                  H .N 250 बैरागी कैम्प कनखल हरिद्धार . मौ 98 377 344 59
भ्रष्टाचार पर   तत्तकाल हो कार्यवाही के आदेश  !                                मा० मुख्य सचिव महोदय  देहरादून 2000 .करोड़  से भी अधिक की चोरी का होगा खुलासा    हरिद्वार जिला अधिकारी हरिद्वार   – आयुक्त आयकर देहरादून – निबंधक स्टाम्प देहरादून – हरिद्वार .अपर जिला अधिकारी वित्त –                                                श्री  मान सहायक महानिरीक्षक निबंधन हरिद्वार तहसील परिसर ज्वालापुर हरिद्वार  संयुक्त टिम जाँच कर विधिक कार्यवाही किये जाने की प्रार्थना !                                     विषय :   मारुति वाटिका-  – – – मनीटावर – – – – –      कार्तिकेय                                    कुंज कनखल  मे पूर्व की गई  जांच रिपोर्ट प्रार्थी को उपलब्ध करायें जाने के आदेश भी करेंगे !                   महोदय                                  सादर अनुरोध है कि  कनखल क्षेत्र में   बिना प्राधिकरण से नक्शा पास कराये  कौर्मिशियल फ्लैटों का सभी नियमों को ताक पर रख  निर्माण किया गया है।    बहुत बड़े स्तर पर 2000 करोड़ के सरकारी राजस्व की चोरी – GST – स्टाम्प ड्यूटी – आयकर विभाग – इंकमटैक्स की चोरी  सरकार और प्रशासन चूप क्यो जाँच के आदेश करे ।                                       मेरे द्वारा बार -बार शिकायत करने के उपरान्त में इन अवैध निर्माणो के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही हरिद्धार विकास प्राधिकरण द्वारा नही की गई लक्सर रोड़ पर मारूति वाटिका जगजीतपुर कनखल  में  बन रहे फ्लैट । पूर्व मे भी बनाये गये धार्मिक एवं पुण्यार्थ निरंजनी अखाड़ा की सम्पत्ति जो कुम्भ मेला छावनी यात्रियों .साधु संतों के लिए ठहरने के लिए यह भूमि  है  । निरंजनी अखाड़ा की भूमि है  जिस पर व्यवसायिक निर्माण नही हो  सकता  जिला  जज  से  बिना अनुमति और प्रशासन से भू – परिवर्तन कराना होता है।  जो नही कराया गया  इस भूमि पर रोक लगनी होगी  जो फ्लैट बैचे जा रहे है  ।    उनकी किमत 30 लाख से डेढ़ करोड़ तक है जो पैसे भू माफिया लेते है वह धन बिना टेक्स दिये ब्लैक मणी का धन है जो कानूनन चोरी है । मारूति वाटिका मे लोग रह रहे है उनके ब्यान पटवारी द्वारा तहसीलदार द्वारा दर्ज कराये सच्चाई सामने होगी
हिंदू मंदिर एक्ट एक सामान्य शब्द है जो भारत में हिंदू मंदिरों के प्रबंधन और वनी यमन से संबंधित विभिन्न कानून और अधिनियम को संदर्भित करता है इसमें 1951 का मद्रास हिंदू धार्मिक और धर्मात बंदोबस्त अधिनियम और 1997 का कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मन बंदोबस्ती अधिनियम शामिल है इन कानून का उद्देश्य मंदिरों की संपत्तिआए

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