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जगजीतपुर शराब का ठेका हटाने को एडवोकेट कमल भदोरिया ने मुख्यमंत्री से की मांग । News 100
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण से ग्रामीण इलाके के आबादी वाले क्षेत्रों में मकान बनाने के लिए अब नक्शा नहीं पास कराना होगा। लोग बिना नक्शे के ही अपना मकान बना सकेंगे। प्राधिकरण की गुरुवार को 84वीं बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि नगर निकाय क्षेत्र की सीमा से बाहर बसे गांवों के पुराने आबादी वाले क्षेत्रों (श्रेणी छह (2) की भूमि) पर बने या बनने वाले मकानों को अब मानचित्र स्वीकृति कराने की जरूरत नहीं होगी।
सेवा में                         श्री मान सहायक अभियन्ता   हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार  /     विषय   : श्री  प्रेमसिंह रावत  ग्राम कागड़ी जिला हरिद्वार द्वारा बिना नक्शा पास बनाया कौर्मिशियल निर्माण व रेस्टोरेन्ट जाँच कर ध्वस्ति करण किये जाने की मांग !  महोदय   विन्रम निवेदन है , ग्राम कांगड़ी शयामपुर मुख्यरोड पर  manat DHAWA नाम से बहुत बड़ा निर्माण सड़क का अतिक्रमण , किसी भी सहकारी महकमें से कोई NOC नही ली गई  फूट सप्लाई विभाग की NOC नही विभाग की घटिया कई दिनो का बासी व्यंजन जो फ्रिज मे रखा जाता है ग्राहको को परोस रहें हैं। सबसे बड़ी बात है हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार से मानचित्र          स्विकृत नही है। स्थलिय निरीक्षण (जाँच ) कर सील किया जाना जनहित मे हमारी प्रार्थना है , न्यायालय के दरवाजे तो खुल्ले यदि आप इस अवैध निर्माण पर कार्यवाही नही करेंगे।  आप अपनी इमानदारी से विधिवद कार्रवाई करें,  (1) PWD की NOC – (2) स्वास्थ्य विभाग की NOC – (3 )
सेवा मे श्री मान मुख्य सचिव महोदय देहरादून                                               श्री मान शहरी आवास सचिव महोदय देहरादून                                                                                                  श्री मान उपाध्यक्ष महोदय               हरिद्धार रुड़की विकास प्राधिकरण हरिद्वार   विषय : भवन स्वामी द्वारा सभी नियमों की धज्जिया उडाते हुए  कौर्मिशियल निर्माण सील किये जाने के संबंध में !   महोदय            निवेदन है कि हरिद्धार जनपद मे बिल्डिंग बायलाज की उड़ाई जा रही    हैं ।              धज्जियां अतिक्रमण कर भवन स्वामी बायलाज का उल्लघन कर कौर्मिशियल भवन का निर्माण कर HRDA के नियमों का पालन नही कर अवैध निर्माण कर रहे हैं। व्यवसायिक निर्माण 60 – – 40  का जो रेशो है पालन करें।                              महोदय सादर अरोध है कि भ्रष्ट्राचार के चलते सभी मानक और नियमों की धज्जियाँ उड़ा दी गई ।   शंकर आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार  मे अवैध निर्माण    श्री मति राका गर्ग द्वारा अवैध निर्माण किया गया है मानचित्र जो HRDA विभाग दिया गया है उसके विपरित्त निर्माण का होना कई सवाल पैदा करता है । विभाग को बार – बार शिकायते देने के बाद भी अवैध निर्माण किया गया विभाग के नियमों का पालन ना करना साईड बैक कवर्ड कर निर्माण किया जाना प्राधिकरण के नियमों की खुल्ले आम धज्जियां उडाते हुए अवैध निर्माण किया गया है,   सहायक अभियन्ता द्वारा मोटी जेब गरम हुई जो अवैध निर्माण सील नही हुआ और मानचित्र के विपरित्त कौर्मिशियल निर्माण हो रहा है। सहायक अभियन्ता को स्थलिये निरीक्षण के लिये आदेश किये जायें आन्यथा पहाड़ी महिला सभा धरण प्रदर्शन कर प्राधिकरण का भ्रष्टाचार उजागर करेंगे।     सब जिम्मेदारी आपकी होगी !   अस्पताल बनाने के नियम क्या क्या है आप नियमों से अनुमति प्रदान करें।                            चारो तरफ से 100 % कर्वड कर निर्माण जो होस्�

सेवा में
श्रीमान  जिला अधिकारी महोदय रोशनाबाद हरिद्वार

विषय : धार्मिक एवं पूण्यार्थ उद्देश्य की भूमि जिस पर निरंजनी अखाड़े के श्री महंत  रवींद्रपुरी द्वारा भू माफिया के साथ मिलकर आवास एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए करोड़ों रुपए नगद लेकर धार्मिक भूमि पर अवैध आवास एवं व्यावसायिक निर्माण करने से सरकार को राजस्व घाटा की जांच कराए जाने के संबंध में।  

महोदय                                          सादर अनुरोध करना है कि उपरोक्त विषय – पत्र लगातार आप श्रीमान महोदय को प्रेषित किए जा रहे हैं जिसमें स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है कि हरिद्वार में धार्मिक एवं पूण्यार्थ उद्देश्यों की सार्वजनिक भूमि जो निरंजनी अखाड़ा मायापुर हरिद्वार के अधीन चली जाती है जिस पर कई अखाड़ों के द्वारा भू व्यवसाययों से मिलकर के उन्हें धार्मिक संपत्ति को आवासीय एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए नगद में पैसा प्राप्त कर उपलब्ध कराई जाती है। मनीटावर कनखल –  मारुति वाटिका जगजीतपुर कनखल लक्सर रोड कनखल हरिद्धार – कार्तिकेय कुंज –  मनीटावर कनखल की जाँच स्वयं डी एम सहाब आप करें या हरिद्वार विकास प्राधिकरण का नेक इमानदार अधिकारी करे ,         मंहत रविन्द्रपुरि . भूमाफिया बिल्डर का गठजोड़ धार्मिक एवं पुण्यार्थ की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण विशाल फ्लेट बनाकर व्यापार किया गया राजस्व की चोरी स्टाम्प की चोरी  ADM वित्त SDM सदर व नगर मैजिस्ट्रेट साथ हरिद्धार IB – व Liu के अधिकारी भी शामिल किये किये जाये जांच करायें सच्चाई की रिपोर्ट सामने होगी CBi जांच के लिए उच्च न्यायालय से आदेश करायें जायेंगे किस तरंह से महंत और बिल्डरों का गिरोह हरिद्धार विकास प्राधिकरण का गठजोड  भारी राजस्व का दोषी है ।
महोदय                                  इस कारण से राजस्व का भारी नुकसान तो हो ही रहा है इसके साथ ही हरिद्वार में कुंभ मेले की भूमि में भी बड़ी

नीचे के छायाचित्र उन भंडारा खाने वाले संतों के हैं जो बड़े-बड़े मठाधीशों के भंडारों में भीड़ बढ़ाते हैं ताकि दानी सज्जन इन दरिद्र संतों की चिकित्सा और भोजन व्यवस्था के नाम पर मोटा दान चंदा दे सके?
साथियों उत्तराखंड में जिस प्रकार से बरसात के कारण पहाड़ों में जलजला है और नदियों में भारी तूफान है उससे हरिद्वार के निचले गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है लेकिन हरिद्वार में सप्त सरोवर क्षेत्र में गंगा के किनारे भंडारा खाने वाले गेरुआ वस्त्र धारी तथाकथित संत जो परिवार के साथ भंडारों में प्राप्त नगदी के लिए आश्रमों का आश्रय लेकर अपने जीवन का भरण पोषण कर रहे हैं और गंगा किनारे प्रजनन में लगे हुए हैं आज गंगा नदी में काफी जलस्तर बढ़ने के कारण उनकी झोपड़ियां तक पानी आ गया है। जिस कारण से यह लोग गंगा के ऊपर बने हुए बंदे पर आकर बैठ गए हैं सनातन धर्म को संचालित करने वाले ठेकेदार जो बड़े-बड़े मठाधीश हैं एवं सनातन धर्म की जय जय कार करने वालो के नाम पर मोटा चंदा लेकर के दरिद्र नारायण रंगे हुए वस्त्रों की दरिद्रता को दिखा करके मोटा चंदा प्राप्त करने वाले मठाधीश केमठ के दरवाजे इनके लिए नहीं खुले इनकी पूरी गृहस्ती सड़क पर आकर खड़ी हो गई है लेकिन मजाल है कि किसी संत ने अपने मठ के द्वार उन वस्त्र धारी दरिद्र नारायण संतों के लिए खोले हो?
हरिद्वार में दो ऐसे धार्मिक संस्थान हैं जो लगातार इन दरिद्र नारायण को भोजन सुबह श्याम कराते हैं नंबर एक है बाबा बंसी वालों का आश्रम और नंबर दो पर है गीता कुटीर जिसमें फकड़ो के लिए सुबह श्याम भोजन की व्यवस्था एवं अन्यआवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था उपलब्ध निरंतर कई वर्षों से कराई जाती है।
क्या इन सभी मठाधीश ओं को ऐसे समय में जब गंगा नदी उफान पर है और उनके रहने के स्थानों पर पानी भर गया है उनके दैनिक उपयोग की खाने पीने की वस्तुएं एवं वस्त्र भी गए हैं ऐसी स्थिति में यह लोग सब सड़क पर आकर बैठ गए हैं ऐसे में किसी भी संतो ने अपने मठों के द्वार इन दरिद्र नारायण गेरुआ वस्त्र धारी संतों के लिए नहीं खोले हैं हम सभी शहर वालों को यह ध्यान में रखना होगा जो सनातन के लिए बातें करते हैं सनातन का पाठ इन बड़े-बड़े मठाधीश ओं को अवश्य  पढ़ाएं। प्रशासन को चाहिए था कि इन दरिद्र नारायण संतो के लिए मठों के द्वार खुलवाए जाएं और बरसात के इस मौसम में उन्हें मठों के अंदर रखा जाए?
जिनकी मोटी आय जीन की फोटो दिखा करके प्राप्त की जाती है

सेवा में
श्रीमान  जिला अधिकारी महोदय रोशनाबाद हरिद्वार

धार्मिक एवं पूर्णार्थी उद्देश्य की भूमि जिस पर निरंजनिया अखाड़े के श्री महेंद्र रवींद्र पुरी द्वारा भूमियों के साथ मिलकर आवास एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए करोड़ों रुपए नगद लेकर के धार्मिक भूमि पर अवैध आवास एवं व्यावसायिक निर्माण करने से सरकार को राजस्व घाटा की जांच कराए जाने के संबंध में।

महादेव से साधारण रोड करना है कि उपरोक्त विषय एक पत्र लगातार आप श्रीमान महोदय को प्रेषित किए जा रहे हैं जिसमें स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है कि हरिद्वार में धार्मिक एवं पूर्णार्थ उद्देश्यों की सार्वजनिक भूमि जो अखाड़ो के अधीन चली जाती है जिस पर कई अखाड़ों के द्वारा भू व्यवसाययों से मिलकर के उन्हें धार्मिक संपत्ति को आवश्यक एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए नगद में पैसा प्राप्त कर उपलब्ध कराई जाती है।
महोदय इस कारण से राजस्व को भारी नुकसान तो हो ही रहा है इसके साथ ही हरिद्वार में कुंभ मेला की भूमि में भी बड़ी मात्रा में कमी आ रही है यहां पर यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुंभ मेले में नागा साधुओं के लिए और अन्य साधुओं के मढ़ी अस्तबल एवं हाथियों के लिए के लिए सुरक्षित स्थान जो अखाड़े की भूमि थी उसे पर कई कारों के द्वारा बड़े-बड़े अपार्टमेंट भू माफिया के साथ मिलकर खड़े कर दिए गए हैं।
यहां पर यह अवगत करना आवश्यक हो जाता है कि यह सब कार्य महत्व के द्वारा हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ कॉलोनाइजरों की हिस्सेदारी के चलते बिना भवन मानचित्र के खड़े किए जा रहे हैं बड़े निर्माण के लिए राज्य भर की एजेंसी रेरा द्वारा बड़े निर्माण के लिए स्वीकृति लिया जाना आवश्यक होता है लेकिन यह पत्रावली हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के द्वारा संचालित होनी थी जब रहरास से उपरोक्त संदर्भ में पत्राचार किया गया तो उन्होंने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से स्पष्टीकरण लिया जी स्पष्टीकरण में स्पष्ट रूप से हरिद्वार रुड़की के विकास प्राधिकरण ने रेरा को बताया कि यह फॉर्म अथवा कंपनी हमारे यहां पंजीकृत नहीं है।
महोदय यहां पर यह विषय आपके संज्ञान में लाना आवश्यक है कि देश में सभी व्यवस्थाएं सुचारू से संविधान के तहत संचालित हो इसके लिए अलग-अलग एजेंसियों के अलग-अलग अधिकार एवं शक्तियां प्राप्त हैं उसके उपरांत भी निर्माण करने के लिए भवन मानचित्र स्वीकृत करने वाली एजेंसी हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण सरकार को हो रहे करोड़ों रुपए के राजस्व घाटे पर क्यों संज्ञान नहीं ले रहा है यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें संज्ञान से यह प्राप्त होता है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के प्रमुख अधिकारियों का कॉलोनाइजरों के साथ हिस्सेदारी के आधार पर अवैध निर्माण संचालित हो रहे हैं।
यहां पर यह भी अवगत करना है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण में अखाड़े के महंत लिख करके यह देते हैं कि हमें अपने अनुयायियों को ठहरने के लिए कुंभ मेला के अवसर पर उनको व्यवस्था प्रदान करने के लिए भवन निर्माण करना है और वह प्राधिकरण में लेनदेन करके बिना मानचित्र स्वीकृति के बड़े-बड़े आवासीय अपार्टमेंट एवं व्यवसायिक परिसर स्थापित कर देते हैं।
महोदय यहां पर यह भी अवगत करना है कि सामाजिक कार्यकर्ता जीप बड़वानी द्वारा कुंभ मेले को लगातार कुंभ मेले के अवसर पर यह अनुरोध किया जाता रहा है कि अखाड़े के तमाम आवासीय अपार्टमेंटों को कुंभ मेले के लिए यात्रियों को ठहरने के लिए खाली कराया जाए लेकिन कुंभ मेला ऐसा नहीं कर पाया जिस कारण से लगातार प्रभावशाली संतों के कारण धार्मिक एवं  एवं पूर्णिया अर्थ उद्देश्य की कुंभ मेला भूमि पर अवैध रूप से आवास एवं व्यावसायिक निर्माण कॉलोनाइजर एवं भू माफिया के शक्तिशाली गठ-जोड़ प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बनाते हुए स्थापित किया जा रहे हैं निर्माण हो रहे हैं सरकार का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है और कोई भी जनपद का प्रभावशाली अधिकारी जो संवैधानिक शक्तियों से परिपूर्ण है कार्रवाई करने में बौना साबित हो रहा है।
महोदय संज्ञान लेना चाहे की निरंजनी अखाड़ा के प्रभावशाली अध्यक्ष महेंद्र पुरी के द्वारा देश रक्षक चौराहे के सामने मनी टावर कार्तिक के कुंज मारुति वाटिका आदि स्थानों के लिए हजारों एकड़ भूमि भू माफिया को आवश्यक एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए दी गई है जो पूर्ण रूप से गैर विधिक है कई जगह तो ऐसा हुआ है कि महंत के द्वारा धार्मिक संपत्तियों की रजिस्ट्री तक कर दी गई है जबकि बिना जिला जज महोदय की अनुमति से ऐसा संभव नहीं है लेकिन वहां पर है जहां पर कानून का राज स्थापित है जनपद हरिद्वार में ऐसा प्रतीत होता है कि कानून का कोई राज स्थापित नहीं है जिस कारण से लगातार संबंधित संवैधानिक शक्तियों से परिपूर्ण अधिकारियों को शिकायत करने के उपरांत भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यहां पर यह आपके संज्ञान में लाना आवश्यक हो जाता है कि कॉलोनाइजरों द्वारा आवासीय अपार्टमेंट में थ्री रूम तू रूम पर रूम सेट बनाए जाते हैं जिसे वह नगद में 30 लाख से 80 लख रुपए तक प्राप्त करते हैं और ₹100 के स्टांप पेपर पर किराएदारी लिखकर के उनको बिजली पानी की आपूर्ति हेतु संबंधित विभागों विद्युत विभाग एवं जल विभाग के द्वारा कनेक्शन आपूर्ति की जाती है।
महोदय यहां पर यह भी अवगत करना है कि कई आवासीय अपार्टमेंट और व्यावसायिक परिसर में कॉलोनाइजरों द्वारा भूजल का दोहन प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है और इसके लिए उन्होंने जल संस्थान से कोई भी अनुमति नहीं ली गई है।
अतः आप श्रीमान महोदय से अनुरोध करना है कि उपरोक्त विषयक शिकायत का संज्ञान लेना चाहेंगे जिससे सरकार को हो रहे करोड़ों रुपए के प्रति माह राजस्व घाटे को बचाया जा सके और अवैध निर्माण जो धार्मिक एवं पूर्णिया टू उद्देश्य की भूमि पर अखाड़े के स्वामियों द्वारा नगद में करोड़ों रुपया प्राप्त कर भू माफिया एवं कॉलोनाइजरों को धार्मिक एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि निर्माण के लिए दी गई है और वह निर्माण संपूर्ण रूप से गैर विधि के रूप से निर्मित किया जा रहे हैं जिसमें किसी भी प्रकार का कोई मानचित्र स्वीकृत आवासीय मापदंडों एवं व्यवसाय मापदंडों के आधार पर नहीं हो रहा है जिसके लिए हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी सरकार के राजस्व घाटे को बढ़ावा देने और संतों के साथ सार्वजनिक भूमि के पूर्व किए जाने के गठजोड़ में प्रभावी कार्यवाही करने की कृपा करेंगे।
धन्यवाद

प्रार्थी
नवीन अग्रवाल
बैरागी कैंप शेखूपुर कनखल हरिद्वार
प्रतिलिपि सूचनाओं सेवा में आवश्यक कार्यवाही हेतु
श्रीमान मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून।
श्रीमान राजस्व सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून
प्रार्थी
नवीन अग्रवाल

अभी अभी : फायरिंग से दहला ऋषिकुल क्षेत्र, पुलिस कर रही मामले की जांच

सेवा में
श्रीमान  जिला अधिकारी महोदय रोशनाबाद हरिद्वार

विषय : धार्मिक एवं पूण्यार्थ उद्देश्य की भूमि जिस पर निरंजनी अखाड़े के श्री महंत  रवींद्रपुरी द्वारा भू माफिया के साथ मिलकर आवास एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए करोड़ों रुपए नगद लेकर धार्मिक भूमि पर अवैध आवास एवं व्यावसायिक निर्माण करने से सरकार को राजस्व घाटा की जांच कराए जाने के संबंध में।  

महोदय                                          सादर अनुरोध करना है कि उपरोक्त विषय – पत्र लगातार आप श्रीमान महोदय को प्रेषित किए जा रहे हैं जिसमें स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है कि हरिद्वार में धार्मिक एवं पूण्यार्थ उद्देश्यों की सार्वजनिक भूमि जो निरंजनी अखाड़ा मायापुर हरिद्वार के अधीन चली जाती है जिस पर कई अखाड़ों के द्वारा भू व्यवसाययों से मिलकर के उन्हें धार्मिक संपत्ति को आवासीय एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए नगद में पैसा प्राप्त कर उपलब्ध कराई जाती है। मनीटावर कनखल –  मारुति वाटिका जगजीतपुर कनखल लक्सर रोड कनखल हरिद्धार – कार्तिकेय कुंज –  मनीटावर कनखल की जाँच स्वयं डी एम सहाब आप करें या हरिद्वार विकास प्राधिकरण का मंहत रविन्द्रपुरि . भूमाफिया बिल्डर का गठजोड़ धार्मिक एवं पुण्यार्थ की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण विशाल फ्लेट बनाकर व्यापार किया गया राजस्व की चोरी स्टाम्प की चोरी  ADM वित्त SDM सदर व नगर मैजिस्ट्रेट साथ हरिद्धार IB – व Liu के अधिकारी भी शामिल किये किये जाये जांच करायें सच्चाई की रिपोर्ट सामने होगी किस तरंह से हरिद्धार विकास प्राधिकरण का गठजोड ही भारी राजस्व का दोषी है
महोदय इस कारण से राजस्व का भारी नुकसान तो हो ही रहा है इसके साथ ही हरिद्वार में कुंभ मेले की भूमि में भी बड़ी मात्रा में कमी आ रही है यहां पर यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि कुंभ मेले में नागा साधुओं के लिए और अन्य साधुओं के मढ़ी अस्तबल एवं  हाथियों के  लिए सुरक्षित स्थान जो अखाड़े की भूमि थी उस पर कलोनाइजर के द्वारा बड़े-बड़े अपार्टमेंट भू माफियाओं के साथ मिलकर खड़े कर दिए गए हैं।
यहां पर यह अवगत करना आवश्यक हो जाता है कि यह सब कार्य                हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ कॉलोनाइजरों की हिस्सेदारी के चलते बिना भवन मानचित्र स्वीकृति के खड़े किए जा रहे हैं बड़े – निर्माण के लिए राज्य भर की एजेंसी       रेरा द्वारा बड़े निर्माण के लिए स्वीकृति लिया जाना आवश्यक होता है लेकिन यह पत्रावली हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के द्वारा संचालित हो रही हैनी थी जब रेरा से उपरोक्त संदर्भ में पत्राचार किया गया तो उन्होंने हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण से स्पष्टीकरण लिया जो स्पष्टीकरण में स्पष्ट रूप से हरिद्वार रुड़की  विकास प्राधिकरण ने रेरा को बताया कि यह फर्म अथवा कंपनी हमारे यहां पंजीकृत नहीं है।        मनी टावर
महोदय यहां पर यह विषय आपके संज्ञान में लाना आवश्यक है कि देश में सभी व्यवस्थाएं सुचारू से संविधान के तहत संचालित हो रही है इसके लिए अलग-अलग एजेंसियों के अलग-अलग अधिकार एवं शक्तियां प्राप्त हैं उसके उपरांत भी निर्माण करने के लिए भवन मानचित्र स्वीकृत करने वाली एजेंसी हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण सरकार को हो रहे करोड़ों रुपए के राजस्व घाटे पर क्यों संज्ञान नहीं ले रहा है यह एक महत्वपूर्ण विषय है जिसमें संज्ञान से यह प्राप्त होता है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के प्रमुख अधिकारियों का कॉलोनाइजरों के साथ हिस्सेदारी के आधार पर अवैध निर्माण संचालित हो रहे हैं।
यहां पर यह भी अवगत करना है कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण में अखाड़े के महंत लिख करके यह देते हैं कि हमें अपने अनुयायियों श्रदालुओ को ठहरने के लिए कुंभ मेला के अवसर पर उनको व्यवस्था प्रदान करने के लिए भवन निर्माण करना है और वह प्राधिकरण में लेनदेन करके बिना मानचित्र स्वीकृति के बड़े-बड़े आवासीय अपार्टमेंट एवं व्यवसायिक परिसर स्थापित कर देते हैं।
महोदय यहां पर यह भी अवगत करना है कि सामाजिक कार्यकर्ता  जे पी बड़ोनी द्वारा कुंभ मेले को लगातार कुंभ मेले के अवसर पर यह अनुरोध किया जाता रहा है कि अखाड़े के तमाम आवासीय अपार्टमेंटों को कुंभ मेले के लिए यात्रियों को ठहरने के लिए खाली कराया जाए लेकिन कुंभ मेला ऐसा नहीं कर पाया जिस कारण से लगातार प्रभावशाली संतों के कारण धार्मिक एवं  एवं पूर्णियार्थ उद्देश्य की कुंभ मेला भूमि पर अवैध रूप से आवास एवं व्यावसायिक निर्माण कॉलोनाइजर एवं भू माफिया के शक्तिशाली गठ-जोड़ प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बनाते हुए स्थापित किया जा रहे हैं जीस कारण अवैध निर्माण हो रहे हैं सरकार का करोड़ों रुपये  का नुकसान हो रहा है और कोई भी जनपद का प्रभावशाली अधिकारी जो संवैधानिक शक्तियों से परिपूर्ण है कार्रवाई करने में बौना साबित हो रहा है।
महोदय संज्ञान लेना चाहे की निरंजनी अखाड़ा के प्रभावशाली  मंहत् अध्यक्ष रविन्द्रपुरी  के  द्वारा  देश रक्षक चौराहे के सामने मनी टावर कार्तिकेय  कुंज मारुति वाटिका आदि स्थानों के लिए हजारों एकड़ भूमि भूमाफिया को आवाशीय एवं व्यावसायिक निर्माण के लिए दी गई है जो पूर्ण रूप से गैर विधिक है कई जगह तो ऐसा हुआ है कि महंत के द्वारा धार्मिक संपत्तियों की रजिस्ट्री तक कर दी गई है जबकि बिना जिला जज महोदय की अनुमति से ऐसा संभव नहीं है लेकिन वहां पर है जहां पर कानून का राज स्थापित है जनपद हरिद्वार में ऐसा प्रतीत होता है कि कानून का कोई राज स्थापित नहीं है जिस कारण से लगातार संबंधित संवैधानिक शक्तियों से परिपूर्ण अधिकारियों को शिकायत करने के उपरांत भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
यहां पर यह आपके संज्ञान में लाना आवश्यक हो जाता है कि कॉलोनाइजरों द्वारा आवासीय अपार्टमेंट में थ्री रूम दु रूम फोर रूम सेट बनाए जाते हैं जिसे वह नगद में 30 लाख से 80 लख रुपए तक प्राप्त करते हैं और ₹100 के स्टांप पेपर पर किराएदारी लिखकर के उनको बिजली पानी की आपूर्ति हेतु संबंधित विभागों विद्युत विभाग एवं जल विभाग के द्वारा कनेक्शन आपूर्ति की जाती है।
महोदय यहां पर यह भी अवगत करना है कि कई आवासीय अपार्टमेंट और व्यावसायिक परिसर में कॉलोनाइजरों द्वारा भूजल का दोहन प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है और इसके लिए उन्होंने जल संस्थान से कोई भी अनुमति नहीं ली गई है।
अतः आप श्रीमान महोदय से अनुरोध करना है कि उपरोक्त विषयक शिकायत का संज्ञान लेना चाहेंगे जिससे सरकार को हो रहे करोड़ों रुपए के प्रति माह राजस्व घाटे को बचाया जा सके और अवैध निर्माण जो धार्मिक एवं पूर्णियार्थउद्देश्य की भूमि पर अखाड़े के स्वामियों द्वारा नगद में करोड़ों रुपया प्राप्त कर भू माफिया एवं कॉलोनाइजरों को धार्मिक एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि निर्माण के लिए दी गई है और वह निर्माण संपूर्ण रूप से गैर विधि के कानून के सभी नियमो के विरुद्ध रूप से निर्मित किया जा रहे हैं जिसमें किसी भी प्रकार का कोई मानचित्र स्वीकृत आवासीय मापदंडों एवं व्यवसाय मापदंडों के आधार पर स्वीकृत नहीं  है   जाँच स्वयः DM सहाब स्थलिय निरिक्षण करें भ्रष्टाचार का अवैध अतिक्रमण देखा जा सकता है जिसके लिए                     हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी सरकार के राजस्व घाटे को बढ़ावा देने और अवैध निर्माणों बिना प्राधिकरण नियम के निर्माण कराने की छूट हमारी प्रार्थना यही है – हरिद्धार विकास प्राधिकरण और संतों के साथ सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण पर कार्यवाही हो   पूर्व मे किए गये अवैध निर्माण वजाने के गठजोड़ में प्रभावी कार्यवाही करने की कृपा करेंगे साथ हि उपरोक्त अवैध निर्माण को सील अथवा  ध्वस्तीकरण करने कि कृपा करेंगे।
धन्यवाद                                           नोट : इस प्रकरण पर जल्द जांच रिपोर्ट नही लगााई जाती है तो मुझे अनिश्चित कालिन अपने परिवार के साथ भूख हड़ताल पर सार्वजनिक चौराहा तुलसी चौक या  चन्द्राचार्य चौक रानीपुर मौड़ पर अपने परिवार बेटी एडवोकेट ईशा आग्रवाल – पत्नि सविता अग्रवाल – में स्वयं नवीन अनमोल गोयल एवं अपनी शिष्य कर्मयोगी कल्याण कारी समिति  अध्यक्ष बहन पुनम वाल्मीकि .सुशील वाल्मीकि -पूजा राजपूत राहुल राजा – ऋतू गुप्ता – उषा देवी – साथ – सर्मथन मे समाजिक वृद्ध ( सिनियर सिटिजन ) राजनिति दल UKD – भीम आर्मी – शिव सेना – किसान युनियन – के साथ धरना प्रदर्शन होगा जिम्मेवार आप होगे – पत्राचार बार बार किये गये जांच दवाब मे ठण्डे बस्ते मे डाल दी गई – मारुति अर्पाटमेंट पर निर्माण कार्य तेजी से प्लैटों को बनाया जा रहा है निर्माण कार्य नही रोका गया – जबकी प्राधिकरण ने लिख कर दिया है – नक्शा पास नही है – नाही पंजिकृत है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध हल्ला बोल धरना जल्द हो शुरू ।

प्रार्थी
नवीन अग्रवाल
बैरागी कैंप शेखूपुरा कनखल हरिद्वार
प्रतिलिपि सूचनार्थ सेवा में आवश्यक कार्यवाही हेतु
श्रीमान मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून।
श्रीमान राजस्व सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून
प्रार्थी
नवीन अग्रवाल  . H .N  2 5 O बैरागी कैम्प कनखल हरिद्धार –

शुभ प्रभात

एक खुशहाल जीवन जीने के लिए यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि जो कुछ भी हमारे पास है… वो ही सबसे अच्छा है…      कभी भी दुसरो जैसा मत बनने का प्रयास करें ऐसा करने वाले इन्सान सिर्फ टेशन का जीवन व्यतित कर रहे है क्या आप तो ऐसा नही करते आप अगर हिरस का जीवन जी रहे है तो हमेशा दुखी रहेंगे – जीवन को दुख हम खुद ही बुला रहे है। वर्ना भगवान ने इन्सान को पुर्ण कर भेजा है आवश्यकता नही क्रीम पावडर की नेचुरल ही सेफी सैन्ट है।   आप अपने मित्र को भेजे समझदार इन्सान ही समझते है मूर्ख कभी समझेगा नही उसे समझाना भी नही ! मुझे भी भेजे अपने सभी साथियों को – मुझे लाईक करें। NAVEEN

शुभ प्रभात

एक खुशहाल जीवन जीने के लिए यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि जो कुछ भी हमारे पास है… वो ही सबसे अच्छा है…      कभी भी दुसरो जैसा मत बनने का प्रयास करें ऐसा करने वाले इन्सान सिर्फ टेशन का जीवन व्यतित कर रहे है क्या आप तो ऐसा नही करते आप अगर हिरस का जीवन जी रहे है तो हमेशा दुखी रहेंगे – जीवन को दुख हम खुद ही बुला रहे है। वर्ना भगवान ने इन्सान को पुर्ण कर भेजा है आवश्यकता नही क्रीम पावडर की नेचुरल ही सेफी सैन्ट है।   आप अपने मित्र को भेजे समझदार इन्सान ही समझते है मूर्ख कभी समझेगा नही उसे समझाना भी नही ! मुझे भी भेजे अपने सभी साथियों को – मुझे लाईक करें। NAVEEN

साथियों नमस्कार
अत्यंत दुखद विषय के साथ सरकार द्वारा जनित प्रकृति के दोहन के विकास के चलते हिमालय क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है जिसमें कल उत्तरकाशी के धारली में बादल फटने के कारण मानव ,मवेशीयो के हताहत होने की सही सूचना संचालित रेस्क्यू के समाप्त होने के उपरांत ही स्पष्ट हो पाएगी।
स्पष्ट प्रमाण और दावे के साथ कहा जा सकता है कि पहाड़ पर बस्ती वाले पहाड़ियों के पूर्वज निश्चित रूप से बहुत बड़े भूगर्भ शास्त्री रहे होंगे उनके द्वारा स्थापित गांव में कभी भी ना बादल फटा ना पहाड़ गिरने की घटना हुई केवल ऐसे गांव में बादल फटे पत्थर गिरे पहाड़ टूटे जिन्होंने सुविधा का ध्यान रखते हुए पुराने बेस बेस गांव से अलग अपना बसेरा बसाया चाहे वह बसेरा खुद पहाड़ के लोगों ने बसाया अथवा पहाड़ों पर भौतिकवाद के विकास के कारण पृथक रूप से प्रकृति को पंचतारा संस्कृत में बदलने की सोच विकसित की गई वहीं पर ऐसी घटनाएं सामने आई हैं चाहे कहीं की भी घटना का वर्णन कर ले जहां पर बादल फटे हो अथवा पहाड़ टूटे हूं वह पूर्वजों के द्वारा बसाई हुई गांव नहीं है निश्चित रूप से पहाड़ के आदि संख्यक आबादी नदियों के किनारे पर निवास करती है और जंगलों को संस्कृत करने की सामाजिक संरचना की जो भावना थी उसी के कारण हमारी संस्कृति वनों से विकसित हुई है और विश्व में हमारी ही नहीं कई वैश्विक देश की संस्कृति भी वनों के द्वारा विकसित हुई है बैंड समृद्ध देश चाहे वह इथोपिया हो ब्राज़ील हो नीदरलैंड हो ऑस्ट्रेलिया हो सभी का कर्मिक विकास वनों से हुआ है बन हमारी संस्कृति और पशुधन की भरण पोषण की मुख्य संरक्षण साल रही है।
हिमालय क्षेत्र एक शांत प्रिया क्षेत्र है एक दौर में बाबा बद्री विशाल के यहां तो शंख और घंटे घड़ियाल बजाने की भी अनुमति नहीं थी लेकिन आज पंचतारा संस्कृति के चलते तीर्थ स्थलों तक यातायात के शुभम साधन बन गए हैं हेली सेवा उपलब्ध हो गई है क्योंकि विकास बहुत तेजी से हिमालय क्षेत्र को निगलने के लिए उतारू है।
आज के व्यावसायिक वैज्ञानिक मनुष्य द्वारा शांत हिमालय क्षेत्र में पंचतारा संस्कृति के विकास के लिए जिस प्रकार से विकास नाम का अपने व्यावसायिक विकास के पेजामी पहनकर प्रकृति पद सुंदरता को पंचतारा भौतिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनतंत्र की सरकार की पीठ पर सवार होकर जनतंत्र को कुचल ते हुए हिमालय क्षेत्र के परिवेश उसके पारिस्थितिक तंत्र उसकी संस्कृति इसकी सभ्यता को आधुनिक विकास के नाम पर विनष्ट करने के लिए पश्चिम सभ्यता के फेके हुए लंगोट को पहनकर सरकार से हिमालय क्षेत्र उसकी समृद्ध पारिस्थितिक तंत्र पर कब्जा करने के लिए जिस प्रकार की रणनीति बनाकर उत्तराखंड हिमालय क्षेत्र को कंक्रीट के स्ट्रक्चर में खड़ा करते हुए हिमालय क्षेत्र को रेगिस्तान बनाने की जो संयोजित षड्यंत्र रचा गया है उससे हिमालय को अत्यधिक खतरा हो गया है हाल ही के वर्षों में अभी तक 42 ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं जो उत्तराखंड की हिमालय संस्कृति और उसकी सभ्यता को निगल रही है।
वर्ष 2013 में बाबा केदार के क्षेत्र में बड़ी आपदा आई थी उसमें अभी तक कितने लोग इंद्रपुरी पहुंच गए उनका सही आंकड़ा सरकार आज तक बताने में सफल नहीं रही है कई वर्षों तक जंगलों में मानव कंकाल मिलते रहे। कुछ स्थानीय लोगों की माने तो उसे आपदा में 30000 से अधिक तीर्थ श्रद्धालु लापता हुए सरकार का आंकड़ा 7000 के पार नहीं कर सका विश्वास करना चाहिए हमें सरकार के आंकड़ों पर विश्वास किया गया पूरे विश्व में विश्वास किया लेकिन यह विश्व की ऐसी तृषादी है जिसे इतिहास कभी भूलने नहीं देगा।
चिंता की बात तो यह है कि जब लगातार हिमालय क्षेत्र में आपदाएं सरकार द्वारा आमंत्रित की गई हैं तो निर्दोष लोगों की जान माल की रक्षा करने के लिए ठोस उपाय क्यों नहीं किया जा रहे हैं क्या उसके पीछे के यह कारण है कि हिमालय क्षेत्र को रेगिस्तान बनाने के लिए आतुर कुछ भु- व्यावसायिक माफिया सरकार को खरीद देते हैं ब्यूरोक्रेट्स को खरीद देते हैं ताकि उनका पंचतारा विकास शांति हिमालय वीदियो में व्यवसायिक ता को उत्पन्न करें और उनकी जेबे भी र्गम होती रहे अगर आपदा आई भी तो वहां पर तैनात उनके कर्मचारी हताहत होंगे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह देहरादून से संचालित होती है और ब्यूरोक्रेट्स भी कभी जनता के होते ही नहीं है आज भी उत्तराखंड के कई गांव मौलिक अधिकारों में समृद्ध मानव अधिकारों से प्रदत्त सुविधाओं से भी वंचित है इसमें क्या वहां पर रहने वाले लोगों का दोष है या उन लोगों का दोष है जो जनता से वोट लेकर के सरकार चलाते हैं और फिर जनता के ही विरुद्ध कानून बनाते हैं।
निश्चित रूप से यह सभी आपदाएं प्रकृति प्रद लगते हैं लेकिन जब आप सरकार के एजेंट और सिस्टम में बैठे हुए ब्यूरोक्रेट्स का मानसिक रूप से अध्ययन करेंगे तो स्पष्ट होगा कि यह लोग केवल और केवल संपूर्ण रूप से व्यवसाय कर रहे हैं इस राज्य के संसाधनों को विनाश कर रहे हैं उन्हें भू माफिया और खनन माफिया को सौंप रहे हैं राज्य में प्रचुर मात्रा में दोहन कर कर मुनाफाखोर मुनाफा खा रहे हैं और आपदाओं में उत्तराखंड की निर्दोष जनता जीवन गवा रही है।
सरकार ने तो अपना एकमात्र एजेंडा बना दिया है की आपदा घटित होने दो और वहां पर हम सरकारी एजेंसी के साथ कैंप करने लग जाती है लगता है कि यही हमारे सच्चे हितोशी हैं जबकि ऐसा कतई नहीं है यह लोग हवाई सर्वेक्षण भी जमीनों की तलाश के लिए करते हैं कि अगला जंगल किस माफिया को बेचा जाए उन्हें आज पैसा चाहिए वह पैसा निर्दोष जनता की जीवन को दाव पर लगाकर आए या प्रकृति को तबाह करके आए वह आना चाहिए।
सरकार की अगर मानते हैं तो वर्ष 2011 में राज्य में संचालित प्रमुख चुंबकीय शक्ति मतों के लिए एक सुरक्षा समिति बनाई गई थी जिसमें काफी नियम थे वहां पर कोई हादसा होता है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई थी लेकिन वह आज तक प्रवान  नहीं चढ़ा उसके बाद वर्ष 2013 की बाबा केदार धाम में आई आपदा के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी को दंड नहीं दिया गया इसी प्रकार से आपदाएं आती रहेंगे निर्दोष लोग हादसो के शिकार हो जाएंगे सरकार रेस्वयू चलाकर मुआवजा बांट देगी और सिस्टम फिर दूसरे हादसे का इंतजार करेगा निश्चित रूप से या हादसा प्रकृति प्रद नहीं है सरकार द्वारा आमंत्रित आपदा है इसके लिए सरकार चाहे वह कांग्रेस रही हो अथवा वर्तमान की भाजपा सरकार दोनों ही जिम्मेदार हैं इसीलिए जागरूक राज्यों में शायद स्थानीय दालों की सरकार कई राज्यों में संचालित है केंद्रीय कृत दलों की सरकार राज्यों के मूल अवधारणा के विरुद्ध विकास करती है इस विकास को हमने देखा है ऑल वेदर रोड से इससे नदियों मी पहाड़ काटकर कितना सीट जमा किया गया कितने कितने व्रछो के प्रजातियां समाप्त की गई जो पारिस्थितिक तंत्र के लिए बहुत आवश्यक थी न तो यह परियोजना पूर्ण हुई और इससे क्षति अपार हो गई कहावत है तब गई सड़क मेरे गांव जब मेरे गांव के लोग शहर चले गए।
उत्तराखंड के कई गांव आज भी संपूर्ण रूप से खाली हो गए पलायन के लिए भी सरकार के पास कोई नीति है ना विधि है और न ही व्यवस्था है। उत्तराखंड के सम्मानित जनता को ही अब जागृत होना पड़ेगा 25 साल के उत्तराखंड के हो गए हैं अगर इन 25 सालों में भी हमने अपने राजनीतिक सत्ता दलों की नीति नहीं समझी तो फिर समझना भी मुश्किल है इसी तरह के हादसे पर हादसे  होते जाएंगे हवाई सर्वेक्षण होगा और फिर अधिकारी अगले किसी ठेकेदार को हमारे जंगलों को सौंप देंगे किसी को हाइड्रो पावर के लिए किसी को पंचतारा संस्कृति के विकास के लिए यह कभी नहीं समझ सकते कि हिमालय चाहता क्या है हिमालय के साथ छेड़खानी होना ज्यादा समय तक बर्दाश्त नहीं होगा उसकी परिणिति इसी प्रकार से होगी कि एक दिन उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं में समाप्त हो जाएगा और जो हिस्सा बचेगा वह फिर हिमालय के संसाधनों को लूटने के लिए सरकार की पीठ पर सवार होकर के हिमालय का बंटवारा करेगा हिमालय का ठेका ले लेगा।
साथियों यह हिमालय वहीं क्षेत्र है जहां पर वेदव्यास जी ने बाबा बद्री धाम की व्यास गुफा में श्रीमद् भागवत महापुराण की रचना की महाकवि कालिदास द्वारा काली मठ में अभिज्ञान शाकुंतलम् जैसे ग्रंथ का रचना की उसे क्षेत्र में इस प्रकार की आपदाएं आना निश्चित रूप से सरकार का फेलियर है जिसको हमें जल्दी से जल्दी समझना होगा ताकि हम खुद जिम्मेदारी लें हिमालय को बचाने के लिए सरकार के भरोसे हम हिमालय को नहीं छोड़ सकते।
आपदा में हताहत हुए दिवंगत पुण्य आत्माओं को शत-शत नमन शत-शत नमन
जय हिंद जय भारत जय बद्री जय केदार